झारखंडी प्रतिभावान खिलाड़ियों ( सलीमा टेटे ) की कब फ़िक्र होगी रघुवर सरकार को

झारखंड में खेल के प्रतिभावान खिलाड़ियों (देश के भविष्य के खिलाड़ी) किसी भी आये अथिति का स्वागत करने में भी पीछे नहीं रहते। प्रतिभा से लबालब खेल के प्रति समर्पण को दर्शाने हेतु अनुशासन पूर्वक खुद को परिभाषित करते है।

सिमडेगा एस्ट्रो ट्रफ़ हॉकी छात्रावास स्टेडियम के प्रतिभावान खिलाड़ियों / छात्रों द्वारा झारखंड संघर्ष यात्रा के दौरान उन तक पहुंचे हेमंत सोरेन का किया स्वागत.

प्रतिभावान खिलाड़ियों -( सलीमा टेटे )
प्रतिभावान खिलाड़ियों का स्वागत

हमारा देश के सरकारों ने 70 वर्षों से अधिक स्वतंत्र स्वाँस ले चुकी है। साथ ही 18 वर्षो का स्वतंत्र स्वाँस झारखंड प्रदेश के सरकारों का भी पूरा होने को है। लेकिन इस प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद, (कमोवेश 14 वर्ष के शासन काल ) इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि विश्व कि मानचित्र पर यहाँ के खिलाडियों के परचम लहराने के बाद भी इस प्रदेश का प्रदर्शन खेल-कूद के क्षेत्र में निराशाजनक है। यानि अन्य क्षेत्रों कि तुलना में यह क्षेत्र संभावनारहित के बराबर माना जा सकता है।

प्रतिभावान खिलाड़ियों  ( सलीमा टेटे )
प्रतिभावान खिलाड़ियों कि स्थिति

आखिर कब तक राज्य की यह रघुवर एवं सुदेश कि मिलीजुली सरकार खेलों के नाम पर केवल महान खिलाड़ियों के नाम ले-ले कर अपनी राजनितिक रोटी सेंकती रहेगी? क्यों आज तक खेलों की समीक्षा करने वाले विभागों ने इस राज्य मे गिरते खेलों के स्तर को उठाने व इसके प्रसार हेतु कोई स्थायी, कारगर एवं भृष्टाचारमुक्त योजना का प्रारूप तेयारन हीं कर पायी?

प्रतिभावान खिलाड़ियों ( सलीमा टेटे )
प्रतिभावान खिलाड़ियों के प्रतीक सलीमा टेटे

लिखित शब्दों पर यकीं नहीं तो सिमडेगा के बड़की छापर, सलीमा टेटे का निवास स्थान भ्रमण कर देख लें। झारखंड की बेटी सलीमा ने भी प्रतिभा के दृष्टिकोण से अपना दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए बताया कि देश एक बार फिर महिला हॉकी में अपना परचम लहरा सकता है। परन्तु यह सरकार झारखंड की इस इंटरनेशनल स्तरीय बेटी ( सलीमा टेटे ) के लिए न तो आजतक घर मुहैया करा पायी न ही इस प्रतिभा के घर तक पहुँचाने वाली सड़क को दुरुस्त कर पाई,  इस लाडली के अन्य सपनों को पूरा करना तो दूर की कोड़ी है।

प्रतिभावान खिलाड़ियों - सलीमा टेटे -हेमंत सोरेन
सलीमा टेटे -हेमंत सोरेन

उपरोक्त तथ्यों की जानकारी तब हुई जब झारखंड संघर्ष यात्रा के दौरान हेमंत सोरेन अपनी झारखंड की लाडली बेटी ( सलीमा टेटे ) को हौसला-अफजाई के लिए उन्हें सम्मानित करने सिमडेगा पहुंचे। सलीमा टेटे ने ओलंपिक प्रतियोगिता के दौरान प्राप्त अनुभवों को उनके अलावा हम सभी के साथ साझा किया। उन्होंने बार-बार यह जिक्र किया कि अन्य देशों के खिलाड़ियों को मिलने वाली खाद्य पदार्थ से लेकर तमाम प्रकार की सुविधाएं हमारे देश के मापदंड से कहीं उच्च कोटि की है।

 

हेमंत सोरेन ने अपने वक्तव्य में खेल के प्रति झारखंड सरकार की व्यवस्था पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें ज्ञात है खेल के अलावे कई अन्य दृष्टिकोण से सम्पूर्ण झारखंड कि स्थिति अत्यंत दयनीय है। आगे उन्होंने संकल्प कि भांति कहा कि उनके सरकार आते ही वे सुविधायों कि दृष्टिकोण से सिमडेगा के साथ-साथ सम्पूर्ण झारखंड कि बेटे-बेटियों की प्रतीभा को मुकाम तक पहुंचाने हेतु गंभीरता से कार्य करेंगे।

एस्ट्रो ट्रफ़ छात्रावास के प्रतिभाओं को खेल के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न एवं और गंभीर बनाने के दृष्टिकोण से हेमंत जी स्वयं ही मैदान में उतर कर सलीमा टेटे से खेल के गुर सीखे, बच्चों के साथ खेल कर खेल का लुफ्त भी उठाये।

प्रतिभावान खिलाड़ियों
सलीमा टेटे एवं प्रतिभावान खिलाड़ियों की मनोबल बढाते हेमंत सोरेन

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