मोदी सत्ता अब संस्थानों के माध्यम से गरीबों को चाहती है भूखा मारना

झारखण्ड : गरीब राज्य का सीएम हेमन्त सोरेन कहे कि गरीब राशन कार्ड के बावजूद परेशान हैं. केन्द्र का एफसीआई अनाज देने से मना कर दिया है. तो गरीब अमृतकाल का मायने जल्द समझ लें. 

रांची : वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट-2022, भुखमरी के मामले में दुनिया के 121 देशों में भारत स्थान 107वां हो. और खुशहाल देशों की तुलना में भी 136 देशों में भारत का स्थान 125वां. जिसके अक्स में भारत का सच उन देशों में शामिल होने का हो जहां भुखमरी बेहद गम्भीर समस्या हो. भारत की रैंकिंग का सच साउथ एशिया के गरीब देशों की तुलना में, पड़ोसी देश श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल से भी खराब हों. तो मोदी सरकार के अमृत्काल का सच समझा जा सकता है.

मोदी सत्ता अब संस्थानों के माध्यम से गरीबों को चाहती है भूखा मारना

ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं, चावल की बिक्री बंद कर दी जाए. और ख़बरें अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड का देश भर में साइलो कॉम्प्लेक्स भारतीय खाद्य निगम (FCI) से लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) प्राप्त का सच लिए हो. जिसके अक्स में अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के पास कुल 15.25 लाख टन भंडारण क्षमता की अथोरिटी हो. तो मोदी सत्ता के गरीबों और गरीबी के प्रति काली मंशा समझी जा सकती है.

मोदी सत्ता अब गैर भाजपा शासित राज्यों को संस्थानों के आसरे भूखा मारने को तैयार 

ऐसे में झारखण्ड जैसा गरीब प्रदेश, जो बीजेपी-आरएसएस मानसिकता द्वारा एक भी आदिवासी सीएम को पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा ना करने देने का सच लिए हो. और जो बीजेपी शासन में भूख से मौतों का भी सच लिए हो. उस प्रदेश के मुखिया, हेमन्त सोरेन का सच अपने गरीब जनता को खाद्यान मुहैया कराने अक्स में केंद्र सरकार को बार आग्रह पत्र लिखने का हो. और केंद्र का सच बार-बार उस आग्रह पत्र को नकारने का हो. झारखण्ड के चुनौतियों को समझा जा सकता है.

तमाम परिस्थितियों के बीच आदिवासी सीएम हेमन्त सोरेन कहे कि राज्य में गरीब राशन कार्ड के बावजूद परेशान हैं. केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. भारत सरकार की एफसीआई अनाज देने से मना कर दिया है. और जिला प्रशासन को निर्देश दे कि वह अब राशन बाजार से खरीद कर गरीबों में बांटे, तो मौजूदा मोदी शासन का अमृत्काल सत्ता लोभ में गैर भाजपा शासित राज्यों को भारतीय संवैधानिक संस्थानों के आसरे कुचलने के सच से इनकार कर सकता है.

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