जब हेमंत सरकार की आलोचना का नहीं मिल रहा मौका, तो सनातन धर्म और रथ मेला का सहारा लेकर घिनौनी राजनीति पर उतर आये है भाजपा नेता
दीपक प्रकाश क्या चाहते है कि उत्तराखंड में भाजपा की तरह झारखंडी जनता को फिर से कोरोना से मरने दें हेमंत सरकार!
रांची। झारखंड की जनता को पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी का दंश झेलना पड़ा है। संक्रमण की पहली और दूसरी लहर से सभी लोग आर्थिक तौर पर कमजोर हुए ही हैं, साथ ही हजारों लोगों की जानें भी गयी हैं। वहीं अभी तीसरी लहर के आने की संभावना जतायी जा रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन में रियायत देने का काम कर रहे हैं। लेकिन भाजपा नेता चाहते हैं कि हेमंत सरकार बिना सोच-विचार किये राज्य में सभी तरह की गतिविधि खोलने का निर्देश दें। इसमें मंदिर खोलने सहित हिंदु त्यौहार मानने की छूट देना शामिल हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने रथ यात्रा नहीं होने के कारण हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। हिंदु धर्म के कथित तौर पर ठेकेदार होने का दावा करने वाले दीपक प्रकाश क्या चाहते है कि जैसे भाजपा नेतृत्व वाली उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने कुंभ मेला का आयोजन कर कोरोना संक्रमण फैलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभागी, ठीक उसी तरह हेमंत सरकार भी झारखंडियों को कोरोना से मरने दें।
कुंभ से कोरोना फैला, यह किसी और ने नहीं सनातन धर्म मानने वालों ने ही उठाया था
बता दें कि अप्रैल में उत्तराखंड में कुंभ मेला का आयोजन की अनुमति भाजपा सरकार ने दी थी, तब देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी थी। कुंभ में कई संतों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सवाल उठा था कि कुंभ के कारण देश में संक्रमण की दूसरी लहर फैली थी। यह आरोप किसी अन्य ने नहीं, बल्कि सनातन धर्म को मान कर कुंभ में भाग लेने वाले अखाड़े ने ही लगाया था। कुंभ में शामिल होने वाले बैरागी अखाड़े का आरोप था कि कुंभ में कोरोना ‘संन्यासी अखाड़े’ के कारण फैला है। फिर जब कुंभ से लौटकर आए लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आने लगी थी, तब पूरे देश में यह चर्चा होने लगी थी कि संभवत: देश के कई इलाक़ों में कोरोना कुंभ के कारण ही फैला है। यह चर्चा कोई अन्य ने नहीं, बल्कि सनातन धर्म को मानने वालों ने ही उठाया था।
2014 से बेरोजगारी बढ़ाने वाले आज रोजगार का हवाला देकर हेमंत सरकार की कर रहे आलोचना
एक बार फिर प्रदेश भाजपा नेता धर्म का सहारा लेकर घिनौनी राजनीति करने में उतर आये है। दीपक प्रकाश का कहना है कि हेमंत सरकार सनातन धर्म के साथ खेलवाड़ कर रही है। दीपक प्रकाश चाहते थे कि राज्य सरकार को कोविड नियमों का पालन करते हुए रथ यात्रा निकालने की अनुमति देनी चाहिए थी। ऐसा होने से हजारों लोगों को रोजगार नसीब होता। दीपक प्रकाश को खुद पर शर्म आनी चाहिए, कि वे धर्म और रोजगार के नाम पर ऐसी घिनौनी राजनीति कर रहे हैं। जिस भाजपा ने सत्ता में आने के बाद से (मई-2014 से) करोड़ो देशवासियों से रोजगार छिन उन्हें बेरोजगार करने का काम किया है, वहीं आज रोजगार का हवाला देकर हेमंत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।
शायद ही किसी हिंदु या धर्म से जुड़े संगठन ने रथ यात्रा नहीं निकले जाने पर जतायी आपत्ति
दीपक प्रकाश को समझना चाहिए कि आज जिस हिंदु धर्म की बात कर दीपक प्रकाश हेमंत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, उसमें से शायद ही किसी ने रथ यात्र नहीं निकालने के आदेश पर आपत्ति जतायी है। न ही हिंदु धर्म से जुड़े संगठन ने सरकार पर किसी तरह का कोई आरोप लगाया। सभी जानते हैं कि धर्म तभी रह सकता है, जब जीवन बचा रहे। संक्रमण की पहली और दूसरी लहर से हजारों लोगों ने अपने संगे-संबंधियों को खोया है। लेकिन दीपक प्रकाश इस दर्द को नहीं समझ सकते। समझेंगे भी कैसे, पूरे कोरोना काल में दीपक प्रकाश और उनसे जैसे भाजपा के सभी नेता घर में दुबके रहे।