सीएए को लेकर महेंद्रनाथ पाण्डेय का बयान हेमंत सोरेन के लिए सुझाव है या धमकी 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साफ़ शब्दों में कहा है कि उन्होंने एनआरसी और सीएए के दस्तावेज़ों का अध्ययन नहीं किया है। जनता इस कानून को लेकर सड़कों पर आंदोलनरत हैं। इसे लागू करने को लेकर पहले तो राज्य स्तर पर समीक्षा होगी, यदि इस कानून से एक भी झारखंडी को उसके घर से बेघर होना पड़ता है तो वे इसके पक्ष में नहीं जायेंगे। साथ ही यह भी कहा कि, उनकी प्राथमिकता भूमि अधिकार कानून पर ध्यान देना है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से आधार को हटा तर्कसंगत बनाना है। बेरोज़गारी से निपटने के लिए रोज़गार रोड मैप तैयार करना है। सिंचाई व पीने के लिए पानी हर घर को उपलब्ध कराना है।

इसके तुरंत बाद केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ महेन्द्रे पाण्डेय राँची पहुंचे और हरमू में भाजपा कार्यकर्ताओं को नागरिकता संशोधन क़ानून, सीएए की जानकारी दी और मीडिया को बताया कि उन्होंने आमलोगों को इस सम्बन्ध मेंजागरूक किया है। इसके बाद राजेश पाठक को दिए साक्षात्कार में हेमंत सोरेन के वक्तव्य को बिना गलत साबित किये कहा कि वे अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। और सलाह दे डाली कि पहले वे राज्य के महाधिवक्ता व विधि सलाहकारों से विमर्श करें। यह केंद्र कार्य सूची का विषय है, उन्हें यह क़ानून पारित करना ही होगा।

उन्होंने अपनी सरकार का महिमामंडन करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती है और सरकार का नजरिया सभी राज्यों के लिए एक समान है। आगे उन्होंने हेमंत सरकार को मीठे शब्दों में चेताया कि प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना पार्ट-1 व पार्ट-2 का अंतिम वितीय वर्ष है और पार्ट-3 पर मंथन चल रहा है।

मसलन, वे शायद यह कहना चाह रहे हैं कि अगर हेमंत सरकार केंद्र से मदद चाहती है तो उन्हें केंद्र के नीतियों को बिना सवाल किये बिना परखे पारित करना होगा, नहीं तो भविष्य में इनके सरकार को केंद्र के मदद से महरूम होना पड़ेगा। 

Leave a Comment