झारखण्ड : बोकारो के रहने वाले अजय को मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना के तहत सहायता पहुंचाते हुए ईलाज की तमाम प्रक्रिया शुरू हुई है. साथ ही सरकार की अन्य कल्याणकारी योजना से उसके परिवार को जोड़ने का कार्य हो रहा है.
रांची : झारखण्ड शासन के मौजूदा परिदृश्य में हेमन्त सोरेन की छवि एक संवेदनशील मुख्यमंत्री के रूप उभरा है. जो निश्चित रूप हेमन्त सरकार की शासन पद्धति को परिभाषित कर सकता है. ज्ञात हो, जब भी समस्याओं के बीच जनता द्वारा हेमन्त सोरेन को बतौर मुख्यमंत्री पुकारा गया है, उन्होंने जनता की पुकार न केवल सुनी है, निदान करने की दिशा में संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ते दिखे है.
केसे स्टडी 1 – झारखण्ड, बोकारो के रहने वाले अजय द्वारा दोनो किडनी फेल होने की स्थिति में, इलाज में खर्चे को देखते हुए सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की गई थी. अजय का कहना था कि उनके ईलाज में लाखों रुपये की जरूरत थी और सारी जमा पूंजी भी खर्च हो चुकी थी. उनके मदद के रास्ते बंद थे. ऐसे विषम परिस्थिति में मुख्यमंत्री द्वारा उपायुक्त बोकारो मामले की जांच कर असाध्य रोग उपचार योजना के तहत मदद प्रदान कर, परिवार और बच्चों को भी सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए तत्काल सूचित करने का आदेश दिया गया.
नतीजतन, मेडिकल टीम ने अजय का स्वास्थ्य जांच किया. उन्हें मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना के तहत सहायता पहुंचाते हुए ईलाज की तमाम प्रक्रिया शुरू की गई है. साथ ही सरकार की अन्य कल्याणकारी योजना से उसके परिवार को जोड़ने का कार्य हो रहा है.