झारखण्ड : हेमन्त शासन में संवैधानिक मूल्यों के अमलीकरण पर जोर 

झारखण्ड : हेमन्त शासन में संवैधानिक मूल्यों के अमलीकरण पर जोर दिया जा रहा है. सीएम द्वारा कई माध्यमों से जन अधिकार संरक्षण किया गया है. नतीजतन संविधान दिवस पर राज्य में संविधान के प्रति निष्ठा व कर्तव्य निभाने के शपथ लेने की परम्परा का उदय हुआ है.

रांची: झारखण्ड राज्य में, हेमन्त शासन में संवैधानिक मूल्यों को अमलीजामा पहनाने पर अमल हो रहा है. सीएम द्वारा कई माध्यमों से जन अधिकार संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है. नतीजतन संविधान दिवस जैसे पावन मौके पर राज्य के सरकारी संस्थान परिसर में संविधान के प्रति निष्ठा और कर्तव्य निभाने हेतु सामूहिक शपथ लेने की परम्परा का उदय हुआ है. संविधान की प्रस्तावना का पाठ हो रहा है. संविधान के प्रति समर्पित रहने की शपथ ली जा रही है.

झारखण्ड : हेमन्त शासन में संवैधानिक मूल्यों के अमलीकरण पर जोर 

ज्ञात हो, झारखण्ड में सीएम हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखण्ड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (TAC) की तीसरी बैठक भी संपन्न हुई. बैठक में पर्यावरण, जनजातीय संस्कृति, सामुदायिक पट्टा, लघु वन उत्पाद, जनजातीय भाषा, होड़ोपैथी, नगर निकाय में जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व, जनजातीय समुदाय के युवाओं के लिए अधिक भुगतान अवधि के साथ ऋण प्रदान करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय मजबूती से लिए लिए गए हैं.

TAC सुनिश्चित कर रहा है अनुसूचित जातियों के संवैधानिक अधिकार 

  • पर्यावरण और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण करते हेतु राज्य में परिवेशीय अनुकूलन पर आधारित पर्यटन अर्थात Eco-Tourism को बढ़ावा दिया जा रहा है जायेगा.
  • लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री के लिए सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड कार्यरत है. इसी के अंतर्गत व्यापक रूप से लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री कर वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आय वृद्धि किये जाने हेतु निर्णय लिया गया.
  • वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत अधिक सामुदायिक पट्टा दिये जाने और उसमें अधिक से अधिक वन भूमि का उपयोग वन विभाग के नियमों एवं पर्यावरण के अनुकूल किये जाने पर जोर.

अनुसूचित जातियों के शिक्षा व पारंपरिक ज्ञान पर जोर 

  • जनजातीय भाषा में कक्षा 1 से 5 तक के लिए अध्ययन और जनजातीय भाषाओं के अधिक से अधिक उपयोग पर डा0 रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के माध्यम से अध्ययन कराते हुए एक नीति बनायी जायेगी. 
  • जनजातीय भाषाओं में अधिक से अधिक पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद कराते हुए उसका वितरण कराये जाने का निर्णय लिया गया.
  • जनजातीय भाषाओं के शिक्षको की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज किया जाय। आवश्यकता अनुसार पद सृजन भी किया जाय.
  • होड़ोपैथी आदिवासी ज्ञान परंपरा का गौरवपूर्ण हिस्सा रहा है. इस ज्ञान परम्परा के संरक्षण हेतु वैज्ञानिक विश्लेषण, अध्ययन, अनुसंधान, प्रकाशन के साथ सी0एस0आई0आर0 के तरह वैज्ञानिक प्रयोगशाला बनाते हुए इसे आयुष में सम्मिलित किये जाने पर जोर दिया गया.

जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व व आर्थिक स्वावलंबन पर जोर  

  • The Municipalities (Extension to the Scheduled Areas) Bill, 2021 के Standing Committee की अनुशंसा “नगर निकाय की समिति जिसमें जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व हो की अनुशंसा नगर निकाय को बाध्यकारी होगी (Recommendation of this Committee shall be ordinarily be binding on the Municipality)” को विलोपित करने की अनुशंसा की गयी थी पर विचारोपरांत उक्त प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया.
  • जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय नहीं लिए जाने पर जोर.
  • झारखण्ड पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार नियामावली, 2022 के प्रारूप पर संबंधित विभागों एवं पक्षों से सम्यक विचारोपरांत निर्णय लिया जाय.
  • जनजातीय समुदाय के युवाओं को पाँच वर्ष से अधिक भुगतान अवधि के साथ ऋण प्रदान किये जाने हेतु अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन कराते हुए बैकों के साथ राज्य स्तरीय बैठक कर नीति बनायी जाए.

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