जिस केंद्र ने बजट 2021-22 में राज्यों के 50 शहरों को जल जीवन मिशन (शहरी) में किया शामिल, हेमंत सरकार 14 दिसम्बर को ही पेयजल परेशानी से निजात दिलाने को लेकर, योजना पर कर चुकी है काम शुरू
राँची। केंद्र की मोदी सत्ता के लाभकारी योजनाओं से इतर किस राज्य के मुखिया का विभागीय समीक्षा में सत्य उभारे कि जनकल्याण के मद्देनज़र, उसका फैसला ज्यादा प्रासंगिक हो राज्य को हकीक़तन लाभ पहुँचाए, तो उस मुख्यमंत्री का सोच किसी भी मायने में उस केन्द्रीय सत्ता से ज्यादा दूरदर्शी माना जा सकता है। बीते वर्ष झारखंड में, दिसम्बर माह में, संपन्न हुए विभागीय समीक्षा में तमाम योजनाओं में तेजी लाने के अक्स तले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जनसेवार्थ के मातहत अधिकारियों को दिया गया निर्देश इसी सत्य को उभारे, तो जाहिर है झारखंड इतराएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्देश उस योजना पर प्रभावी दिखे, जो राज्यवासियों के घर तक पेयजल, पानी जैसे जीवन की पहली मूल-भूत सुविधा मुहैया करे। जहाँ उनका फैसला राज्य के 54 लाख से अधिक घऱों को नल से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित करे। जहाँ 27 नगर निकायों में जलापूर्ति योजना पर काम शुरू हो जाए। तो उसके अक्स में निस्संदेह झारखंड इतरा सकता है।
मसलन, तमाम पहलू उस सत्य को उभारे कि जिस योजना को केंद्र बजट 2021-22 में ‘‘जल जीवन मिशन (शहरी)” की घोषणा करती है। जिसका लक्ष्य 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के 2.86 करोड़ घरों में पेयजल को लेकर नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। उस योजना पर यदि झारखंड सरकार उससे पहले कार्य शुरू कर दे, तो क्या कहेंगे…।
हेमंत राज में करोड़ की लागत से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू होगी योजनाएं
14 दिसम्बर 2020, पेयजल व स्वच्छता विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि राज्य के 54 लाख से अधिक घऱों को जलापूर्ति योजना से जोड़ने की दिशा में तेजी से काम करें। जिसमे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र शामिल है। ज्ञात हो कि राज्य गठन के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में आयोजित समारोह, में मुख्यमंत्री ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कई जलापूर्ति योजनाओं का भी शिलान्यास किया था।
इसमें 17.16 करोड़ की लागत से चाकुलिया में, 53.57 करोड़ की लागत से गिरिडीह में शहरी जलापूर्ति योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी जलापूर्ति योजना का लाभ देने के लिए कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसमें लेस्लीगंज में 24.97 करोड़, किशुनपुर में 30.11 करोड़, प्रतापपुर में 7.96 करोड़ सहित कई प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।
मोदी सरकार की पहल के पहले ही हेमंत ने शुरू की है योजनाएं
केन्द्रीय बजट 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए मोदी सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 2.86 करोड़ घरों में नल से जल के कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन (शहरी) की शुरूआत की जायेगी। इसका लक्ष्य सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है।
योजना में झारखंड के 50 शहरों के हर परिवार को भी नल से जल मिलने की बात की गयी है। राज्य के 9 नगर निगम, 18 नगर परिषद, 22 नगर पंचायत और एक अधिसूचित क्षेत्र समिति शामिल है। हालांकि, हेमंत सरकार ने पहले ही इनमें से 27 नगर निकायों में जलापूर्ति योजना पर काम शुरू कर दिया है।
हेमंत सोरेन का निर्देश, “वीडियो साझा करें, पानी मिल रहा है या नहीं”
राज्यवासियों को पेयजलापूर्ति योजना का लाभ मिल रहा है कि नहीं, इसकी जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री ने एक अनूठी पहल शुरू की है। उन्होंने जनता से अपील की है कि दूरदराज क्षेत्र के लोग विशेषकर (साहेबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार) को उपलब्ध कराए जा रहे पेय जलापूर्ति योजना से संबंधित वीडियो साझा करें। हेमंत सोरेन की सोच यही है कि अगर समयबद्ध तरीके से जलापूर्ति योजना का कार्य पूर्ण नहीं किया गया तो कई परिवार इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। इसलिए समयबद्धता एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिया है।