झारखण्ड : BJP सरकार के काल खण्ड में अर्जित अवैध संपत्ति ED ने की जब्त

झारखण्ड : पूजा सिंघल की पल्स अस्पताल, पल्स डायग्नॉस्टिक सेंटर समेत ₹82.77 करोड़ की भ्रष्टाचार जनित समाप्तियाँ ईडी द्वारा जप्त. ईडी जार्जशीट के अनुसार यह अवैध संपत्ति 2013 से 2019 के, यानी बीजेपी सरकार कालखण्ड के बीच का है. सीएम सोरेन की बात हुई सच.

रांची : झारखण्ड में बीजेपी के कई ज्ञानी व भविष्यदर्शी बड़े नेता लगातार सोशल मीडिया पर सक्रीय रहते है. कभी ये ईडी से पूर्व ईडी जांच से संबधित सूचना जनता को देते पाए जाते हैं, तो कभी हेमन्त सरकार को बिना मांगे ज्ञान देते देखे जाते हैं. कोई इतिहास का तो कोई सरकार चलाना सिखाते हैं. लेकिन तमाम परिस्थितियों के बीच पूर्व में हुए घटनाक्रम की अधकचरा जानकारी प्रस्तुत कर अपने वर्तमान क्रियाकलापों को छुपाने के प्रयास करते दिखते हैं.

झारखण्ड : BJP सरकार के काल खण्ड में अर्जित अवैध संपत्ति ED ने की जब्त

ज्ञात हो, ईडी पूछताछ के बाद सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा स्पष्ट कहा गया था कि पूर्व की बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को संस्थानों में बैठे संगठित संघी मानसिकता के आसरे न केवल वर्तमान हेमन्त सरकार के मत्थे थोपने का प्रयास हुआ है, राज्य में विकास के राह पर अग्रसर सरकार को अस्थिर करने का कुप्रयास भी हुआ है. और एक आदिवासी सीएम को बौधिक रूप से कमजोर समझने का ऐतिहासिक गलती करते हुए उसपर निशाना साधने का भी कुप्रयास हुआ है.   

ED द्वारा जब्त श्रीमती पूजा सिंघल की सपत्तियां 2013 से 2019 के बीच का -सरयू राय 

इसी बीच राज्य में ईडी कार्रवाई की आई सूचना ने सीएम हेमन्त सोरेन के उस आरोप को सत्य साबित कर दिया है. जिस पर बीजेपी सरकार के पूर्व सहयोगी व वर्तमान विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर मुहर भी लगाई है. ज्ञात हो, ईडी द्वारा श्रीमती पूजा सिंघल कीभ्रष्टाचार से अर्जित करोड़ों की सम्पति जब्त की गई है.

इस बाबत विधायक सरयू राय द्वारा ट्विट किया गया है कि “ED ने श्रीमती पूजा सिंघल की ₹82.77 करोड़ की भ्रष्टाचार जनित समाप्तियाँ आज जप्त कर लिया. इसमें पल्स अस्पताल, पल्स डायग्नॉस्टिक सेंटर आदि शामिल हैं. ईडी के अनुसार ये संपत्तियाँ मुख्यतः मनरेगा घोटाला से अर्जित की गई हैं. ईडी जार्जशीट के अनुसार यह अवैध धन 2013 से 2019 के बीच का है.

मसलन, पूरे मामले में राज्य में बीजेपी के ज्ञानी बड़े नेताओं की चुप्पी एक बार फिर उनकी मंशा का पोल खोल रही है. जबकि नैतिकता के आधार पर इन बड़े भविष्यदर्शी नेताओं को वर्ष 2013 से 2019 के बीच में हुए भर्ष्टाचार पर अपना आलौकिक ज्ञान प्रदर्शित करना चाहिए. ताकि झारखण्ड के जनता के ज्ञान चक्षु खुल सके.

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