झारखण्ड : साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन का Claim. राज्य को पत्थर खनन से पिछले 2 वर्षों में कुल 750 करोड़ रुपये की हुई रॉयल्टी प्राप्ति. सीएम ने कहा आरोप के पहले उआंकड़ों को संज्ञान में नहीं लिया गया. रवि केजरीवाल ले रहा है व्यक्तिगत प्रतिशोध.
रांची : ED कार्यालय के लिए प्रस्थान करने से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों से बात की गयी. उनके द्वारा कहा गया की प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण प्रत्येक राज्य अवैध खनन के अभिशाप से ग्रसित है एवं झारखण्ड इससे अछूता नहीं है. वह झारखण्ड राज्य से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए कृत संकल्प है एवं इस दिशा में किसी भी एजेंसी के ईमानदार प्रयास का स्वागत करते है.
हेमंत सरकार में पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में वृद्धि
सीएम ने कहा की उनकी सरकार में पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. इन पिछले दो वर्षों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के वावजूद रॉयल्टी वर्ष 2019-20 में 270 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 360 करोड़ रुपये राज्य को प्राप्त हुई.
जिसमें लगभग 20% पत्थर खनन का रॉयल्टी साहेबगंज से राज्य को प्राप्त होता है. परन्तु आपके (ED) के स्टेटमेंट से ऐसा प्रतीत होता है कि साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन स्कैम हुआ है. साहेबगंज में पत्थर के अवैध खनन से 1000 करोड़ के राज्य को राजस्व नुकसान के आपके आरोपों के संबंध में निम्नांकित तथ्य विचारणीय हैं:-
1. खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में पूरे झारखण्ड राज्य में लगभग 9 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है, जिसमें 60% बोल्डर, 35% स्टोन चीप्स एवं 5% स्टोन डस्ट इत्यादि हैं. इस 9 करोड़ मेट्रिक टन में से करीब 20% पत्थर का खनन साहेबगंज जिला में हुआ है.
2. राज्य को 95 रुपये प्रति मेट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर 175 रुपये प्रति मेट्रिक टन रॉयल्टी स्टोन चीप्स पर एवं 18 रुपये प्रति मेट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी प्राप्त होता है.
3. इस प्रकार भारित औसत (weighted average) के आधार पर राज्य को 120 रुपये प्रति मेट्रिक टन रॉयल्टी पत्थर खनन से प्राप्त होता है.
4. दो वर्षों में 1000 करोड़ रुपये के रॉयल्टी के नुकसान के लिए, करीब 8 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहेबगंज जिले में करने की आवश्यकता होगी, जो उस जिले में हुए वैध खनन का चार गुणा होता है.
5. दो वर्षों में 8 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20,000 से अधिक रेलवे रेक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पडेगी क्योंकि एक रेलवे रेक की क्षमता 4000 मेट्रिक टन एवं एक ट्रक की क्षमता 25 मेट्रिक टन होती है.
6. रेलवे बगैर माईनिंग/मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है. ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रेक बगैर चालान के नहीं पाया है क्योंकि अभी तक आपने किसी भी रेलवे कर्मचारी/अधिकारी पर कोई कारवाई नहीं की है.
7. आपने बताया है कि पिछले दो वर्षों में 6500 रेलवे रेक साहेबगंज जिले से पत्थर खनन हेतु उपयोग किए गए हैं. यदि ये सारे 6500 रेलवे रेक केवल अवैध रुप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन भी किया जाता है (जो संभव नहीं है) तो भी ये 8 करोड़ मेट्रिक टन अवैध खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते हैं जिससे 1000 करोड रुपये का रॉयल्टी प्राप्त हो सके.
8. इसके अतिरिक्त दो वर्षों में 8 करोड मेट्रिक टन अवैध पत्थर के परिवहन के लिए प्रतिदिन 4500 ट्रक की आवश्यकता होगी, जबकि पूरे साहेबगंज जिला में करीब 800 ट्रक मात्र ही निबंधित एवं चालू अवस्था में है.
9. साहेबगंज में कुछ घाट है जहां से आप Claim करते हैं कि जहाज के माध्यम से अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन किया जाता है.
10. परन्तु उपलब्ध सभी रेलवे रेक ट्रक, जहाज मिलकर भी 8 करोड़ मेट्रिक टन अवैध रुप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते थे जिससे कि राज्य को 1000 करोड़ रुपये रॉयल्टी का पिछले दो वर्षों में नुकसान हो सके.
11. ना केवल परिवहन असंभव है, बल्कि इतने क्रशर एवं अन्य संसाधन जैसे टिप्पर इत्यादि ‘साहेबगंज में कहां है जिससे कि 4 करोड़ मेट्रिक टन प्रति वर्ष अवैध पत्थर खनन को अंजाम दिया जा सके, जबकि साहेबगंज में प्रत्येक वर्ष वैध खनन मात्र 1 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का है? किसी भी परिस्थिति में 1 करोड़ मेट्रिक टन के वैध खनन के लिए उपलब्ध क्षमता एवं संसाधन से 4 करोड़ मेट्रिक टन अवैध खनन संभव प्रतीत नहीं होता है.
ऐसे आरोप से झारखण्ड राज्य की छवि होती है खराब
12. आप मात्र साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन का Claim कर रहे हैं जबकि जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पूरे झारखण्ड राज्य को पत्थर खनन से पिछले 2 वर्षों में समेकित रूप से कुल 750 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रुप में प्राप्त हुए हैं. मुझे लगता है कि आपने उक्त तथ्यों एवं आंकड़ों को साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आरोप लगाने के पहले संज्ञान में नहीं लिया है.
ED को बगैर तथ्यों 1 एवं आंकड़ों का सत्यापन किये 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज वक्तव्य जारी करना शोभा नहीं देता है वह भी तक जब पिछले करीब 1 वर्ष से जॉच की जा रही है एवं 50 से अधिक रेड (raids) किए जा चुके हैं. मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप अपने claim पर पुनर्विचार करेंगे एवं सनसनीखेज ब्यानों से परहेज करेंगे जो तथ्य एवं आंकड़ों के द्वारा सत्यापित नहीं हो क्योंकि ऐसा गैर जिम्मेवार ब्यान न केवल राज्य के संबंधित विभाग एवं उसके कर्मियों की छवि धूमिल करते हैं बल्कि झारखण्ड राज्य की छवि भी खराब होती है.
रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन – ले रहा है व्यक्तिगत प्रतिशोध
इसके अतिरिक्त यह भी प्रतीत होता है कि राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रवि केजरीवाल से मुझे अवैध खनन में फंसाने के लिए ब्यान दिलवाए हैं. रवि केजरीवाल JMM का एक सदस्य था एवं वर्ष 2020 में निष्कासित किए जाने के पूर्व कोषाध्यक्ष का पद धारण करता था. तत्पश्चात उसके विरुद्ध JMM के द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. तब से रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन बन चुका है एवं मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि वे मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे उपर गलत आरोप लगाए.
ED के द्वारा निष्पक्ष रुप से बगैर किसी hidden agenda एवं motive के जांच किये जाने की अपेक्षा की जाती है. मैंने संविधान को अक्षुण रखने की शपथ ली है एवं इस देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं कानून की मान्यता रखने के लिए आपके कार्यलाय में आज निर्गत सम्मन के अनुपालन में उपस्थित रहूँगा.