कैबिनेट मंत्री पद पर एक नजर देखिए…. एससी-2, एसटी-1, ओबीसी – 0, सवर्ण 21, मुस्लिम 1
- अमित शाह (गृह मंत्री)
- राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री)
- निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्री)
- सुब्रहमण्यम जयशंकर (विदेश मंत्री)
- नितिन गडकरी (रोड, ट्रांसपोर्ट मंत्री)
- डीवी सदानंद गौड़ा (केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्री)
- रामविलास पासवान (कंज्यूमर अफेयर)
- नरेंद्र सिंह तोमर (कृषि मंत्री)
- रवि शंकर प्रसाद (लॉ जस्टिस, टेलीकॉम मंत्री)
- हरसिमरत कौर बादल (फूड प्रॉसेसिंग मंत्री)
- थावरचंद गहलोत (सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री)
- रमेश पोखरियाल निशंक (मानव संसाधन विकास मंत्री)
- अर्जुन मुंडा (ट्राइबल अफेयर्स)
- स्मृति ईरानी (महिला एवं बाल विकास और कपड़ा)
- डॉ. हर्षवर्धन (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, अर्थ साइंस)
- प्रकाश जावडेकर (पर्यावरण, वन मंत्री, सूचना और प्रसारण मंत्री)
- पीयूष गोयल (रेल और वाणिज्य मंत्री)
- धर्मेंद्र प्रधान (पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, स्टील मंत्रालय)
- मुख्तार अब्बास नकवी (अल्पसंख्यक मंत्रालय)
- प्रह्लाद जोशी (संसदीय कार्यमंत्री, कोयला और खान)
- महेंद्र नाथ पांडे (कौशल विकास मंत्री)
- अरविंद सावंत (भारी उद्योग और पब्लिक इंटरप्राइज)
- गिरिराज सिंह (एनिमल हस्बैंड्री, डेयरी और फिशरीज)
- गजेंद्र सिंह शेखावत (जलशक्ति मंत्रालय)
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
- संतोष कुमार गंगवार (मिनिस्ट्री ऑफ लेबर और एंपावरमेंट)
- राव इंद्रजीत सिंह (मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स, मिनिस्ट्री ऑफ प्लानिंग)
- डॉ. जितेंद्र सिंह (मिनिस्ट्री ऑफ डेवलपेंट ऑफ नॉर्थ इस्ट रीजन, पीएमओ में राज्य मंत्री)
- किरण रिजिजू (मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स, माइनॉरिटी अफेयर्स)
- प्रह्लाद पटेल (संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन)
- आरके सिंह (मिनिस्ट्री ऑफ पावर, कौशल विकास)
- हरदीप सिंह पुरी (हाउसिंग और अर्बन अफेयर्स, सिविल एविएशन, वाणिज्य उद्योग)
- मनसुख लाल (जहाज रानी मंत्रालय, रसायन मंत्रालय)
- श्रीपद नाइक (आयुष मंत्रालय)
राज्य मंत्री
- फग्गन सिंह कुलस्ते (इस्पात मंत्री)
- अश्विनी चौबे (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण)
- अर्जुन मेघवाल (संसदीय कार्यमंत्री, भारी उद्योग)
- वीके सिंह( रोड और ट्रांसपोर्ट)
- कृष्णपाल गुर्जर (सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण)
- रावासाहेब दानवे (उपभोक्ता मंत्रालय)
- जी किशन रेड्डी (गृह मंत्रालय)
- पुरुषोत्तम रूपाला (कृषि और किसान कल्याण)
- रामदास अठावले (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय)
- साध्वी निरंजन (ग्रामीण विकास)
- बाबुल सुप्रियो (पर्यावरण और वन मंत्रालय)
- संजीव बालियान (एनिमल हस्बैंड्री, डेयरी और फिशरीज)
- संजय शामराव धोत्रे (मानव संसाधन विकास मंत्री)
- अनुराग ठाकुर (वित्त और व्यापार)
- सुरेश अंगाडी (रेल राज्य मंत्री)
- नित्यानंद राय (गृह राज्य मंत्री)
- रतन लाल कटारिया (जलशक्ति, सामाजिक न्याय)
- वी मुरलीधरन (विदेश राज्य मंत्री और संसदीय कार्य)
- रेणुका सिंह (जनजातीय मंत्रालय)
- सोम प्रकाश (वाणिज्य एवं उद्योग)
- रामेश्वर तेली (खाद्य प्रसंस्करण)
- प्रताप चंद्र सारंगी (सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, एनिमल हस्बैंड्री, डेयरी फिशरीज)
- कैलाश चौधरी (कृषि और किसान कल्याण)
- देबोश्री चौधरी (महिला और बाल विकास)
अधिकांश ओबीसी भक्त जोर शोर से कहते थे कि आएगा तो मोदी ही, तब अन्य बुद्धिजीवियों के भांति मुझे भी लगता था कि आयेगा तो करेगा क्या ? क्योंकि मोदी है तो “जातिवाद” है, कलरोहित वेमुला ने आत्महत्या किया तो इन्हें लगा कि दलित है, लेकिन आज ओबीसी-पिछड़े वर्ग के डॉ. पायल तड़वी को भी जब जातिवाद का शिकार होना पड़ा और नेहा यादव को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया तो सवाल उठने लाज़मी हो गए।
खुद को ओबीसी कहकर वोट मांगने वाला पीएम आज अपने कैबिनेट मंत्रालय में एक भी ओबीसी को जगह नहीं दिया वहीं दूसरी तरफ जो ओबीसी मोदी मोदी चिल्लाकर चौकीदार बनने को बेकरार थे। कमोबेश यही हाल स्वतंत्र प्रभार एवं राज्य मंत्रियों का रहा है। बेचारी अनुप्रिया पटेल तो टकटकी निगाह से बस देखती ही रह गईं।