राजस्व-निबंधन विभाग: हेमन्त सत्ता -213 करोड़ का फायदा, बीजेपी सत्ता-400 करोड़ का नुकसान

झारखण्ड : सीएम की निगरानी में राजस्व-निबंधन विभाग से राजस्व में 213 करोड़ का हुआ फायदा. सरकार का अब उत्पाद और नगर विमानन विभाग पर जोर. ज्ञात हो, पूर्व की भाजपा सत्ता में 400 करोड़ के नुकसान में चल रहे थे विभाग. हेमन्त सरकार की नीतियां हर क्षेत्र में भाजपा सत्ता की तुलना में साबित हुआ है बेहतर

राँची : झारखण्ड राज्य पूर्व की सत्ताओं के नीतियों के अक्स में आज कमजोर आर्थिक हालत, गरीबी-कुपोषण जैसे सच से गुजरने को विवश है. इस सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता है. राज्य के इस स्थिति का दोषी केंद्र की भेदभावपूर्ण नीतियों के अलावा पूर्व की भाजपा सरकारों, विशेष कर रघुवर सरकार की लूट मानसिकता पर आधारित नीतियां रही है. डीवीसी पर हजारों करोड़ रुपये के बकाया छोड़ राज्य पर वित्तीय बोझ डालने वाली रघुवर सरकार का सच स्पष्ट उदाहरण हो सकता है. जिससे मौजूदा हेमन्त सरकार कोरोना त्रासदी काल में लगातार जूझती रही है.

तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच भी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन राज्य की जनता को मदद पहुंचाने हेतु हरसंभव प्रयास करती दिखी है. उनके द्वारा राज्य के सभी विभागों में राजस्व संग्रहण बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया हैं. ज्ञात हो, पूर्व की भाजपा सरकार में लाई गई योजना, “महिलाओं के नाम एक रुपये में ज़मीन रजिस्ट्री ” से राज्य को जिस राजस्व-निबंधन और भूमि सुधार विभाग से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. उन्ही विभागों ने हेमन्त सरकार में स्टैम्प बेचने जैसे विशेष पहल से महज 9 माह में, राजस्व में करोड़ों रुपये का संग्रहण किया है. 

इसके अलावा मुख्यमंत्री अपनी निगरानी में अन्य विभागों से राजस्व बढ़ाने पर  लगातार जोर दे रहे हैं. राजस्व और वाणिज्य-कर विभाग में राजस्व संग्रहण बेहतर हुआ है. अब मुख्यमंत्री का उत्पाद और नगर विमानन विभाग पर विशेष ज़ोर हैं. 

राजस्व-निबंधन और भूमि सुधार विभाग : 400 करोड़ के नुकसान से पहुंचा 200 करोड़ रुपये का फायदे तक

400 करोड़ रुपये का नुकसान : ज्ञात हो, पूर्व की रघुवर सरकार में राजस्व-निबंधन और भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत “महिलाओं के नाम 1 रुपये में जमीन रजिस्ट्री” की योजना शुरू हुई थी. जिससे राजस्व में करीब 400 करोड़ का नुकसान हुआ था. विधानसभा में योजना की जानकारी देते हुए मंत्री हफीजुल हसन ने कहा था कि झारखण्ड में एक रुपए में रजिस्ट्री के नाम पर सरकारी जमीन की लूट हुई. उक्त योजना से सरकार को प्रतिवर्ष 400 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ था, नतीजतन, वर्तमान सरकार को उक्त योजना को बंद कर करना पड़ा है.

200 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा : वर्तमान में हेमन्त सरकार ने गैर-न्यायिक मुद्रांक यानी स्टैम्प बेचने की राज्य में ई-ग्रास (EGRASS) प्रणाली की शुरूआत 24 जून 2021 को की थी. रघुवर सरकार में स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL) के माध्यम से स्टैम्प बेचा जाता था. SHCIL से स्टैम्प बिक्री पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 560.32 करोड़, 2020-21 में 708.16 करोड़ का राजस्व मिला था. वहीं, हेमन्त सरकार की ई-ग्रास (EGRASS) प्रणाली से 2021-22 में (मार्च 2022 तक) 921.19 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण संभव हुआ. मतलब झारखण्ड को केवल 9 माह में ही 213 करोड़ रुपये राजस्व का फायदा हुआ .

वाणिज्य कर विभाग से राजस्व वसूली में हेमन्त सरकार ने बनाया रिकॉर्ड

झारखण्ड के इतिहास में वाणिज्यकर विभाग से पिछले एक वर्ष में राजस्व वसूली ने रिकॉर्ड बनाया है. विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजस्व वसूली के तय लक्ष्य से अधिक का वसूली किया है. वाणिज्य कर विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 18422 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य की तुलना में 19750 करोड़ रुपये हासिल हुआ है. राज्य गठन के बाद विभाग ने अधिकतम 16000 करोड़ रुपये अधिकतम राजस्व ही लक्ष्य हासिल कर पाया. वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभाग ने कुल 16,147 करोड़ का लक्ष्य हासिल किय़ा था. 

मुख्यमंत्री का राजस्व संग्रहण पर विशेष जोर, उत्पाद और नगर विमानन को लेकर भी हुई है पहल

राज्य हित में सरकार अन्य कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने में सक्षम हो, इसके लिए मुख्यमंत्री राजस्व संग्रहण पर विशेष जोर दे रहे हैं. बीते दिनों शराब की बिक्री से जुड़ी नयी उत्पाद नीति पर कैबिनेट में मुहर लगी है. इससे सरकार अपने राजस्व संग्रह को मौजूदा 1800 करोड़ रुपये बढ़ाकर 3000 करोड़ करने पर फोकस कर रही है. गुरूवार को मुख्यमंत्री ने नागर विमानन विभाग को रेवेन्यू मॉडल के रूप में विकसित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. 

सीएम ने कहा है कि सरकार को अतिरिक्त राजस्व बढ़ाने के लिए नगर विमानन विभाग की वर्तमान परिदृश्य के सेवाओं को ज़रूरतों हिसाब से व्यवसायिक बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा टूरिज़्म सर्किट, एंबुलेंस सेवा और फ्लाइंग एकेडमी शुरू करने समेत अन्य बेहतर विकल्प तलाशने की दिशा में पहल किया गया है.

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