पशुपालकों के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम – हेमन्त सरकार में मंत्री स्वयं ले रहे हैं जायजा

पशुपालन विभाग द्वारा राज्य के पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री प्रशिक्षण केंद्र की स्वयं जायजा ले रहे हैं. प्रशिक्षण के दौरान होने वाली समस्याएं व शिकायतें भी सुन रहे हैं. और त्वरित निराकरण भी करते देखे जा रहे हैं.

झारखण्ड : हेमन्त सरकार में, चालू वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री प्रशिक्षण केंद्रों की स्वयं जायजा लेते देखे जा रहे हैं. प्रशिक्षण के दौरान होने वाली समस्याओं व शिकायतों को सुन भी रहे हैं. और त्वरित निराकरण भी करते देखे जा रहे हैं. सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा क्षेत्रीय निदेशक को निर्देश दिया गया है कि वह स्वयं प्रशिक्षण केंद्र जाएं और प्रशिक्षणार्थियों के साथ खुद भोजन करें. और देखें कि व्यवस्था में क्या त्रुटियां है एवं अविलंब समाधान निकालें.

मंत्री के निर्देश पर क्षेत्रीय निदेशक प्रशिक्षण केंद्र पहुंचे और व्यवस्था का लिया जायजा

ज्ञात हो, वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रसार तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत राज्य में संचालित मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले पशु एवं पक्षी की योजना का सुचारु संचालन तथा उक्त योजना से आत्मनिर्भर बनकर अपने जीविकोपार्जन से सम्बंधित 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हज़ारीबाग़ तथा राँची प्रशिक्षण केंद्र के अतिरिक्त दुमका में चलाया जा रहा है. उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण रूप से आवासीय है. प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण केंद्र तक आने जाने के लिए यात्रा भत्ता, 200 रुपये की दर से दैनिक भत्ता तथा भोजन आदि सुविधाओं की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है .

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना हेमन्त सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है. इस योजना का लाभ 100% किसानों तक पहुंचे, सरकार संकल्पित है. प्रशिक्षण लेकर जाने वाले प्रशिक्षणार्थियों से उन्होंने अपील की है कि वह बेहतर ट्रेनिंग लेकर अपने क्षेत्र जाएं और अन्य लोगों को भी जागरूक करें, जिससे सरकार की योजना को पूरी तरह से धरातल पर उतार सकें. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी किसान को किसी प्रकार की शिकायत हो तो वह सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं. मंत्री बादल ने कहा कि लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है.

मसलन, हेमंत सरकार के मंत्री द्वारा पशुपालन विभाग के निदेशक को दिया गया निर्देश -जहाँ भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं उसका औचक निरीक्षण कराया जाए, ताकि जानकारी प्राप्त हो सके कि प्रशिक्षणार्थियों को सही तरीके से ट्रेनिंग दी जा रही है, सकारत्मक परिणाम लेकर आ सकता है. इससे जहाँ एक तरफ सरकारी योजनाओं को धरातल पर पूरी तरह से उतारा जा सकेगा. तो वहीं झारखण्ड की जनता आत्मनिर्भर हो सकेंगे.

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