झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन ने हर केन्द्रीय षड्यात्रों का खोज निकाला जवाब, लेकिन अपनी लोकतांत्रिक विचारधारा से नहीं डिगे. और सामन्ती राजनीति बैकफूट पर जाने को हुए विवश.
रांची : कहते हैं बुनियाद रहित विचारधारा पर खड़ी इमारत आखिरकार ताश के पत्ते की तरह ढह जाती है. वहीं जन कल्याण आधारित विचारधारा की नीव पर खड़ी इमारत बनने में वक्त ज़रुर लेती है. लेकिन उसकी मजबूती को पतझड़ की हवाएं बाल-बांका भी नहीं कर पाती. दिशोम गुरु शिबू सोरेन, स्व. बिनोद बिहारी महतो जैसे झारखण्ड के महान महापुरुषों के जवान हड्डियों पर, झारखण्ड आन्दोलन के अक्स में जन्मी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) पार्टी की पहचान देश में इसी सच को जी रही है.
हर दल की विचारधारा को पनपने में एक नायक की जरुरत होती है. जैसे देश को बाबा साहेब, गाँधी, भगत सिंह, सुभाष व बिरसा मिले, कांग्रेस को नेहरु, इंद्रा गाँधी, बीजेपी को अटल बिहारी वाजपेयी मिले, वैसे ही झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को हेमन्त सोरेन मिले हैं. हेमन्त के नेतृत्व में न केवल झारखण्ड अपनी सोच के दिशा में बढ़ चला है, झामुमो के लोकतांत्रिक विचारधारा ने भी जन हृदय में विस्तार पाया है. जिसके अक्स में देश भर के बेजुबान आदिवासी समुदाय में भी नई आस जगी है.
झारखण्ड की आस को, मूल मानसिकता के अनुरूप नए सिरे से गढ़ रहे हेमन्त
बतौर सीएम आदिवासी हेमन्त सोरेन झारखण्ड के विकास की आस को, मूल मानसिकता के अनुरूप नए सिरे से गढ़ने की दिशा में बढ़ चले हैं. लेकिन, देश के संघीय ढांचा के भाव के विपरीत केंद्र राहों में रोड़े अटकाने के सच लिए खडी है. केन्द्रीय षड्यंत्रों के अक्स में आखिरी सच यह है कि सामन्ती शक्तियां सीएम हेमन्त के आसरे आदिवासी समुदाय के महान ऐतिहासिक पहचान को हड़प लेने पर आमादा है. क्योंकि, खनिज-संपदा बाहुल्य यह राज्य उनके चहेते कॉरपोरेट्स की झोली भर सकता है.
लेकिन, हेमन्त सोरेन हैं कि अपनी विचारधारा से डिगने का नाम नहीं ले रहे. और उन्होंने ने केवल हर केन्द्रीय षड्यात्रों का लोकतांत्रिक जवाब खोज निकाला. राज्यवासियों के बीच यह भी स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार झारखण्ड में विकास कार्यों को बाधित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. अब तो ऐसा प्रतीत होता हो चला है कि सामंती षड्यंत्र प्रदेश में लगभग थक चुका है. उनकी साँसे फूलने लगी है. और शाख बचने के अक्स में उसे केवल कोरम पूरा करना पड़ रहा है.
केंद्र के हर षड्यंत्र का जवाब कैसे दे पा रहे हैं हेमन्त सोरेन
सीएम हेमन्त सोरेन आखिर कैसे केंद्र के हर षड्यंत्र का जवाब दे पा रहे हैं. तो जवाब यही हो सकता है कि वह एक अनुभवी नेता हैं. उनकी विचारधारा लोकतांत्रिक है, जो गरीबों के मर्म को छूते है. राजनीतिक मामलों से अच्छी तरह से वाक़िफ़ हैं. चूँकि उनका बचपन सामन्तवाद के साथ हो रहे झारखंडी संघर्ष के बीच गुजरा है. मसलन वह केंद्र के कामकाज व नीतियों को अच्छी तरह से समझते हैं. सीएम हेमन्त सोरेन के पास एक मजबूत राजनीतिक आधार है.
झारखण्ड में झारखण्ड मुक्ति मोर्च एक प्रमुख आन्दोलनकारी राजनीतिक दल है. उसनके पास साथी कार्यकर्ताओं की मजबूत फेहरिस्त है. राज्य की जनता का उन्हें मजबूत समर्थन प्राप्त है. सीएम हेमंत सोरेन के पास एक मजबूत रिसर्च टीम है. वह जनहित नीतियों को जनता तक पहुंचाने में सक्षम हैं. राज्य के कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार उनकी जन नीतियों से सहमत हैं. उनके फैसले व कार्य धरातल पर सभी वर्ग की जनता को सौहार्दपूर्वक जोड़ने में कारगर हैं.