हेमन्त के नेतृत्व में झारखंडी विचारधारा की सामंतवाद पर ऐतिहासिक जीत 

झारखण्ड : 11 नवम्बर ऐतिहासिक दिन. CNT ऐक्ट पारित. सारना आदिवासी धर्म कोड बिल पारित. 11 नवंबर 2022, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सुपुत्र, हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंडी विचारधारा ने विषम परिस्थितियों में 1932 व आरक्षण विधेयक पारित कर सामंतवाद को मात दी.  

रांची : 11 नवंबर, झारखण्ड के लिए ऐतिहासिक दिन है. ज्ञात हो, आज की ही तारीख में झारखण्ड के महापुरुषों के जीवन के बलिदान के अक्स में राज्य को सुरक्षा कवच, CNT ऐक्ट मिला था. और लंबे अरसे के बाद दो वर्ष पहले 11 नवंबर को ही त्रासदीय परिस्थिति के बीच राज्य के आदिवासी समुदाय की अस्तित्व के लंबे संघर्ष के प्रतीक, सारना धर्म कोड बिल पारित हुआ. 

हेमन्त के नेतृत्व में झारखंडी विचारधारा की सामंतवाद पर ऐतिहासिक जीत

11 नवंबर 2022, आज का दिन झारखण्ड के लिए फिर ऐतिहासिक बना है. झारखण्ड ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सुपुत्र सीएम हेमन्त सोरेन जैसे कुशल व जुझारू जन नेता के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा उत्पन्न किए गए विषम परिस्थितियों के बीच भी झारखण्ड ने सामंतवाद को करारी मात दी है. आज राज्य में न केवल 1932 वर्ष आधारित स्थानीयता विधेयक पारित हुआ. राज्य के एससी का 12%, आदिवासी का 28% और ओबीसी का 27% आरक्षण संबंधित विधेयक भी बहुमत से पारित हुआ.

सदन में सीएम ने अपने इस कठिन पथ के दर्दनाक व्यथा भी रखी

सीएम द्वारा इस दौरान सदन में अपने कठिन पथ के दर्दनाक व्यथा भी पेश की गई. सीएम ने कहा कि विपक्ष द्वारा अपने गिरोह के हिडेन हथियारों के माध्यम से उनके राहों को रोकने का भरपूर प्रयास किया गया. उनकी सरकार को लगातार अस्थिर करने का प्रयास हुआ. यहाँ तक कि विपक्ष द्वारा अपने ही भ्रष्टाचार के आसरे झूठे झूठे आरोप लगा सरकार को गिराने तक का प्रयास हुआ.

उन्होंने कहा कि इस दौरान वह नजदीक से समझे पाए कि कैसे सामंत विचारधारा ने राज्य के स्थानीय नेताओं को झूठे केस में उलझा कर उनका करियर समाप्त किया. उनके द्वारा इस बाबत मधुकोड़ा, बाबूलाल मारांडी, भानु प्रताप शाही जैसे नेताओं तक का स्पष्ट उधाहरण भी पेश किया गया. साथ ही कहा वह झारखंडी हैं और अपने विचारधारा पर अडिग रहते हैं. 
सीएम के द्वारा कहा गया कि उनका दल जेल से भी लड़ाइयाँ लड़ने और जीतने के लिए है. वह राज्य के एससी, एसटी, ओबीसी व गरीब वर्ग को इतना मजबूत, इतना सामर्थ्यवान बनाएंगे कि वह स्वयं ही सामनवाद को जवाब दे सकेंगे. निश्चित रूप से आज झारखण्ड के पहचान की ऐतिहासिक जीत का दिन है. सीएम सोरेन व झामुमो ने राज्य से जो वादा किया था लगभग सभी को निभा दिया है.

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