बेटियों से बीमारी स्कूल छीन रही है और सरकार जीत का ब्लूप्रिंट बनाने में व्यस्त 

बीमारी ने आदिवासी बेटियों से उनके स्कूल छीन लिए!

झारखण्ड के गुमला जिले की एक आदिवासी परिवार की कहानी सरेआम सरकार की आयुष्मान योजनाशिक्षा के प्रति उनकी संजीदगी की पोल खोल दी है। वैसे भी हर रोज की सुर्खियाँ सरकर के स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई वयक्त करती रहती है। पिछले दिनों की खबर है कि मौजूदा सरकार की राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी लचर है, एक मरीज को ट्रोली तक उपलब्ध नहीं करवा पाती और ढिंढोरा तो ऐसे पीटती है जैसे इनसे बेहतर कोई सरकार है ही नहीं! ख़ैर यह रिपोर्ट तो ऐसे आदिवासी परिवार की है जिसको सरकार की कुव्यवस्था स्वास्थ्य छोडिये शिक्षा तक उपलब्ध कराने में नाकाम है।

गुमला जिले के आदिवासी परिवार के तीन बच्चियों को आर्थिक तंगी व पिता की बीमारी की वजह से पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी है गरीबी के कारण टीबी की बीमारी से इलाज न करा पाने की स्थिति में पहले ही इन बेटियों के सर से मां का साया उठ गया अब पिता भी तीन वर्षों से टीबी से ही ग्रसित होने के कारण काम करने में असमर्थ हैं यह मार्मिक कहानी सिसई प्रखंड के बोंडो पंचायत की मादा गांव की है माँ जिन्दा थी तो गरीबी में भी अपनी बेटियों को पढ़ा रहा थी, लेकिन तीन वर्षो के इलाज में भी सरकारी अस्पताल ने उनके पिता की बिमारी ठीक नहीं कर पायी है। अब स्थिति यह है कि आर्थिक तंगी के कारण उनके पास स्कूल की जरूरत की जरूरी चीजों को खरीदने के लिए पैसे नहीं है, मजबूरन इन तीन बेटियों को पढ़ाई छोडनी पड़ी है। 

तीनों बेटियों के स्कूल न जा पाने की सूचना पर रिश्तेदारों ने उन्हें पढ़ाने की पहल जरूर की, पर वे भी गरीबी में जी रहे हैं प्रियंका के मामा ने सरकार से किसी हॉस्टल में तीनों बेटियों का नामांकन कराने की गुहार सरकार से लगाई है. इसके लिए उन्होंने सीडब्ल्यूसी से तीनों बहनों का हॉस्टल में नामांकन करने की गुहार लगाया है रिश्तेदारों का कहना है कि उसके खाने-पीने की व्यवस्था वे कर लेंगे। उन्होंने चिंता जताई है अगर उनकी पढाई जारी नहीं रखी गयी, तो वे बहकावे में आकर मानव तस्करी का शिकार हो सकते हैं हालांकि शिक्षा विभाग व कल्याण विभाग की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि इन बच्चों का हॉस्टल में नामांकन को लेकर पढ़ाने में मदद करे, लेकिन सरकार है कि वह चुनावी मोड में है और संथाल में जीत का ब्लूप्रिंट बनाने में व्यस्त है।भारत माता की जय 

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