महामारी में जिसने भी मुख्यमंत्री से लगाई मदद की गुहार, आर्थिक समेत अन्य मदद उन्हें मिली तत्काल

निजी हॉस्पिटलों के मनमानी से परेशान संक्रमित मरीजों के परिजनों को पहुँचाई गयी तत्काल राहत. कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण के लिए भी आगे बढ़ मुख्यमंत्री हेमंत ने उसके भविष्य को लेकर लिए महत्वपूर्ण निर्णय

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों व छात्र को सीएम ने तत्काल पहुंचाई क्रमशः 1-1 लाख रुपये की आर्थिक मदद

रांची: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की त्रासदी, यदि देश के कैनवास पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कर्मठता को खुले तौर पर उजागर करे. वह भी तब अधिकांश विपक्षी नेता घर में बैठे केवल गाल बजा राजनीति कर रहे हों. मुख्यमंत्री की इच्छाशक्ति अल्प संसाधन में भी, जमीनी हकीकत का पल-पल जायजा ले. और माइक्रो प्रबंध कर आम लोगों तक राहत पहुंचाए. जिसके अक्स में झारखंड में संक्रमण तेजी से कम हो, आंकड़ा सच के रूप में उभरे. तो एक लोकतांत्रिक मुख्यमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय योग्य है.

यही नहीं, महामारी काल में, विपदा के दौर में जिस किसी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई. उन्हें आर्थिक समेत अन्य तमाम प्रकार की मदद भी, तत्काल मुख्यमंत्री के पहल पर लोगों को मिले. और मदद लेने वालों की फेहरिस्त केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी ही सीमित न हो. बल्कि पढ़ाई कर रहे छात्र, निजी अस्पातालों की मनमानी से पीड़ित मरीज़ व उसके परिजन से लेकर उसका दायरा कोरोना महामारी अपने माँ-बाप खो चुके अनाथ बच्चों के भविष्य की कवायद तक हो. तो निश्चित रूप हेमंत सोरेन का कार्यकाल लोकतंत्र के मूल भावना को परिभाषित करती है.

झारखंड की दो बेटियां, जो महिला खिलाड़ियों है, को सीएम ने पहुंचाई तत्काल मदद 

कोरोना काल में झारखंड की दो बेटियां, प्रतिभावान महिला फुटबॉलरों की दयनीय स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को मिलते ही, उन्हें खेल विभाग को इन खिलाड़ियो को मदद पहुंचाने के लिए निर्देशित किया. धनबाद जिले की इन बेटियों को तत्काल आर्थिक मदद मुहैया हुई. पहली खिलाड़ी संगीता सोरेन है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार अपनी प्रतिभा दिखा चुकी है. जो आर्थिक तंगी के कारण ईंट-भट्टे पर काम करने को विवश थी. जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर संगीता के घर तक राशन समेत 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद पहुंचाई गयी.

सीएम ने फिर दोहराया – राज्य सरकार आने वाले समय में संगीता जैसे तमाम होनहार खिलाड़ियों को सहयोग करते हुए, उनके भविष्य गढ़ेंगे. इसी तरह महिला अंडर-18 टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी आशा कुमारी भी धनबाद में अपने खेतों में काम कर रही थी. उसे भी मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की ओर से वित्तीय सहायता और जरूरी राशन उपलब्ध कराया गया.

लॉकडाउन से व्यापार प्रभावित। पैर भी फ्रैक्चर। पढ़ाई जारी रखने के लिए मुख्यमंत्री से लगाई मदद की गुहार। तत्काल मिली 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद 

पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर के करनडीह स्थित LBSM कॉलेज के 12वीं के छात्र सुभोजीत गुहा को भी मुख्यमंत्री ने पहुंचाई 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद. सुभोजीत वीएफएक्स एनिमेशन कंप्यूटर की पढ़ाई जारी रखना चाहता था. दरअसल, छात्र के पिता का सुभाष गुहा की सब्जी की दुकान है, जो लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित है. और हाल में ही उसका पैर भी फ्रैक्चर हो चुका है. जिससे उसके आगे की पढ़ाई में परेशानी उत्पन्न हो रही थी. मुख्यमंत्री को सुभोजीत ने पत्र लिखकर आर्थिक मदद की गुहार लगायी थी. सीएम ने सुभोजीत की समस्या की गंभीरता को समझते हुए तत्काल 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद पहुंचाई.

महामारी में माँ-बाप खो चुके अनाथ बच्चे व निजी अस्पातालों की मनमानी से परेशान जनता तक भी पहुंचे सीएम के मदद के हाथ 

कोरोना संक्रमण से माँ-बाप या अभिभावक खो चुके अनाथ बच्चों, जिनका परवरिश एक बड़ा सवाल हो सकता था. वैसे बच्चों के भविष्य को लेकर, मदद के रूप में मुख्यमंत्री ने ईमानदार कदम उठाए. जो राज्य के भविष्य को बचाने के मद्देनजर एक सफल प्रयास है. ज्ञात हो, परिजनों द्वारा पालन-पोषण करने पर प्रोत्साहन राशि देने का सीएम ने ऐलान किया है. लेकिन, परिजनों की सत्यता या उसकी मंशा को जांचने का भी पूरा ध्यान रखा गया है. और परिजन तैयार नहीं होने के स्थिति में, शेल्टर होम में रखकर परवरिश करने का लिया गया है फैसला. 

वहीं, संक्रमण काल में वैसे निजी अस्पताल, जिसने आपदा को अवसर में बदलना चाहा. और उसकी मनमानी के मद्देनज़र परेशानी में जब भी मरीज या उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री ने मदद की गुहार लगाई. तो उसे भी मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल कानूनी मदद मिली. राजधानी के एक हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को मिले मनमाने बिल के मातहत सीएम ने जिला प्रशासन को तत्काल जांच के आदेश दिए. जांच के उपरांत मरीज के बिल को कम करवाया गया.

Leave a Comment