सीएम ने कहा था 54 लाख घरों में पहुंचेगा नल का शुद्ध जल. पेयजल मंत्री के मुताबिक यह लक्ष्य बढ़कर हुआ 59 लाख. रांची शहरी जलापूर्ति योजना में 89 करोड़ खर्च करने की मिली अनुमति. 2 लाख से अधिक घरों को मिलेगा नि:शुल्क टैप वाटर कनेक्शन.
रांची शहरी जलापूर्ति योजना में 89 करोड़ खर्च करने की मिली अनुमति, 2 लाख से ज्यादा घरों को मिलेगा नि:शुल्क टैप वाटर कनेक्शन
रांची : झारखण्ड में पेयजल व्यवस्था को आमजन तक पहुंचाने हेतु हेमन्त सरकार में कई परियोजनाएं संचालित हैं. ज्ञात हो, पूर्व की डबल इंजन सत्ता में इस सन्दर्भ में कई ढपोरशंखी घोषणाएं हुई मगर ज़मीनी सच राज्य के बड़े क्षेत्र में इस सुविधा का विस्तार न होने के रूप में सामने है. और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सिर्फ उस सत्ता के चहेते क्षेत्रों तक ही सीमित होकर रहा. जबकि राज्य में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां जल प्रयाप्त मात्रा में हैं. राज्य की ग्रामीण आबादी पेयजल योजनाओं की धीमी रफ्तार से परेशान रही और फ्लोराइड युक्त अशुद्ध जल पीने को मजबूर हुए. जबकि राज्य गठन के बाद अधिकाँश सत्ता का सुख भोगने वाली भाजपा के लिए हमेशा से ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना चुनावी मुद्दा रहा है.
लेकिन, पारा शिक्षकों की समस्या की तरह यह समस्या भी विवादित ही बना रहा. कभी भाजपा द्वारा इस गंभीर समस्या का स्थायी हल निकालने का प्रयास नहीं हुआ. लेकिन मौजूदा दौर में, हेमन्त सरकार में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल कनेक्शन एक मुहिम बन कर उभरा है.राज्य की जनता के घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की दिशा में, पेयजल मंत्री द्वारा जोर-शोर से काम हो रहा है. जिसमें राज्य की जनता को पानी के लिए भटकता न देखने की मंशा साफ़ झलकती है. ज्ञात हो, पेयजल योजना के तहत 60 हजार करोड़ का टेंडर निकाला जाना हेमन्त सरकार की उपलब्धि दर्शाता है.
2020 में सीएम ने जलापूर्ति योजना के तहत 54 लाख घरों को लक्ष्य के रूप में लिया था, जो अब बढ़कर 59 लाख से अधिक हो गया है
शुद्ध पेयजल को लेकर दिसम्बर 2020 को विभागीय समीक्षा में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा था – राज्य सरकार ने आगामी 2024 तक करीब 54 लाख घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को नल सुविधा से जल मुहैया कराई जाए. उन्होंने वीडियो साझा कर लोगों से अपील की थी कि वह बताएं कि साहिबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार को पेयजलापूर्ति योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं.
इसका असर भी दिखा. जिसके तहत राज्य में कई पेयजलापूर्ति योजनाओं की शुरूआत हुई. सितम्बर 2021 को हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के छड़वा डैम के समीप करीब 15 करोड़ 34 लाख के लागत से ग्रामीण जलापूर्ति योजना की शुरूआत इसी पहल का एक हिस्सा बना है. सीएम के निर्देश के बाद आज यह स्थिति है कि अब 2024 तक सरकार ने 59 लाख 67 हजार घरों तक पेयजल सुविधा बहाल करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है.
रांची में 2.10 लाख कनेक्शन निःशुल्क देने के लक्ष्य के साथ काम कर रही सरकार
हाल ही में पेयजलापूर्ति योजनाओं के त्वरित गति से संचालन व गुणवतायुक्त क्रियान्वयन का परिणाम है कि हेमन्त सोरेन के प्रभार वाले नगर विकास एवं आवास विभाग नें एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ 1168 करोड़ रुपया का लोन साइन किया है. इसके तहत राजधानी रांची में तीन महत्वपूर्ण जलापूर्ति योजनाओं के तहत 2.10 लाख कनेक्शन निःशुल्क देने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है.
जल नीति 2020 के तहत नि:शुल्क कनेक्शन
पेयजल की सुविधा राज्य के तमाम वर्गों की जनता को मिल सके, इसके लिए हेमन्त सरकार में जल नीति 2020 को अधिसूचित किया है. जो कि जनवरी 2021 से लागू है. इस नीति के तहत राज्य सरकार ने सभी शहरी घरों में वाटर कनेक्शन नि:शुल्क कर दिया है. अगर कोई परिवार 5 किलो लीटर प्रति माह पानी का उपयोग करता है और वो गरीबी रेखा से उपर की श्रेणी में है तो भी उसे वाटर यूजर चार्ज नही लिया जाएगा.
89 करोड़ खर्च कर हेमन्त सरकार सुधारने जा रही राजधानी की शहरी जलापूर्ति व्यवस्था
बीते दिनों ही कैबिनेट में हेमन्त सरकार ने राजधानी की शहरी जलापूर्ति योजना के लिए 89 करोड़ खर्च करने की अनुमति दी. यह योजना एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा संपोषित होगी. प्रस्तावित योजना रांची शहरी जलापूर्ति फेज -2 के तहत संचालित होगी.