मिलने लगा है झारखंड को सही मुकाम -15 अगस्त विशेष- विश्लेषण
ग्रंथों में कहा गया है कि कर्म से आशय पिछले व्यवहारगत अभ्यासों पर आधारित हमारे मानसिक आवेगों से होता है, जो हमें उसी प्रकार के आचरण करने, वचन कहने और विचार करने पर प्रेरित करते हैं।
दशकों की सरना कोड की मांग हेमंत सरकार में पूरा हुआ
तभी, झारखंड के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने बाबूलाल मरांडी आदिवासियों की तुलना राम की ‘वानर सेना’ से कर हिन्दू धर्म से जोड़ने का प्रयास करते हैं। जबकि आदिवासी रीति-रिवाज, परंपरा व संस्कृति के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियां अलग हैं। तो वहीँ दूसरी तरफ झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासियों की दशकों से चली आ रही मांग सरना कोड की मांग पूरा कर उन्हें उनका अधिकार देते हैं। साथ ही विश्व आदिवासी दिवस को राजकीय छुट्टी घोषित करते हैं।
लेख के माध्यम से झारखंड खबर वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यों की समीक्षा 15 अगस्त से पूर्व करेगी जिसकी तुलना आप पिछली सरकार की स्मृतियों स्वयं करंगे।
हेमंत सोरेन द्वारा उदघाटन किया गया प्लाज्मा थेरेपी सेंटर अब मरीज़ों को स्वस्थ करने लगी है
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा भगवान बिरसा की धरती पर भाजपा कार्यालय का निर्माण ने अब तक कोई प्रतिफल तो नहीं दिया, लेकिन वहीँ उसी धरती पर हेमंत सरकार द्वारा उदघाटन किए गए प्लाज्मा थेरेपी सेंटर अब मरीज़ों को स्वस्थ करने लगी है। पहले मरीज़ की स्वस्थ होने की शुभ खबर झारखंड में आयी है।
भारत के राजा ने देश वासियों को 6 वर्षों के अंतराल में 198 सपने दिखाते हुए हमेशा कहा कि देश न ही केवल प्रगति करेगा बल्कि विश्वगुरु भी बनेगा। लेकिन सच यह है कि वह आज देश में पीढ़ियों की अथक प्रयास से खड़ी सम्पत्ति को बेचने को तत्पर है।
कोल ब्लॉक आवंटन मामले में जायज थी हेमंत सरकार
भाजपा के छह साल के कार्यकाल में शायद यह पहला मौका है, जहाँ उसे कोल ब्लॉक आवंटन से अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस मुद्दे पर आपत्तियों वाजिब थी। और यह एक केंद्र द्वारा हड़बड़ी में लिया गया फैसला साबित होता है।
बहरहाल, अब झारखंड के पास लोकतंत्र की ताकत समेटे एक मजबूत नेता है। और साथ ही शानदार मंत्रिमंडल है। जिसका आभामंडल बताता है कि इनके पास राज्य को सही रास्ते पर लाने वाली तमाम ख़ूबियाँ मौजूद है। इसलिए तो शायद यह नारा बार-बार सामने आता है, ‘ हेमंत है तो हिम्मत है’।