झारखण्डी मूल जनता की आस : गृहमंत्री के आगमन से होगी उनके अधिकारों की पूर्ति 

झारखण्ड : मूल जनता को आस है कि गृहमंत्री उनके अधिकार भी सुनिश्चितत करेंगे. झारखण्ड सरकार को आस है कि गृहमंत्री राज्य को एक लाख करोड़ से अधिक बकाये राशि की अदाएगी में सकारात्मक रुख दिखायेंगे. बीजेपी नेताओं को मार्गदर्शन की आस है.

रांची : झारखण्ड में देश के गृहमंत्री अमित शाह का आगमन होने जा रहा है. झारखण्ड की सरकार, बीजेपी नेता-कार्यकर्ता, जनता व मीडिया जगत खुश हैं और अपने क्षमता के अनुसार स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. सरकार द्वारा गृहमंत्री की सुरक्षा में 2000 जवानों को लगाये जाने की खबर है. एसपीजी के घेरे में जनता लगभग 100 फीट की दूरी से गृहमंत्री को सुन पायेंगे. ज्ञात हो, राज्य के मूलवासी गृहमंत्री से अपने अधिकारों को लेकर सकारात्मक खबर सुनने को बेताब है.

झारखण्डी मूल जनता की आस : गृहमंत्री के आगमन से होगा उनके अधिकारों की पूर्ति 

गृहमंत्री से झारखण्ड सरकार की आस 

झारखण्ड सरकार को अपने गृहमंत्री के आगमन से राज्य को एक लाख करोड़ से अधिक बकाया राशि मिलने की या फिर इससे सम्बंधित कोई नए रास्ते खुलने की उम्मीद है. साथ ही केंद्र के पक्षपात रवैये से निजात मिलने के मद्देनजर राज्य सरकार को जनहित में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, राशन जैसे केन्द्रीय हिस्सेदारी के आलोक में कोई बीच का सकारात्मक रास्ता निकलने की भी उम्मीद है. 

झारखण्ड बीजेपी के नेताओं को गृहमंत्री से आस 

ज्ञात हो, गृहमंत्री के आगमन से पहले राज्य के बीजेपी नेताओं में केवल बयान बाजी के माध्यम से सबसे असरदार नेता होने की होड़ मची है. बाबूलाल मरांडी द्वारा ट्विट किया गया है कि वह गृह मंत्री के भगवान बिरसा की पुण्य भूमि में आगमन से उत्साहित हैं. और उनके मार्गदर्शन को लालाइत हैं. कमोवेश सभी बीजेपी नेताओं की यही मंशा दिखी है. लेकिन, राज्य का दुर्भाग्य है किसी भी बीजेपी नेता के द्वारा राज्य की मूल समस्याओं के समाधान की इच्छा नहीं जताई जा सकी है.

देश के गृहमंत्री से राज्य के आदिवासी व मूलवासी की आस 

झारखण्ड की मूल जनता के हित व संरक्षण में हेमन्त सरकार में पिछले तीन वर्षों में ठोस नीतिगत फैसलों के अक्स में कई विधेयक पारित हुए हैं. और केंद्र को भेजा गया है जिसपर केंद्र का सकारात्मक रुख अब तक नहीं दिख पाया है.

ज्ञात हो, इस फेहरिस्त में मुख्यतः सरना आदिवासी धर्म कोड बिल, 1932 खतियान आधारित स्थानीय विधेयक व SC, ST, OBC आरक्षण बढौतरी विधेयक शामिल है. ऐसे में राज्य की जनता को आस ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि गृहमंत्री उपरोक्त संदर्भ में न केवल सकारात्मक रुख प्रस्तुत करेंगे, राज्य के मूल जनता के अधिकार भी सुनिश्चितत करेंगे. 

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