झारखण्ड : सुधरेगी उत्पाद दुकान संचालक व एजेंसी कीकार्यशैली. उत्पाद राजस्व संग्रहण में होगी वृद्धि. खुदरा उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों का बकाया वेतन अविलंब होगा भुगतान. जन शिकायतों का निपटारा होगा सुनिश्चित.
रांची : नई उत्पाद नीति के तहत सीएम हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में राजस्व संग्रहण एवं क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा हुई. इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव, उत्पाद सचिव, आयुक्त उत्पाद, विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं खुदरा उत्पाद दुकानों के मानव प्रदाता एजेंसी के निदेशक तथा राज्य अंतर्गत कार्यरत थोक विक्रेता उपस्थित रहे. बैठक में सीएम के निर्देशों में जन कल्याण स्पष्ट रूप से देखने को मिला.
सीएम उत्पाद दुकानों के संचालकों की कार्यशैली से दिखे असंतुष्ट
सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा उत्पाद दुकान संचालकों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान अविलंब करने को निर्देश दिया गया. सीएम के द्वारा कहा गया की मैन पावर सप्लाई एजेंसी सुनिश्चित करें कि खुदरा उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों का वेतन बकाया न रहे. सीएम ने उत्पाद दुकान संचालकों को 15 दिनों में कार्यशैली में सुधारने को कहा अन्यथा राज्य सरकार कार्रवाई क्र सकती है.
उत्पाद राजस्व संग्रहण घटने की मुख्य वजहों पर जल्द सुधार करते हुए उत्पाद राजस्व संग्रहण के निर्धारित लक्ष्य 4 महीनों में हर हाल में पूरा करने को कहा गया. सीएम ने सख्त लहजे में कहा कि कहा कि झारखण्ड में बनी नई नीति का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना है. वे अपनी जिम्मेदारी समझें एवं लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति हेतु जल्द सार्थक प्रयास करें. अगले 15 दिनों में कार्यों की पुन: समीक्षा होगी और सुधार न होने पर एजेंसीयों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
खुदरा उत्पाद दुकानों के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम डिवेलप करने का निर्देश
सीएम द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया कि खुदरा उत्पाद दुकानों की निरंतर मॉनिटरिंग हो. सरकारी खुदरा मदिरा दुकानों में अवैध शराब की बिक्री न हो यह सुनिश्चित करें. राज्य में नकली शराब बेचने व बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो. शराब के अवैध कारोबारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो. साथ ही खुदरा उत्पाद दुकानों का लगातार निरीक्षण व खुदरा उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों की मिलीभगत की जांच भी सुनिश्चित हो.
सभी खुदरा उत्पाद दुकानों का लक्ष्य निर्धारित करें. उत्पाद राजस्व संग्रहण लक्ष्य के अनुरूप होनी चाहिए. खुदरा उत्पाद दुकानों पर रेट लिस्ट डिस्प्ले हो. ओवरप्राइसिंग की शिकायतें सुनने को मिली है. इसके संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित करें. सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों में हेरफेर करने वाले व अवैध शराब माफिया तथा दुकानदारों के मिलीभागत पर पैनी नजर रखी जाए. एक्साइज कंट्रोल रूम को सशक्त बनाएं. विभाग तथा संचालक संयुक्त रूप से आम जनता की शिकायतों पर कार्रवाई करे.
राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा
सीएम ने सभी एजेंसियों को आश्वस्त किया कि राजस्व संग्रहण से संबंधित किसी भी कार्रवाई में राज्य प्रशासन के द्वारा उन्हें हर प्रकार से सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा. सीएम ने थोक विक्रेताओं को भी निर्देशित किया कि मांग के अनुरूप सभी वांछित पैक साइज की मदिरा उपलब्ध कराएं, ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
बैठक में मुख्य सचिव ने झारखण्ड राज्य विबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भी निर्देशित किया गया. उससे कहा गया की वे तकनीकी आधारभूत संरचना तथा विनिर्माणशालाओं में बूम वैरियर एवं दुकानों में सीसीटीवी अधिष्ठापन की कार्रवाई को शीघ्रता पूर्ण कराएं ताकि राजस्व क्षरण का कोई भी बिंदु अनछुआ न रह जाए.
निम्नलिखित बिंदुओं पर हुई समीक्षा
उत्पाद सचिव के द्वारा सीएम को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 तक के माह नवंबर तक के कुल लक्ष्य 1600 करोड़ रुपये के विरुद्ध राज्य कोषागार में 1084 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं, जो कि माह नवंबर तक के लक्ष्य का लगभग 68% है. खुदरा उत्पाद दुकानों की Sale Efficiency 73.75% है. बिक्री की मुख्य जिम्मेवारी नियमानुसार मानव प्रदाता एजेंसियों की है. वांछित बिक्री के आधार पर ही राजस्व लक्ष्य का संग्रहण संभव हो सकता है.
लक्ष्य से कम राजस्व वसूली के संबंध में सीएम के द्वारा पृच्छा किए जाने पर विभागीय सचिव ने अवगत कराया कि मानव प्रदाता एजेंसियां निर्धारित बिक्री लक्ष्य के अनुरूप मदिरा की बिक्री नहीं कर पा रही जिस कारण से राजस्व लक्ष्य में कमी परिलक्षित हो रही है. इस क्रम में यह बातें सामने आई कि मानव प्रदाता एजेंसी द्वारा विक्रेताओं का वेतन भुगतान नहीं होने के कारण विक्रेता हतोत्साहित हैं.
कतिपय दुकानों में विभागीय पदाधिकारियों द्वारा एमआरपी से अधिक मूल्य पर बिक्री, मदिरा में पानी मिलाने जैसे गतिविधि तथा अवैध मदिरा बिक्री जैसी अनियमितताएं दर्ज की गई है. अक्टूबर माह में इनके द्वारा बिक्री लक्ष्य की प्राप्ति नहीं की गई. जिस कारण से मानव प्रदाता एजेंसियों पर नियमानुसार 18.22 करोड़ रुपये का अर्थदंड अधिरोपित करते हुए इसकी वसूली की कार्रवाई की जा रही है.