“हेमंत जी के सरकार में आते ही ट्विटर पर भी समाधान दिख रहा है। पहले की सरकार ने तो सारे ऑनलाइन तंत्र को अपने प्रचार में लगा रखा था।”
यह वाक्य IPRD Jharkhand के ट्विट के जवाब व रिट्विट में जनता के द्वारा हेमंत सरकार के कार्यों के लिए लिखे गए गौर्न्वित करने वाले शब्द व पिछले पांच वर्षों के जख्मों के समान हैं।
दरअसल आज राज्य के समाचार पत्र में एक अनाथ बच्चे को भोजन में केवल भात दिए जाने की खबर छपी थी। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने समाचार पर संज्ञान लेते हुए चाईबासा के उपायुक्त को निर्देश दिया कि मामले की जांच करते हुए दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री के इस पहल पर उपायुक्त ने स्वयं अस्पताल जाकर पूरे मामले की जांच की। साथ ही बच्चे को केवल भात परोसे जाने और सब्जी दाल देने में विलम्ब करने वाले कर्मी को तत्काल प्रभाव निलंबित कर दिया गया।
उपायुक्त ने कहा कि दोनों बच्चे अभी ठीक हैं और उपायुक्त ने स्वयं उनसे मिलकर बात की है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सिविल सर्जन स्वयं अपनी निगरानी में बच्चों की देखभाल करवा रहे हैं। साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि वे स्वयं देखेंगे कि बच्चों को हर संभव सहायता मिले। तस्सली हो जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी अधिकारी और कर्मी को संवेदनशील होकर कार्य करने की सलाह देते हुए कहा कि कार्य के दौरान सेवा भाव को सबसे उपर रखें।
मसलन, यदि आम जनता जब यह लिखने लगे कि हेमंत जी के सरकार में किसी भी श्रोत से मिलने वाली सूचना पर तत्काल कार्यवाही हो रही है, तो निश्चित तौर पर झारखंड राज्य के लिए एक अच्छी व पाँच साल के जख्मों पर मरहम लगाने वाली ख़बर है। जो यह भी दर्शाता है कि यहाँ की जनता इस बार अपना मुख्यमंत्री चुनने में कोई गलती नहीं की है।