ED संस्थान भारत : 1206 कर्मियों में मात्र 281 SC-ST-OBC 

ED संस्थान भारत : 1206 संगठित क्षेत्र के मैनपावर में 85% बहुजन संख्या की तुलना में मात्र 281 SC-ST-OBC. संजय मिश्रा के अक्स में देश में इडी की चर्चा और बहुजन की भागीदारी के मायने समझे जा सकते है. 

रांची : मनुस्मृति के अक्स में भारत एक जाति प्रधान देश है. लगभग 1000 वर्षों से देश के शुद्र यानी बहुजन यानी एससी-एसटी-ओबीसी और अल्पसंख्यक जो जाति आधारित श्रम-रोजगार से जुड़े हैं, के त्रासदीय जीवन जीने के सच को समझा जा सकता है. प्रभावी मनुवाद मानसिकता के अक्स में देश की इससे बड़ा त्रसादी और क्या हो सकता कि विभिन्न जातियों को अपनी संख्या तक नहीं पता है. जिसके अक्स में देश और राज्य सरकारों में बनने वाली योजनाओं की हकीकत समझी जा सकती है. 

भारत के बिहार प्रदेश में 2 अक्टूबर 2023 को जाति जनगणना के आंकड़े सीएम नितीश के द्वारा जारी हुए. आंकड़ों से पता चला है कि बिहार की आबादी का 27.1% पिछड़ा वर्ग है. 36% अति पिछड़ा (ईबीसी) वर्ग है. 19.7% अनुसूचित जाति हैं. 1.7% अनुसूचित जनजाति हैं. जिसकी संख्या राज्य के कुल संख्या का 85% है. और 15% ही सवर्ण हैं. और यही कमोवेश पुरे देश की स्थित है. लेकिन इस बहुसंख्यक समाज की राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक सभी आयामों में भागीदारी लगभग नगण्य है.  

सर्वोच्च नयायालय ने ईडी अधिकारियों को दिखाया अयोग्यता का आईना

भारत में आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चर्चा में है. देश के विपक्ष समेत बहुजन जननेता, सीएम पूर्व सीएम के द्वारा संस्थान पर पक्षपात का आरोप लगा गए हैं. भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक ने 11 जुलाई, 2023 को ईडी के पूर्व निदेशक संजय मिश्रा की नियुक्ति को असंवैधानिक ठहराया. फिर भी मोदी सरकार उसकी नियुक्ति को लेकर अड़ने का प्रयास किया. सर्वोच्च न्यायालय ने ही ईडी अधिकारियों को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका मामले में अयोग्यता का आईना दिखाया है .

ED संस्थान भारत : 1206 कर्मियों में मात्र 281 SC-ST-OBC 

मोदी सरकार की नीतियों में भारत में आरएसएस मानसिकता के पैठ के सच तले सभी सरकारी संस्थान या तो कुंद होने का सच लिए है या फिर जाति आधारित पक्षपात की तस्वीर पेश करती प्रतीत होती है. ज्ञात हो, ईडी संस्थान भारत 1206 संगठित क्षेत्र के मैनपावर से संचालित होने का सच लिए है. देश के बहुसंख्यक आबादी की त्रासदी और भागीदारी का सच इससे भी आंकी जा सकती है कि इस संस्थान में कार्यरत 1206 कर्मियों में मात्र 281 एससी-एसटी-ओबीसी हैं. 

ईडी में ग्रुप A में कुल पद -314, ऐससी -24, एसटी -06 ओबीसी -19 की भागीदारी है. ग्रुप B में सवर्ण -496, ऐससी -48, एसटी -26 ओबीसी -61 की भागीदारी है. ग्रुप C में कुल पद -396, ऐससी -41, एसटी -07 ओबीसी -49 की भागीदारी है. मसलन कुल सभी ग्रुप में कुल पद -1206, ऐससी -113, एसटी -39ओबीसी -129 की भागीदारी है. जिसका स्पष्ट अर्थ है कि ईडी में कार्यरत सवर्णों की संख्या 925 है. मसलन ईडी पर बहुजन नेताओं के आरोपों की हकीकत समझी जा सकती है.

Leave a Comment