मणिपुर हिंसा : इंडिया – INDIA गठबंधन के प्रतिनिधि महुआ माजी ने कहा वहां दोनों समुदाय के लोग परेशान हैं. राज्यपाल असहाय हैं और गठबंधन से पहल कर समाधान निकालने को कहा है.
रांची : अंग्रेजों के डिवाइड एंड रूल की नीति तले आधुनिक इतिहास भारत के फूट का त्रासदिय सच लिए है. लेकिन, भारतीय सामन्ती ग्रंथ-दर्शन में निहित डिवाइड एंड रूल से तो भारतीय समाज मध्यकाल से ग्रसित रहा है. जिसके अक्स में सम्राट असोक के अखंड जम्बूद्वीप को जाति आधारित समाज में बांटने का सच है. और सत्ताओं के साथ मनुवाद की नजदीकी संभव होने का सच. यह कड़ी मुग़लकाल से अंग्रेजों के दौर तक टूटती नहीं दिखी. वर्तमान में तो इसका रूप और घातक हो चला है.
आरएसएस का प्राथमिक अस्तित्व अंग्रेजों की गुप्तचरी पर निर्भर रही है. आजाद भारत में सांप्रदायिक तनाव के छतरी में इसने उभार पाया. फिर इसमें गुजरात लॉबी के रूप में लूट मंशा वाले पूंजीपतियों का प्रवेश हुआ. जो आज सत्ता की आसरे भारतीय लोकतंत्र में घुसपैठ का सच लिए है. और भारत की अखंडता को तोड़ने हेतु विभिन्न प्रयोग कर रहा है. इस लॉबी का प्रयोग हिदू-मुस्लिम, बाहरी-भीतरी से होते हुए अब जातियों में तनाव फैलाने का सच लिए है. मणिपुर इसका स्पष्ट उदहारण है.
यह लॉबी वर्तमान में सत्ता के नशे में और सत्ता के ललक में खुलेआम हर जाती वर्ग को लड़ाने का प्रयास कर रहा है. जिसके अक्स में वह महिलाओं, आदिवासियों, दलित व पिछड़ों और गरीबों की बलि देने से भी नहीं चुक रहा. उसे देश के विभाजन होने का भी प्रवाह नहीं. उसकी पूरी राजनीति ताक़तवर को पुचकारने व लाचारों को डराने पर आ टिकी है. जिसके अक्स में आम नागरिक घर से बेघर यानी विस्थापित हो रहे है और डर के साये में जीवन जीने को विवश हैं.
मणिपुर राज्यपाल का इंडिया – INDIA गठबंधन से मणिपुर बचने की गुहार
तमाम तानाशाही परिस्थियों के बीच इंडिया – INDIA गठबंधन एक आख़िरी आशा के रूप में आज देश के समक्ष खड़ा होने की हिम्मत दिखाई है. जिसने भारत को एक कमजोर राष्ट्र बनाने की गुजरात लॉबी की मंशा को सतह पर उभारा है. कोलिजियम गठजोर के सच तले भारत का लोकतंत्र आज इतना लाचार हो चला है कि वह मणिपुर की अपने बेटियों की त्रासदी पर, अपने प्रधानमन्त्री से न संसद की दहलीज पार करवा पा रहा और ना ही स्पष्टीकरण ही ले पा रहा है.
इस विकट परिस्थित के बीच इंडिया – INDIA गठबंधन के प्रतिनिधियों का मणिपुर दौरा हुआ. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के महिला राज्यसभा सांसद महुआ माजी का बयान उपरोक्त तथ्य की पुष्टि कर सकती है. उनका कहना है कि मणिपुर में दोनों समुदाय के लोग परेशान हैं. हिंसा अभी भी जारी है. राज्यपाल असहाय महसूस कर रही है और गठबंधन से पहल कर समाधान निकालने को कहा है. श्रीमति माजी ने कहा कि कल संसद में उनकी बैठक होगी जिसमें आगे की कार्रवाई तय होंगे.
मसलन, विचारधारा कोई भी हो भारत देश की अखंडता के लिए शांति का संतुलन एक मात्र विकल्प है. यदि सत्ता या किसी ख़ास विचारधारा के पीछे खड़ा हो कोई लॉबी देश के मानचित्र, अखंडता व शांति को ताक पर रख अपनी लूट संरक्षित करने की मंशा रखे. तो देश के नागरिकों को समझ जाना चाहिए उसके लिए सभी भेद-भाव भूल कर तत्काल एकजुट होने का वक़्त आ गया है. अन्यथा उनके लिए भेद-भाव करने के लिए भी ज़मीन शेष नहीं बचने वाली है.