मुख्यमंत्री में दिखता है सभी धर्मों के प्रति समान आदर भाव. राज्य के विकास के मद्देनजर अल्प संसाधन के बीच जहाँ हेमन्त सोरेन लगातार मूल समस्याओं के निराकरण में ठोस कदम उठा रहे हैं. वहीं लोगों के धार्मिक आस्था के प्रतीकों के दहलीज पर पहुँच मांग रहे हैं राज्य व जनता की सुख-समृद्धि व सेवा करने की इच्छाशक्ति. झारखंड वासियों के लिए सुखद अनुभव…
रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखण्ड राज्य की भलाई के लिए किसी भी राह पर चलने नहीं चुक रहे हैं. लोकतंत्र में झारखण्ड की जनता के लिए यह सुखद अनुभव हो सकता हैं. एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री राज्य के विकास के मद्देनजर अल्प संसाधन के बीच लगातार सभी वर्गों के मूल समस्याओं के निराकरण में ठोस कदम उठा रहे हैं. वहीं सभी धर्मों के धार्मिक आस्था से सम्बंधित प्रतीकों के दहलीज पर पहुँच, माथा टेक राज्य व जनता की सुख-समृद्धि की कामना भी करते देखे जा रहे हैं.
आदिवासी का प्राकृत पर्व हो, हिन्दू धर्मावली का महा पर्व हो या मुस्लिम समुदाय की आस्था के केंद्र, चाहे वह प्रतीक किसी भी धार्मिक आस्था के केंद्र से सम्बन्ध रखता हो. सभी स्थानों को बराबर महत्त्व देते हुए, मुख्यमंत्री हर उस दहलीज पर नेक नियत से पहुंचे हैं और राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की है. इसी कड़ी में उर्स मुबारक के मौके पर वह डोरंडा रांची, हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा की दरगाह पर चादरपोशी की है. मुख्यमंत्री ने चादरपोशी करते हुए राज्य में सुख-समृद्धि, शांति एवं उन्नति के लिए दुआएं मांगी. ज्ञात हो, राज्य में लोगों की आस्था है कि हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा की दरगाह में सभी की इच्छाएं पूर्ण होती है.
हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा के दरगाह में मुरादें पूरी होती है
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा के दरगाह में लोग सुख-दु:ख दोनों ही अवस्थाओं में पहुंचते हैं. लोग रिसालदार बाबा के दरबार में मुरादे लेकर आते हैं और बाबा के आशीर्वाद से उनकी मुरादें पूरी होती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कभी लोग अपने दुःख या तकलीफ के समय रिसालदार बाबा से आशीर्वाद मांगते हैं, बाबा के दरबार से उन्हें ताकत और संबल प्रदान होता हैं. मसलन, कोरोना से लंबी लड़ाई के बाद इस साल भी उर्स मुबारक के अवसर पर हम लोगों ने रिसालदार बाबा के दरगाह में चादरपोशी की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से मुझे राज्य की जनता के दु:ख-दर्द को समझने व निराकरण करने की जिम्मेवारी मिला है. दरगाह में पहुंचकर मैने बाबा से आशीर्वाद मांगा है कि जिस काम की जिम्मेदारी मुझे मिली है उस काम मैं खरा उतर पाऊं. राज्य के समस्त जनमानस की मूल तकलीफों को दूर कर सकूं. बाबा के दरगाह में मैंने कामना की है कि समाज में प्रेम व आपसी सौहार्द का माहौल सदैव बना रहे तथा सभी वर्ग-समुदाय के लोग एकजुट होकर राज्य और देश के विकास में अपना योगदान दे, भागीदार बनें.