झारखंड बजट 2021 – 22 क्रमवार विश्लेषण – कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्र

झारखंड बजट 2021 – 22 पहली बार परिणाम बजट (Outcome Budget) प्रस्तुत हुआ। जो व्यय के पश्चात्, लक्षित परिणाम को पारदर्शिता, जवाबदेही व जनता तक पहुँचे लाभ का आकलन कर लोकदृष्टि में लायेगा।

“माना कि डगर कठिन, पग-पग पर बाधाएँ। बढ़ने से रोक रही, महामारी सरीखी ज्वालाएँ। रोक न सकेंगे पर कदम हमारा, हम उन्नति के अभिलाषी हैं”। ये शब्द झारखंड बजट 2021-22 पेश करने के दौरान विधानसभा में गूंजा”। राज्य में पहली बार परिणाम बजट (Outcome Budget) प्रस्तुत हुआ। जो व्यय के पश्चात्, लक्षित परिणाम को लोकदृष्टि में लायेगा जो पारदर्शिता, जवाबदेही व आकलन करेगा कि बजट प्रावधान का लाभ जनता तक पहुँच रहा है।

जब कोई कोरोना प्रकोप से आहत राज्य फिर से उठ खड़ा होने का कवायद करे तो जाहिर है उस राज्य का बजट कुछ ऐसा ही होगा। जिसकी जड़ें ग्रामीण इलाकों से होते हुए हासिये पर जन मांस तक पहुंचे। जहाँ केंद्र के नियमों से इतर उसके प्रयास मनरेगा मजदूरी में 31 रुपए की बढौतरी कर 225/- रुपएकरने का फैसला लेती दिखेगी। जहाँ सरकार रोज़गार सृजन के लिए अपना ध्यान केन्द्रित कृषि क्षेत्र में करेगी। क्योंकि जब पूंजीपति वर्ग इस क्षेत्र में अपने पाँव पसार सकती है तो फिर सरकार क्यों नहीं। साथ ही गैर-कृषि क्षेत्रों में भी अपने पाँव उतने ताक़त से पसारेगी।

ग्रामीण जीवन में समृद्धि एवं कृषकों की आत्मनिर्भरता 

  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह (SHG) के सुदृढीकरण के लिए अनुदान राशि में बढ़ौतरी
  • सामाजिक सुरक्षा तंत्र व गुणवत्तापूर्ण सवास्थ्य सेवा के लिए राशि उपबंधित। 
  • अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के बेहतर शिक्षा हेतु योजनायें। विशेष स्कूलों एवं छात्रावासों का संचालन।
  • पूँजीगत आधारभूत संरचना में भी सामाजिक अवसंरचना पर विशेष बल
  • बजटीय प्रावधान सतत विकास लक्ष्य (SDG) से भी प्रभावित है जिसके तहत निर्धारित लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।
  • FRBM ACT के दायरे में रहते हुए अपने ऋण लेने की क्षमता को बढ़ाने का निर्णय। जो ऋण क्षमता का प्रयोग सामाजिक एवं आर्थिक आधारभूत संरचना के विकास एवं निर्माण सुनिश्चित करेगा।

विशेष – ऋण-भारों के मोचन हेतु निक्षेप निधि

ऋण-भारों के मोचन हेतु निक्षेप निधि (Consolidated Sinking Fund) में पहली बार लगभग 300.00 करोड़ रुपये का निवेश किया है जिससे राज्य की Credit Rating बढ़ेगी। जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इस कोष में रुपये 472.00 करोड़ का प्रावधान। जो ब्याज भुगतान की सततता एवं बेहतर वित्तीय प्रबंधन में एक कड़ी साबित होगी। और आने वाली पीढ़ी पर ऋणों का कम से कम भार पड़ेगा।

  • सकल अनुमानित बजट 91277 करोड़ रुपए –  राजस्व  व्यय 75755.01, पूंजीगत व्यय – 15521.99 करोड़ 
  • प्रक्षेत्र दृष्टिकोण – सामान्य प्रक्षेत्र 26,734.05 करोड़ रुपये, सामाजिक प्रक्षेत्र 33,625.72 व आर्थिक प्रक्षेत्र 30,917.23 करोड़ रुपये
  • राजस्व – 23,265,42 करोड़ रुपये, गैर कर राजस्व से 13,500 करोड़ रुपये, केन्द्रीय सहायता – 17,891.48 करोड़ रुपये, केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 22,050.10 करोड़ रुपये, लोक ऋण से करीब 14,500 करोड़ रुपये एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से करीब 70 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
  • वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2018-19 की अवधि में राज्य की औसत वार्षिक विकास दर करीब 5.7% रही। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 13.6% रहने का अनुमान

कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्र – झारखंड बजट 2021 – 22

  • कृषकों के लिए झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना। झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1200.00 करोड़ रुपये (बारह सौ करोड़ रुपये) का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त कुछ नई योजनाएँ भी लाई गई हैं। 
  • समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत किसान सर्विस सेंटर की स्थापना। कृषक समूह का प्रिशिक्षण एवं विभिन्न आयामों से जोड़ते हुए कृषकों को बाजार उपलब्ध कराया जायेगा। इस हेतु 61.00 करोड़ रुपये प्रस्तावित। 
  • किसान समृद्धि योजना अन्तर्गत – सामूहिक सिंचाई सुविधा हेतु प्रखंडों स्तर पर सोलर आधारित डीप बोरिंग कराया जायेगा। इस हेतु 45.83 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
  • शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की होगी खेती। उद्देश्य -शहरी क्षेत्रों में खाली पड़ी भूमि में गृह वाटिका होगी विकसित। तथा अत्यन्त कम लागत पर ताजी, स्वास्थ्यवर्द्धक सब्जियों एवं फलों की उपलब्धता सुनिश्चित करना। इसके तहत 5,000 पौष्टिक गृह वाटिका 2.00 करोड़ रुपये से विकसित किये जायेगें। इस योजना से शहरी परिवारों के भोजन में पौष्टिकता एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण का विकास होगा। 
  • झारखण्ड राज्य उद्यान प्रोत्साहन सोसाइटी (Jharkhand State Horticulture Promotion Society) का गठन। ऐसी संस्थागत व्यवस्था का विकास, जो क्षेत्र स्तर पर उद्यान निदेशालय एवं राज्य बागवानी मिशन के द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कर सके। यह सोसाइटी कृषकों, कृषि उद्यमियों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करेगा। इस हेतु 10.00 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
  • चैंबर ऑफ फॉर्मस का गठन। कृषकों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर मार्केट लिंकेज की संभावना बढ़ाएगी। लघु कृषि उद्योग का विकास तथा कृषकों को अपने उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा। कई छोटी खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) इकाईयों की स्थापना संभव होगी। इस हेतु 7.00 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
  • पोस्ट हार्वेस्ट एवं प्रिर्जवेशन आधारभूत संरचना का विकास योजना – उद्यानिकी फसलों के कटाई के पश्चात् होने वाले नुकसान की रोकथाम व फलों एवं सब्जियों की सेल्फलाईफ को बढ़ाते हुए ज्यादा समय तक संरक्षित रखना है। इसके तहत कुल 24 शीतगृह/ लघु शीतगृह की स्थापना 31.00 करोड़ रुपये की लागत पर किया जायेगा। इससे नाशवान फसलों की बर्वादी रूकेगी। 
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के असंतोषजनक प्रदर्शन को दृष्टिगत रखते हुए झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रतिकूल मौसम के कारण फसलों के उत्पादन में हास होने की स्थिति में फसलों की क्षति का आकलन कर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना हेतु 50.00 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

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