झारखण्ड के सदन के समक्ष राज्य का सकल बजट 01 लाख 01 हजार 01 सौ 01 करोड़ रुपये (1,01,101 करोड़ रुपये) का अनुमानित बजट पेश किया गया. प्रक्षेत्र के दृष्टिकोण से बजट देखें, तो सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 31 हजार 08 सौ 96 करोड़ 64 लाख रुपये (31,896.64 करोड़ रुपये), सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 37 हजार 03 सौ 13 करोड़ 22 लाख रुपये (37,313.22 करोड़ रुपये) तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 31 हजार 08 सौ 91 करोड़ 14 लाख रुपये (31,891.14 करोड़ रुपये) उपबंधित किये गये हैं.
बजट में प्रावधानित निधि की व्यवस्था – कर राजस्व से 24 हजार 08 सौ 50 करोड़ रुपये (24,850 करोड़ रुपये), गैर कर राजस्व से 13 हजार 07 सौ 62 करोड़ 84 लाख रुपये (13,762.84 करोड़ रुपये), केन्द्रीय सहायता से 17 हजार 04 सौ 05 करोड़ 74 लाख रुपये (17,405.74 करोड़ रुपये), केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 27 हजार 06 करोड़ 58 लाख रुपये (27,006.58 करोड़ रुपये), लोक ऋण से करीब 18 हजार करोड़ रुपये (18,000 करोड़ रुपये) एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से करीब 75 करोड़ 84 लाख रुपये (75.84 करोड़ रुपये) प्राप्त होंगे।
सामाजिक प्रक्षेत्र में समेकित रूप से 2021–22 की तुलना में आगामी वर्ष में कुल 11% की वृद्धि
2022-23 बजट में सीमित संसाधन के बीच जन अपेक्षाओं को मथने का प्रयास हुआ है. बजट के माध्यम से आधारभूत संरचनाओं तथा व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के बीच सामंजस्य बनाने का प्रयास हुआ है. बजट में पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं पर ध्यान देने के साथ Universal Pension, चावल, दाल, धोती-साड़ी, आवास, छात्रों के पठन-पाठन जैसे व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं पर भी बल दिया गया है.
सामाजिक प्रक्षेत्र में समेकित रूप से वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 11% की वृद्धि प्रस्तावित है. स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा एवं खाद्यान्न वितरण जैसे सामाजिक प्रक्षेत्र पर बल देते हुए स्वास्थ्य में 27%, पेयजल में 20%, शिक्षा में 6.5% तथा खाद्यान्न वितरण में 21% की बढ़ोत्तरी की गई है. राज्य में Capital Assets का सृजन ज्यादा हो, इसके लिए वर्ष 2021-22 की तुलना में Capital Outlay में 62% की वृद्धि करते हुए 18 हजार 17 करोड़ रुपये प्रस्तावित् किया गया है.
कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्र में 04 हजार 91 करोड़ 37 लाख रुपये (4,091.37 करोड़) का बजट प्रस्तावित
- जलनिधि योजना अन्तर्गत सभी जिलो में विशेष सिंचाई सुविधा अंतर्गत 01 हजार 07 सौ 66 डीप बोरिंग का कार्य एवं 01 हजार 09 सौ 63 परकोलेशन टैंक निर्माण की योजना है.
- एग्री स्मार्ट ग्राम योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 100 गाँवों को Gap Analysis कर विभिन्न योजनाओं से Convergence करते हुए समग्र विकास किया जायेगा.
- राज्य उद्यान विकास योजना में गो-धन न्याय योजना के अन्तर्गत पशुपालकों एवं किसानों से उचित मूल्य पर गोबर की खरीदारी की जायेगी. जिससे बायोगैस तथा जैविक खाद तैयार किया जायेगा. इससे लगभग 40 हजार लाभुकों को स्वरोजगार व आय के स्त्रोत बढ़ाए जायेंगे.
- वर्तमान में दूध उत्पादन प्रतिदिन लगभग 80 लाख लीटर होता है. वर्ष 2022-23 में कुल 85 लाख लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
- कृषि उत्पादों के बेहतर भण्डारण एवं विपणन हेतु विभिन्न जिलों में 05 हजार मिट्रीक टन क्षमता के मॉडल शीतगृह का निर्माण किया जा रहा है.
- झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना अन्तर्गत किसानों के लिए कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान से भरपाई हेतु 25 करोड़ रुपये का Corpus Fund create किया गया है.
जल संसाधन के लिए 01 हजार 08 सौ 94 करोड़ 48 लाख रुपये (1,894.48 करोड़) बजट प्रस्तावित
- सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना अन्तर्गत चांडिल डैम, गालूडीह बराज एवं खरकई बराज से निःसृत मुख्य नहरों से किसानों को भूमिगत पाईप लाईन (UGPL) द्वारा खेतों तक पानी पहुँचाया जायेगा. देवघर जिला में निर्माणाधीन पुनासी जलाशय योजना के मिट्टी बाँध का निर्माण कर जलाशय में जल संचयन किया जा रहा है. इस मुख्य नहर के 36 कि०मी० तक डायरेक्ट आउटलेट द्वारा सिंचाई कराने का लक्ष्य है.
- दुमका जिलान्तर्गत मसलिया एवं रानेश्वर प्रखण्ड में अपेक्षित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 01 हजार 02 सौ 04 करोड़ रुपये की मसलिया रानेश्वर मेगा लिफ्ट योजना की स्वीकृति दी गई है. जमींदारी बाँधों/तालाबों एवं 193 मध्यम सिंचाई योजनाओं के पुनर्स्थापन एवं 300 चेकडैम के निर्माण का लक्ष्य है.
ग्रामीण विकास के लिए 08 हजार 51 करोड़ 67 लाख रुपये (8,051.67 करोड़) बजट प्रस्तावित
- ग्रामीण क्षेत्रों में आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 12 करोड़ 50 लाख मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य है.
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत अबतक 10 लाख 44 हजार 03 सौ 21 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है. शेष 5 लाख 22 हजार 04 सौ 35 आवासों का निर्माण अगले वित्तीय वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य है. इस योजना के तहत IAP जिलों में प्रति आवास 01 लाख 30 हजार रुपये तथा Non-IAP जिलों में राज्य सरकार द्वारा State Fund से एक अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए 50 हजार रुपये प्रति आवास की दर से उपलब्ध कराने की योजना है.
- बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना के अंतर्गत 06 हजार 06 सौ 87 आवासों का निर्माण करने तथा 11 हजार नये आवासों की स्वीकृति एवं निर्माण का लक्ष्य है.
- राज्य में लगभग 02 लाख 72 हजार सखी मंडलों का गठन किया गया है तथा इससे 34 लाख परिवारों को जोड़ा जा चुका है. आगामी वित्तीय वर्ष में 10 हजार नये सखी मंडल का गठन करने तथा 20 हजार सखी मंडल को चक्रीय राशि एवं 74 लाख सखी मंडलों को सामुदायिक निवेश राशि उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. सखी मंडलों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री हेतु बड़ी संख्या में Palash Retail Outlets खोले जायेंगे.
पंचायती राज के लिए 02 हजार 15 करोड़ 47 लाख रुपये (2,015.47 करोड़) बजट प्रस्तावित
- 15वें वित्त आयोग अनुदान मद में लगभग 01 हजार 02 सौ 93 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होने की सम्भावना है, जिसमें से जिला परिषदों को 10%, पंचायत समितियों को 15% तथा ग्राम पंचायतों को 75% राशि दी जायेगी. उक्त राशि से संबंधित संस्था 30% जलापूर्ति, 30% स्वच्छता और शेष 40% का व्यय स्थानीय आवश्यकता की योजनाओं होगी. योजना का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा.
- पंचायतों को ज्यादा लोकोन्मुखी बनाने एवं ग्रामीणों को सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पंचायत भवन में क्रियाशील Common Services Centers (CSC) को सुदृढ़ किया जायेगा. ग्राम पंचायत भवन को ज्ञान केन्द्र के रूप में विकसित करने तथा ग्रामीणों के लिए पढ़ने का स्थान उपलब्ध कराने हेतु पंचायत ज्ञान केन्द्र की स्थापना की जाएगी.
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए 05 हजार 07 सौ 42 करोड़ 32 लाख रुपये (5,742.32 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य सरकार द्वारा Universal Pension को मूर्त रूप देने हेतु पेंशन प्राप्त करने की पात्रता को सरल किया गया है. अब तक 02 लाख 90 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं.
- बच्चे नियमित आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपस्थित होकर पोषाहार एवं शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों की प्राप्ति हेतु बच्चों को गर्म पोशाक (Woollen Uniform) वितरित करने की योजना लागू की जायेगी. इसके तहत लगभग 15 लाख बच्चों को लाभान्वित किया जा सकेगा. साथ ही पौष्टिक आहार के रूप में अण्डा वितरण करने का प्रस्ताव है.
- राज्य के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषाहार पकाने एवं वितरण करने हेतु बर्तनों तथा स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता हेतु एक-एक जल शोधक यंत्र (Water Purifier) की आपूर्ति करने की योजना है.
- विद्यालय से बाहर रह रहे 23 हजार किशोरियों एवं युवतियों का चयन शिक्षा प्राप्ति के लिये किया गया है. इसमें कम से कम 14 हजार किशोरियों एवं युवतियों का 8वीं/10वीं पाठ्यक्रम में नामांकित करने का प्रस्ताव है.
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के लिए 11 हजार 06 सौ 60 करोड़ 68 लाख रुपये (11,660.68 करोड़) बजट प्रस्तावित
- विद्यालयों के ड्रॉपआउट दर को कम करने हेतु नवाचार किए गए हैं. राज्य के 01 हजार 08 सौ 28 पंचायत जीरो ड्रॉपआउट घोषित हो चुके हैं तथा आगामी वर्ष में 01 हजार और पंचायतों को जीरो ड्रॉपआउट पंचायत बनाने का लक्ष्य है.
- वैश्विक महामारी के दौरान राज्य के लगभग 06 लाख बच्चे विद्यालय से बाहर हो गये थे, जिसमें से लगभग 04 लाख 23 हजार विद्यार्थियों का नामांकन पुनः विद्यालयों में हुआ है तथा शेष विद्यार्थियों हेतु सेतु पाठ्य योजना प्रारम्भ होगी.
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु बच्चों के लिए निदानात्मक शिक्षा (Remedial Class) प्रारम्भ किया गया है.
- प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 40% तथा टेट पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 50% बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है. अब ये पारा शिक्षक, सहायक अध्यापक के नाम से जाने जायेंगे. इन शिक्षकों के मानदेय मद में राज्य योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.
- माध्याह्न भोजन के अन्तर्गत अतिरिक्त पोषाहार यथा- अण्डा एवं फल के लिये 136 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में निहित प्रावधानों को धरातल पर उतारने हेतु तथा शिक्षक-छात्र अनुपात को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाने के लिये प्रारंभिक शिक्षा के अन्तर्गत शिक्षकों के लिये पद सृजन पर कार्य किया जा रहा है.
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संप्राप्ति हेतु ज्ञानोदय योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में गणित एवं विज्ञान लैब का अधिष्ठापन तथा डिजिटल शिक्षा के साथ शिक्षकों को 42 हजार टैब उपलब्ध कराया जायेगा.
- राज्य के कुल 84 मॉडल विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने के दृष्टिकोण से उसमें हॉस्टल का निर्माण तथा परिवहन हेतु वाहन उपलब्ध कराने की योजना है.
- 203 कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालय में नामांकन के अनुरूप छात्राओं के उचित आवासन की व्यवस्था हेतु अतिरिक्त छात्रावास निर्माण के लिये 200 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
- आगामी वित्तीय वर्ष में चरणबद्ध तरीके से जिला पुस्तकालय का निर्माण किया जायेगा. राँची में Competition की तैयारी कर रहे बच्चों की सुविधा के लिए एक वृहद् Reading Room होगा.
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए 02 हजार 26 करोड़ 13 लाख रुपये (2,026.13 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य में GER (Gross Enrolment Ratio) में बढ़ोत्तरी तथा सुलभतापूर्वक गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु कुल 33 नये डिग्री/महिला कॉलेजों के लिए सभी प्रकार के पदों के सृजन आगामी वित्तीय वर्ष में पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ किया जायेगा. रामगढ़ जिला अन्तर्गत गोला में डिग्री कॉलेज के निर्माण का प्रस्तावित्. विश्वविद्यालयों के सभी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया करते हुए शिक्षकों के रिक्त 01 हजार 03 सौ 63 पदों की अधियाचना JPSC को भेजी गई है.
- राज्य के गरीब छात्र-छात्राएँ पैसे के अभाव में श्रेष्ठ संस्थाओं से उच्चत्तर शिक्षा प्राप्त करने से वंचित होते रहे हैं. बैंक भी बिना Mortgage के Loan उपलब्ध कराने में असमर्थता व्यक्त करते हैं. झारखण्ड के छात्र-छात्राओं के उच्चत्तर शिक्षा में बाधाओं को दूर करने हेत Guruji Credit Card Scheme प्रारम्भ करने का प्रस्ताव है.
- राँची में भारत सरकार के सहयोग से Science City की स्थापना का प्रस्ताव है. दुमका एवं देवघर में तारामंडल की स्थापना कार्य पूर्ण संचालन की कार्रवाई करने का प्रस्ताव है.
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण के बजट में 27% की वृद्धि – 05 हजार 06 सौ 18 करोड़ 83 लाख रुपये (5,618.83 करोड़) बजट प्रस्तावित
- सभी नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु निम्न योजनायें प्रस्तावित हैं :
- चिन्हित 300 बिस्तरों वाले जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जायेगा.
- पहल के आधार पर रिनपास, कांके, राँची की खाली जमीन पर PPP मोड पर मेडिको सिटी की स्थापना का प्रयास.
- RIMS, MGM तथा शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज के सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव.
- सरायकेला, खूटी तथा लोहरदगा जिले के अनुमण्डल अस्पताल जिला स्तरीय अस्पताल के रूप में होंगे विकसित.
- आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अधिकतम सार्वजनिक और निजी अस्पतालों को जोड़ते हुए अधिकाधिक लाभार्थियों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान किया जाएगा.
- निर्माणाधीन सार्वजनिक स्वास्थ्य भवनों को पूर्ण कराना, कर्मियों/मशीन, उपकरणों आदि की व्यवस्था कर होगा संचालन.
- डायलिसिस, एसएनसीयू, आईसीयू, ब्लड बैंक, जन औषधि स्टोर आदि को शामिल करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों, विशेष रूप से जिला अस्पतालों में सेवाओं का विस्तार दिया जायेगा.
- दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/स्वास्थ्य उपकेन्द्र में टेलीमेडिसिन सेवाओं को सुदृढ़ बनाना.
- सार्वजनिक क्षेत्र में पैरामेडिकल/एएनएम/जीएनएम/ बीएससी नर्सिंग/फार्मेसी स्कूलों/कॉलेजो के नेटवर्क का विस्तार करके राज्य में पैरामेडिकल शिक्षा को मजबूत करना।
- राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए हाट बाजार में मोबाईल क्लिनिक के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना.
- दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अत्यंत कमजोर जनजातीय समुदाय (PVTG) के परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए बाईक एम्बुलेंस सेवाएं आरंभ करना.
पेयजल एवं स्वच्छता में 20% की वृद्धि करते हुए 04 हजार 54 करोड़ 40 लाख रुपये (4,054.40 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य के लोगों को लाल पानी, काला पानी, Arsenic तथा Floride युक्त दूषित पानी पीने से बचाने हेतु वर्ष 2024 तक सभी घरों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. साहेबगंज, गोड्डा, दुमका तथा पाकुड़ के लोगों को गंगा नदी से नल के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा.
- वर्तमान में 289 अदद् वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है. जल जीवन मिशन के तहत् 96 अदद् नये वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की जा रही है. जहाँ सतही स्रोत नहीं है, वैसे क्षेत्रों को सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का लाभ दिया जायेगा.
- राज्य के सभी पंचायतों में 05-05 अदद् प्रति पंचायत की दर से नलकूप निर्माण की कार्रवाई की जा रही है.
- राज्य में छूटे ग्रामीण घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है.
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के लिए 02 हजार 05 सौ 52 करोड़ 58 लाख रुपये (2,552.58 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य की गरीब जनता तक सरकार की मूलभूत सुविधाओं का लाभ पहुंचाने हेतु सूचना तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रक्रियाओं के सुदृढ़ीकरण एवं सरलीकरण का लक्ष्य रखा गया है. जन वितरण प्रणाली से संबंधित नियमों को युक्तियुक्त बनाने के साथ सरलीकरण कर जटिलताओं को दूर किया जायेगा.
- झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अधीन वर्तमान में 09 लाख अन्त्योदय परिवारों को 01 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रति परिवार 35 किलोग्राम तथा Priority Household (PHH) योजना के लगभग 02 करोड़ 28 लाख सदस्यों को प्रति व्यक्ति 05 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.
- वैसे परिवार जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आच्छादित नहीं किया जा सका है, वैसे 15 लाख लाभुकों को झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना संचालित कर प्रति व्यक्ति 05 किलोग्राम खाद्यान्न 01 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है.
- झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभुकों का अधिकतम लक्ष्य 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जायेगा. इससे 05 लाख नये परिवार इस योजना से जुड़ सकेंगे. राज्य में कुपोषण की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से दाल वितरण योजना प्रारम्भ किया जाएगा. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से प्रतिमाह 01 किलोग्राम दाल 01 रुपये की दर से उपलब्ध कराया जायेगा.
श्रम, नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए 05 सौ 90 करोड़ 70 लाख रुपये (590.70 करोड़) बजट प्रस्तावित
- झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 गठित किया गया है. अधिनियम के प्रारम्भ होने के पश्चात् प्रत्येक नियोक्ता द्वारा 40 हजार रुपये तक के सकल मासिक वेतन या मजदूरी वाले रिक्त पदों पर 75% स्थानीय उम्मीदवारों को ही नियोजित किया जायेगा.
- मुख्यमंत्री सारथी योजना के माध्यम से डिग्री प्राप्त युवाओं को रोजगार के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करायी जायेगी.
- झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाइटी द्वारा वर्ष 2022-23 में एक लाख युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा.
अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 02 हजार 02 सौ 17 करोड़ 40 लाख रुपये (2,217.40 करोड़) बजट प्रस्तावित
- मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना राज्य के अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांगजन के युवाओं को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु सुगम एवं सस्ते दर पर ऋण-सह-अनुदान देता है. इस योजना अंतर्गत ऋण राशि का अधिकतम 40% अथवा अधिकतम 05 लाख रूपये का अनुदान (Subsidy) दिया जाता है. इस योजना को विस्तृत रूप में लागू करने का प्रस्ताव है.
- आगामी वित्तीय वर्ष में 14 एकलव्य आवासीय विद्यालय, 09 आश्रम विद्यालय, 04 पी० वी० टी० जी० आवासीय प्राथमिक विद्यालय तथा 01 अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय का संचालन प्रारम्भ किया जायेगा.
- मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाते हुए अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं की भाँति अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक तथा पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को भी यूनाईटेड किंगडम एवं नॉर्दन आयरलैंड के चयनित विश्वविद्यालयों /संस्थानों यथा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, आदि में मास्टर्स (Masters)/(M–Phil) Full Degree Programme ग्रहण करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा.
- झारखण्ड के जनजातीय संस्कृति को संरक्षित एवं सुरक्षित करने हेतु जनजातीय समुदाय के पवित्र स्थल यथा – सरना/जाहेर स्थान/हड़गड़ी/मसना के विकास के लिये चहारदीवारी निर्माण, पेयजलापूर्ति, सौर ऊर्जा आधारित विद्युत आपूर्ति, चबूतरा निर्माण, आदि का कार्य किया जा रहा है. कब्रिस्तान घेराबंदी के लिए कुल 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान है.
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के लिए 01 हजार 19 करोड़ 95 लाख रुपये (1,019.95 करोड़) बजट प्रस्तावित
- वन संवर्द्धन एवं संरक्षण के तहत राज्य द्वारा राष्ट्रीय वन नीति के तहत भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून के प्रतिवेदन के अनुसार 2019 से 2021 तक 11 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्रों में वृद्धि हुई है. इस वर्ष में कुल 01 लाख 78 हजार पौधों का रोपन किया जा रहा है. आगामी वर्ष में इसे बढ़ाकर कुल 02 लाख 56 हजार पौधारोपण का प्रस्ताव है.
- नदी तट पर वृक्षारोपण के तहत सभी 24 जिलों में 753 कि०मी० नदी तट वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न किया गया है. 93 कि०मी० नदी तट वृक्षारोपण का अग्रिम कार्य भी किया जा रहा है. आगामी वर्ष में 115 कि०मी० नदी तट वृक्षारोपण का अग्रिम कार्य प्रस्तावित है.
- नामकुम में अवस्थित Biodiversity Park को PPP Mode के तहत Eco Tourism Park के सिद्धान्त पर विकसित किया जायेगा.
- पलामू व्याघ्र संरक्षण फाउण्डेशन अनुदान के नाम से एक नई योजना की शुरुआत करने का प्रस्ताव है, जिसके अन्तर्गत पलामू व्याघ्र आरक्ष में वन्यप्राणियों की सुरक्षा, भोजन, विकास कार्य आदि के लिए अनुदान मद से राशि उपलब्ध कराई जायेगी.
पथ निर्माण के लिए 03 हजार 08 सौ 53 करोड़ 34 लाख रुपये (3,853.34 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य के विकास में पथों के उन्नयन एवं विकास में पथों की लम्बाई मात्र 54 सौ कि०मी० से बढ़कर अब 12 हजार 07 सौ 36 कि०मी० हो गई है. आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 12 सौ कि०मी० पथों का Widening/Strengthening/Riding Quality Improvement, 2पुल-पुलिया का निर्माण कार्य पूर्ण करने की योजना है.
- राजधानी राँची में जाम की समस्या के निवारण हेतु Inner Ring Road/Flyover/ Elevated Corridor एवं अन्य पथों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव है, जिसमें मुख्यतः नेवरी बूटी मोड़ – कोकर – कांटाटोली – नामकोम पथ, विवेकानन्द स्कूल मोड़-नयासराय-रिंगरोड पथ, सिरम टोली-राजेन्द्र चौक-मेकॉन Round about तक का 04 lane का elevated corridor का निर्माण किया जायेगा. साथ ही, Ring Road के प्रमुख Radial Roads के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का भी प्रस्ताव है.
ग्रामीण पथ कार्य के लिए 02 हजार 06 सौ 64 करोड़ 33 लाख रुपये (2,664.33 करोड़) बजट प्रस्तावित
- केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 25 सौ कि०मी० पथ का उन्नयन/ सुदृढ़ीकरण तथा 250 पुल का निर्माण कार्य कराया जायेगा. केन्द्र प्रायोजित योजना Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Area (RCPLWEA) के तहत 500 कि०मी० पथ एवं 50 पुल के निर्माण का प्रस्ताव है.
- ग्रामीण सड़कों के निर्माण हेतु राज्य संपोषित योजना का विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के रूप में Launch करने का प्रस्ताव है. इसके तहत आगामी वर्ष में 01 हजार कि०मी० ग्रामीण पथों के निर्माण/सुदृढ़ीकरण करने का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के अन्तर्गत 70 पुलों का निर्माण होगा. ।
भवन निर्माण के लिए 05 सौ 68 करोड़ 06 लाख रुपये (568.06 करोड़) बजट प्रस्तावित
- श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान (SKIPA) परिसर की कठिनाईयों के मद्देनजर नये भवन निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है. बेहतर प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने हेतु इस संस्थान के लिए नये भवन का निर्माण प्रस्तावित है.
- पदाधिकारियों/कर्मियों के आवासों की कमी को दूर करने हेतु वरीय पदाधिकारियों/कर्मियों के आवासों का निर्माण कार्य भी अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित है. नई दिल्ली में दूसरे झारखण्ड भवन, गोड्डा तथा धनबाद समाहरणालय एवं सरायकेला तथा गुमला के अनुमण्डल कार्यालय एवं दुमका Convention Centre का निर्माण कार्य पूर्ण करने का प्रस्ताव है. तथा गुमला, चतरा, लोहरदगा एवं बोकारो में समाहरणालय भवन तथा चतरा, सिमडेगा, बगोदर एवं जामताड़ा का अनुमण्डलीय कार्यालय भवन के निर्माण कार्य प्रारम्भ करने का प्रस्ताव है.
परिवहन एवं नगर विमानन के लिए 03 सौ 35 करोड़ 62 लाख रुपये (335.62 करोड़) बजट प्रस्तावित
- साहेबगंज जिला में Multi Modal Terminal के नजदीक Industrial-cum–Logistic Park का निर्माण प्रस्तावित. सभी कार्यालयों में सभी प्रकार के शुल्क एवं कर पूर्णतः कैश लेस सिस्टम लागू कर दिया गया है. व्यावसायिक वाहनों के गुणवत्तापूर्ण फिटनेस जाँच ऑटोमेटेड उपकरणों के माध्यम से करने हेतु Automated Testing Station का निर्माण किये जाने का प्रस्ताव है.
नगर विमानन
- राज्य में वैमानिकी प्रशिक्षण को गतिशीलता प्रदान करने तथा नए प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने के उद्देश्य से Jharkhand Flying Institute नामक Society का गठन करने का प्रस्ताव है.
- सस्ते दर पर Air Ambulance की सुविधा सुलभ कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा Wet Lease पर एक Air Ambulance रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
- राज्य में विमानन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राजकीय नागर विमानन नीति, 2022 का गठन किया जायेगा.
- साहेबगंज सड़क, रेल एवं जल तीनों मार्गों से जुड़ते हुए एक Multi Model Hub के रूप में उभर रहा है. इसे वायु मार्ग से भी जोड़ कर साहेबगंज ही नहीं, बल्कि समस्त क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को तेजी प्रदान करने हेतु साहेबगंज में हवाई अड्डा के निर्माण का प्रस्ताव है.
ऊर्जा के लिए 04 हजार 08 सौ 54 करोड़ 94 लाख रुपये (4,854.94 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य में गुणवत्तापूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु उत्पादन, संचरण एवं वितरण के क्षेत्र में कई योजनाएं संचालित हैं. बुनियादी ढांचो को मजबूत एवं विकसित करने का प्रयास जा रहा है.
- राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की योजना, Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS) में शामिल होने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत लगभग कुल 98 सौ करोड़ रुपये एके निवेश से राज्य में बिजली नेटवर्क विस्तार, आधुनिकीकरण, उचित ऊर्जा लेखांकन (Energy Accounting) और प्री पेड स्मार्ट मीटर की स्थापना की जायेगी.
- प्री-पेड मीटर बिजली चोरी रोकने, राजस्व की सुरक्षा, एवं राजस्व वसूली में सुधार लाने में कारगर होंगे, जिससे उपभोक्ता सरलता से बिजली का उपयोग एवं उपयोग की गई बिजली का भुगतान कर सकेंगे.
- Solar Energy को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Solar Policy लागू किया गया है. इसके तहत Solar Power Plant, Solar आधारित उद्योग स्थापित करने पर अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा. आगामी वर्षों में इससे 01 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
- सब्सिडी (टैरिफ सब्सिडी)– राज्य के विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने हेतु वर्ष 2022-23 में 01 हजार 08 सौ करोड़ रुपये प्रस्तावित है. गरीब और किसानों पर बिजली बिल का बोझ कम करने के हेतु ऐसे प्रत्येक परिवार को मासिक 100 यूनिट बिजली मुफ्त दिये जाने का प्रस्ताव है.
उद्योग के लिए 03 सौ 39 करोड़ 25 लाख रुपये (339.25 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए उद्योगों की प्राथमिकता निर्धारित कर के लिए औद्योगिक नीतियों का निर्माण एवं सरलीकरण किया जायेगा. राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु नयी झारखण्ड उद्योग प्रोत्साहन नीति लागू की गयी है, जिनके लिए अनुदान उपलब्ध कराने हेतु 160 करोड़ रुपये के बजट उपबंध का प्रस्ताव है.
- IT & ITes, Biotechnology इत्यादि प्रक्षेत्रों में Start-ups को प्रोत्साहित करने के लिए Start-up Capital Venture Fund की स्थापना की जायेगी.
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में Prime Minister Employment Generation Programme (PMEGP) योजना के अन्तर्गत 06 हजार युवक-युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है.
- राज्य में नये हस्तकरघा समूहों का निर्माण कर उन्हें कार्यरत करने के लिए मशीन-उपकरण मद में अनुदान देने का प्रस्ताव है. साथ ही, पूर्व से कार्यरत 120 प्राथमिक बुनकर समितियों एवं 133 हस्तकरघा समूहों को सुदृढ़ किया जाना प्रस्तावित है.
- हस्तशिल्प एवं हस्तकरघा विकास के लिए राँची में Jharkhand Institute of Craft & Design (JICD) को आगामी शैक्षणिक सत्र में प्रारम्भ करने का प्रस्ताव है.
- नये तकनीक आधारित नये उद्योग स्थापित करने हेतु Jharkhand Industrial Park Policy, Jharkhand Electric Vehicle Policy लागू करने का प्रस्ताव है.
- Asset Reconstruction Corporation के माध्यम से रूग्ण उद्योगों (Sick industries) के Revival के लिए पैकेज तैयार किये जायेंगे.
नगर विकास एवं आवास के लिये 03 हजार 55 करोड़ 04 लाख रुपये (3,055.04 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राजधानी राँची के सम्पूर्ण विकास हेतु राज्य सरकार के द्वारा Traffic व्यवस्था में सुधार के निमित्त दो Flyover एवं ट्रांस्पोर्ट नगर के निर्माण पर कार्य प्रारम्भ है. इसके अतिरिक्त राँची के लिए एक Comprehensive Mobility Plan का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे कि सुनियोजित तरीके से योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. राजधानी राँची के सौन्दर्गीकरण पर भी कार्य किया जा रहा है एवं पुराने बाजारों एवं आवासीय कॉलोनी के पुर्ननिर्माण पर भी कार्य प्रारम्भ किया जायेगा.
- राज्य के बड़े शहरों में सुचारू सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था विकसित करने हेतु वर्ष 2022-23 में राँची, जमशेदपुर एवं धनबाद में आधुनिक सिटी बस सेवा प्रारम्भ किये जाने की योजना है. इन शहरों में मॉडर्न अन्तर्राज्यीय बस अड्डों का निर्माण लोक–निजी भागीदारी के आधार पर कराये जाने की योजना है.
- राज्य के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु नवगठित 10 नगर निकायों एवं गुमला, लोहरदगा तथा जामताड़ा में Piped Water Supply की नई योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किये जायेंगे.
- आमजनों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के निमित्त प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत लगभग 70 हजार आवासों का निर्माण कराया जा रहा है. आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 35 हजार आवास पूर्ण करने का लक्ष्य है. झारखण्ड राज्य आवास बोर्ड के द्वारा राज्य गठन के बाद पहली बार राँची एवं देवघर में आवासीय परियोजना का निर्माण प्रारम्भ किया जायेगा.
- नये सचिवालय भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जायेगा, जिससे कि सरकार के सभी विभाग एक जगह पर आपसी समन्वय के साथ काम कर सकें.
- Greater Ranchi Development Authority (GRDA) अन्तर्गत आधारभूत संरचना विकसित करने के साथ आवासों का निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव है.
पर्यटन, कला संस्कृति, युवा एवं खेलकूद के लिए 03 सौ 49 करोड़ 39 लाख रुपये (349.39 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य में पर्यटन नीति, 2021 लागू है, जो अगले 05 वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी. पर्यटक सुविधा हेतु आधारभूत संरचना विकास के तहत निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाना, पर्यटक आवासन व्यवस्था सुदृढ़ीकरण, पर्यटकों को पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने की योजना है. राज्य के विभिन्न डैम/जलाशयों में जलक्रीड़ा के अवसर उपलब्ध कराये जाएँगे तथा विभिन्न जलाशयों को जोड़कर टुरिस्ट सर्किट विकसित किये जायेंगे.
- राज्य के विभिन्न जलप्रपात में आधारभूत संरचना का विकास कर स्कायवाक् (Skywalk), रोपवे इत्यादि जिससे पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध कराई जाएगी.
खेलकद हेतु आधारभूत संरचना का विकास
- राज्य में अगले वित्तीय वर्ष में नई खेल नीति घोषित की जायेगी जिसके तहत खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा. राज्य में युवाओं के सामाजिक, मानसिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं खेल विकास हेतु राज्य के गाँवों में सिदो-कानू युवा क्लब की स्थापना की जायेगी, जहाँ युवा एवं खेल गतिविधियों से संबंधित सभी कार्यक्रम सम्पादित किये जायेंगे.
- कला तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के हेतु राजधानी राँची में एक राज्य स्तरीय सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है.
सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स के लिए 03 सौ 53 करोड़ 27 लाख रुपये (353.27 करोड़) बजट प्रस्तावित
- IT एवं e-Governance के क्षेत्र में Artificial Intelligence एवं Blockchain तकनीकी के उपयोग से Data Driven Governance, Online Cashbook Management, Jharbhoomi Application ya Land Records इत्यादि परियोजनाओं को सुरक्षित एवं सुदृढ़ बनाकर आम नागरिकों को सुलभ एवं Real Time में सेवायें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. IT क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से नई IT Policy लाने का प्रस्ताव है.
- झारखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र, राँची में एक राज्य स्तरीय भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS) प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव है.
- युवाओं में उद्यमशीलता विकसित करने के हेतु हमर अपन बजट में प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य में Start up Fund बनाने का प्रस्ताव है. इसके लिए कुल 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
सूचना एवं जनसम्पर्क 01 सौ 56 करोड़ 07 लाख रुपये (156.07 करोड़) बजट प्रस्तावित
- लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ मीडिया एवं पत्रकारों के कल्याण हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त राँची प्रेस क्लब भवन सुचारू रूप से संचालित है. देवघर तथा धनबाद में प्रेस क्लब निर्माणाधीन है.
- झारखण्ड राज्य के पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिये जाने हेतु झारखण्ड राज्य पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना 2021 लागू किये जाने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन के लिए 08 हजार 04 सौ 52 करोड़ 67 लाख रुपये (8,452.67 करोड़) बजट प्रस्तावित
- राज्य के विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण हेतु DNA Analysis, Cyber Forensic, Mobile Forensic Vans, Equipments and Electronic Items, Kits, Tools, Chemicals एवं अन्य संबंधित सुविधाओं को बढ़ायें जाने का प्रस्ताव है.
- मानवाधिकार उल्लंघन के रोकथाम हेतु राज्य के सभी थानों में CCTV कैमरा का अधिष्ठापन कराया जाना है.
Crime and Criminal Tracking Network System (CCTNS) परियोजना अंतर्गत पुलिस रिकार्ड का Digitization, Online FIR की सुविधा, समाधान पोर्टल अंतर्गत पुलिस से संबंधित ऑनलाईन सेवा तथा पुलिस, न्यायालय, जेल, अभियोजन, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, अन्वेषण ब्यूरो में डेटा का आदान-प्रदान करने की योजना प्रक्रियाधीन है. राज्य के 514 थानों में यह व्यवस्था लागू हो गई है.