मुड़मा जतरा मेला : प्राकृत शक्ति खूंटे की सीएम ने की अर्चना

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन ऐतिहासिक मुड़मा जतरा मेला में बतौर आदिवासी लगाई हाजरी. प्राकृत जतरा शक्ति खूंटा की विधिवत अर्चना कर राज्य की सुख, समृद्धि और उन्नति की कामना की.

रांची : झारखण्ड प्रदेश का प्राकृत मुड़मा जतरा मेला देश-दुनिया में अपनी अलग ऐतिहासिक – सांस्कृतिक पहचान सहेजे है. यह स्थल हमेशा से झारखंडी महापुरुषों के आत्मविश्वास को मबूती देती रही है. यहाँ स्थित प्राकृत शक्ति खूंटे ने झारखण्ड राज्य की अखंडता को मजबूती से एक सूत्र में बांधे अबतक रखी है. हेमन्त शासन में इस मेला का गूंज दूर तक जा रही है. भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जुटान राज्य का इस मेला से ऐतिहासिक-सांस्कृतिक ताने-बाने की बुनावट को दर्शाता है.

प्राकृत शक्ति खूंटे की सीएम ने की अर्चना

सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुड़मा जतरा मेला राज्य का महातुपूर्ण मेला है. श्रद्धालुओं को यहाँ  सिर्फ मेले का आनंद ही दिन नहीं बल्कि समाज से जुड़ने और समाज के सूत्र में बंधने की प्रेरणा भी मिलती है.उन्होंने बतौर आदिवासी प्राकृत जतरा शक्ति खूंटा की अर्चना कर राज्य की सुख, समृद्धि और उन्नति की कामना की. और मुड़मा जतरा में उपस्थित श्रद्धालुओं एवं आयोजन समिति को सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं.

सीएम ने शक्ति खूंटे के समक्ष दुहराया दोहराया झारखण्ड बनाने का संकल्प 

सीएम ने कहा कि झारखण्ड राज्य की आंतरिक क्षमता बहुत मजबूत है. ऊपर वाले ने इस राज्य को विभिन्न खनिज संपदाओं का उपहार दिया है. साथ ही प्रदेश को अतुलनीय प्राकृतिक सौंदर्य से भी सजाया है. हालांकि राज्य की विडंबना है कि खनिज संपदाओं से भरा-पूरा, प्राकृतिक सौंदर्य छटा, मेहनतकश मानव बल के बावजूद झारखण्ड पिछड़े राज्यों की श्रेणी में शामिल है. उन्होंने शक्ति खूंटे के समक्ष संकल्प दोहराया कि हम इस राज्य को बेहतर तरीके से सजाएं और सवारेंगे.

सीएम ने कहा कि झारखण्ड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमें शिक्षा व्यवस्था पर जोर देना होगा. हमारी सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगी है. सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों से बेहतर बनाने का प्रयास हो रहा है. सरकारी खर्च पर राज्य के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा जा रहा है. झारखण्ड आदिवासी बहुल प्रदेश है. इस प्रदेश को शिक्षित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. शिक्षा प्राप्त करके जी हम अपने हक और अधिकार की लड़ाई जीत सकते हैं.

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