झारखण्ड : एक आदिवासी सीएम, हेमन्त सोरेन के नीतियों में दिखती है गरीबों को शिक्षा मुहैया कराने की जबरदस्त ललक. सीएम के प्रयासों के फेहरिस्त में ‘गुरुजी क्रेडिट कार्ड’ योजना भी जुड़ने को तैयार.
रांची : एक आदिवासी सीएम, हेमन्त सोरेन की नीतियों में झारखण्ड के सभी वर्गों को शिक्षा मुहैया कराने की जबरदस्त ललक दिखती है. जिसके अक्स में सीएम के द्वारा खोले जा रहे नए राह दिखते हैं. जिसकासीधा फायदा सभी गरीब व आरक्षण के लकीरों के अंतर्गत आने वाले वर्गों को मिलता दिखता है. सीएम के प्रयासों के फेहरिस्त में अब ‘गुरुजी क्रेडिट कार्ड’ जैसी मानवीय योजना भी जुड़ने को तैयार है. यह योजना राज्य के सभी गरीबों को टॉप संस्थानों में पढ़ने का सामान मौक़ा देगा.
ज्ञात हो, शिक्षा किसी राज्य, देश, मानव विकास व भारत जैसे देश में स्थापित मनुवादी आधारित जातिवादी समीकरण में फंसे आरक्षितजातियों के विकास आधारित भविष्य निर्धारण में निर्णायक भूमिका अदा कर सकती है. शिक्षा नौकरी के अवसर, आर्थिक आधार स्थापना, सामाजिक उत्थान, स्वावलंबन जैसे क्रांतिकारी बदलाव लाता है. जो लोकतांत्रिक देश के लिए न केवल भाग्य विधाता साबित होता है, शान्ति-प्रेम के बुनियाद पर एक राष्ट्र व राष्ट्रवाद का निर्माण भी करता है.
राज्य को जल्द गुरुजी क्रेडिट कार्ड के रूप में मिल सकता है तोहफा
गुरुजी क्रेडिट कार्ड की सभी गाइडलाइन तय हो चुके हैं. जिसके तहत अब राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर 10वीं-12वीं पास छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए, देश के टॉप-200 शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने के लिए सब्सिडी आधारित, महज 4 फीसदी ब्याज पर 15 लाख रुपए लोन मिले सकेगा. जो बैंक प्रोसेसिंग फीस व कोलेट्रल सिक्यूरिटी जैसी बाध्यताओं से भी मुक्त होगा. और लोन उपलब्ध कराने के लिए वेब पोर्टल का निर्माण होगा. जिसका मेंटेनेंस कॉर्पस बैंक ही करेगा.
गुरुजी क्रेडिट कार्ड के संचालन के लिए उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनेगी. और योजना की मॉनिटरिंग विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी ही करेगी. गरीब छात्रों को सरकार द्वारा लोन देनें का यह फैसला न केवल झारखंडी समाज को कई फायदा देगा. झारखण्ड जैसे गरीब व एससी, एसटी व पिछड़ा बाहुल्य राज्य के विकास में भी मिल पत्थर साबित होगा. और राज्य सही मायने में आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बन सकेगा.
गुरुजी क्रेडिट कार्ड के तहत लोन के प्रावधान से राज्य के विकास को मिलेगी मजबूती
- शिक्षा का मुकाबला : गरीब परिवारों के बच्चे उच्च शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई करके अपनी क्षमताओं को समझेंगे और विभिन्न दृष्टिकोणों से राज्य व देश को विकसित कर सकेंगे. इससे वह अंधविश्वास से दूर होंगे है और आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे. और अपना व समाज का एक बेहतर भविष्य गढ़ पायेंगे.
- नौकरी के अवसर : शैक्षणिक संस्थानों से अधिकांश उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ जायेंगे. इसलिए, गरीब परिवारों के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दिशा में हेमन्त सरकार का यह लोन उपलब्ध कराने अतुलनीय प्रयोग उनके बीच सम्मान जनक रोजगार की संभावनाएं बढ़ाएगा.
- आर्थिक आधार की स्थापना : हेमन्त सरकार का गुरुजी क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाला यह शैक्षणिक लोन गरीब छात्र के लिए शिक्षा क्षेत्र में आर्थिक आधार स्थापित करेगा. यह उन्हें उच्च संस्थानों में छात्रवृत्ति और अन्य वित्तीय सहायता के लिए भी योग्य बनाने में साहयक होगा. जिससे वह भविष्य को और सुखद बना सकेंगे.
- सामाजिक उत्थान : शिक्षित झारखंडी युवा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादक और सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे. शिक्षित युवा न केवल गरीबी से बाहर निकलेंगे वह अपने परिवार, समाज व देश में सकारात्मक वैचारिक परिवर्तन भी लाएंगे.
- स्वावलंबन : हेमन्त सरकार यह प्रयास राज्य के हर वर्ग के युवाओं को स्वावलंबी बनने का अवसर प्रदान करेगा. वह आत्मनिर्भर होंगे और उनमें उत्पन्न यह विचार राज्य में सकारात्मक सोच का संचार करेगा. जिससे राज्य में स्वावलंबन की नई परिपाटी शुरु होगी. और भारत में सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक व राष्ट्रवाद के विकास को बल मिलेगा.