साहेब को आशीर्वाद कोई कैसे दे जब सैकड़ों निर्दोषों की मौत अबतक हो चुकी है यहाँ

साहेब को आशीर्वाद आखिर लोग कैसे दे, साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड में माओवादी हिंसा में इस साल अब तक 12 आम निर्दोष नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 2015-19 तक 107 लोगों कीअगस्त महीने में पुलिस पर आरोप है कि पलामू जिले में वह खोजने तो गई थी उग्रवादी, लेकिन महज तीन साल की बच्ची को पटक कर मार डाला। जबकि बीजेपी एसटी मोर्चा के प्रदेश मंत्री अवधेश सिंह चेरो व सांसद के प्रतिनिधि तक कह रहे हैं कि पीड़ित उग्रवादी नहीं है बजाप्ता जेजेएमपी ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विनोद सिंह उसके संगठन का आदमी नहीं है, पुलिस जानबूझकर निर्दोष ग्रामीणों को परेशान कर रही है 

बच्ची के पिता विनोद सिंह बताते हैं कि रात एक बजे के लगभग कुछ लोग उनके घर के बाहर आवाज़े लगाने लगेकह रहे थे कि वे मनिका के थानेदार हैं, घर खोलो… डर के मारे वह घर में ही छुप गये, इस बीच वे लोग दरवाज़ा पीटने लगे तभी गेट खुल गया, पुलिस ने उसके बीवी के गोद से उनकी बच्ची को छीन लिया और ज़मीन पर पटक दिया जबकि विनोद की पत्नी कहती कि ‘पुलिस ने उनकी बच्ची को दो बार ज़मीन पर पटका, वह चिल्लाती रही, लेकिन पुलिस ने कोई रहम नहीं किया इन बातों का जिक्र एफ़आईआर में भी दर्ज है मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची का मौत सिर में गंभीर चोट की वजह से हुई है रिपोर्ट में ब्रेन हेमरेज और पिछले हिस्से में चोट का जिक्र है जो तस्दीक करती है कि मौत से पहले बच्ची के साथ अनहोनी हुई है। 

मसलन, यह कोई पहला मामला नहीं है जब पुलिसिया कार्रवाई का शिकार आम आदमी को होना पड़ा है। पुलिस ने बकोरिया में ही फर्जी मुठभेड़ में 12 लोगों को गोली मारी थी, जिसमें दो पारा शिक्षक थे और पुलिस के मुखबिर भी थे26 अगस्त को नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह नक्सलवाद प्रभावित राज्यों के सीएम के साथ बैठक कर रहे थे झारखंड के सीएम रघुवर दास ने कहा कि उन्हें अर्धसैनिक बलों की 275 कंपनियों की जरूरत है और पहले से तैनात अर्धसैनिक बलों की संख्या में अगले तीन सालों तक कोई कमी नहीं की जानी चाहिए लेकिन बैठक में पुलिस व अर्धसैनिक बलों के करतूतों की कोई चर्चा तक नहीं हुई ऐसे में बताये कोई कैसे दे साहेब को आशीर्वाद !

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