लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रहरी-पत्रकारों को सुरक्षा देंगे सीएम हेमन्त

झारखण्ड : पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को मान कर सीएम हेमन्त सोरेन ने लोकतंत्र की रक्षा में एक और निर्णायक कदम बढ़ाया है. जो राज्य के पत्रकारों के प्रति उनकी चिंता दर्शाता है.

रांची : लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ‘पत्रकारिता’ लोकतंत्र का निर्णायक प्रहरी है. यह सरकारों को लोक के प्रति जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पत्रकारिता सरकार की नीतियों और कार्यों के दूरदर्शी असर से जनता को अवगत कराती है. पत्रकारिता निष्पक्ष सूचना पहुंचा जनता को बतौर नागरिक सामाजिक और राजनीतिक निर्णय लेने के प्रति सजग बनाती है. और उन्हें भ्रामिक सूचनाओं के प्रति जागरूक भी करती है. मसलन, बिना निष्पक्ष पत्रकारिता के लोकतंत्र का अस्तित्व संभव नहीं.

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रहरी-पत्रकारों को सुरक्षा देंगे सीएम हेमन्त

भारत में वर्तमान मोदी सत्ता में गोदी मीडिया शब्द एक ऐसे लोकतांत्रिक खतरे के रूप में उभरा है, जिसके अक्स में पत्रकारिता अपनी विशेषता व शाब्दिक अर्थ स्वतः मिटाने का सच लिए है. गोदी मिडिया पर जहां सरकार के पक्ष में खड़ा होने का आरोप लगा है. तो वहीं निष्पक्ष पत्रकारों के आर्थिक व जीवन पर संकट मंडराने का भी सच लिए है. ऐसे पत्रकारों की एक बड़ी संख्या यूटियूब और वेबसाइट के माध्यम से लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्पक्ष जिम्मेदारी निभाने को विवश हैं. 

पेगासस जैसे शक्तिशाली स्पाइवेयर के अक्स में निष्पक्ष पत्रकार भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डर के साए में जीवन जीने को विवश हैं. मौजूदा दौर में पत्रकारों के द्वारा आरोप लगाया गया है कि पेगासस जैसे स्पाइवेयर के दुरूपयोग से उनके व्यक्तिगत डेटा की मोनिटरिंग हो रही है. जिसमें फोन कॉल, संदेश, संपर्क, ब्राउज़िंग इतिहास और यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफ़ोन रिकॉर्डिंग भी शामिल हैं. जिससे वह न तो अपने स्रोतों की सुरक्षा कर पा रहे हैं और ना ही स्वतंत्र पत्रकारिता.

हेमन्त सरकार में पत्रकारों के लिए लाई गई बीमा योजना एक मानवीय पहल 

झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन ने नीतियों के आसरे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा में राज्य के पत्रकारों के प्रति भी जिम्मेदार भाव दिखा है. ज्ञात हो हेमन्त सरकार में पत्रकारों के लिए लाई गई बीमा योजना उन्हें कई लाभ प्रदान करने में सक्षम है. जिससे राज्य के पत्रकार स्वतंत्र और समाज के लिए अधिक योगदान देने में सक्षम बन रहे हैं.

  1. यह योजना पत्रकारों को दुर्घटना या बीमारी के मामले में वित्तीय सुरक्षा दे रहा है. इससे पत्रकारों को अपने स्वास्थ्य देखभाल के खर्चों को वहन करने में आर्थिक मदद मिली है.
  2. यह बीमा सुविधा पत्रकारों को कानूनी सुरक्षा दे रहा है. इससे पत्रकारों को मुकदमों के मामलों में भी वित्तीय सहायता मिली है.
  3. इस बीमा योजना से पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा मिली है. दुर्घटना या बीमारी के परिस्थिति में पत्रकारों के परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी.

अब पत्रकार संघ की पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को मान कर सीएम हेमन्त सोरेन ने लोकतंत्र की रक्षा के  दिशा में एक और निर्णायक कदम बढ़ाया है. ज्ञात हो, धरनास्थल पर सीएम के द्वारा पर भेजे गए प्रतिनिधि मंत्री मिथिलेश ठाकुर के द्वारा कहा गया कि झारखण्ड राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द लागू होगा. पत्रकार सुरक्षा से संबंधित सभी मांगें शीघ्र पूरी की जायेंगी. सीएम का मानना है कि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने से पत्रकार और समाज दोनों को लाभ होगा. 

पत्रकार सुरक्षा क़ानून लागू होने से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी 

झारखण्ड के पत्रकारों को उनके काम में सुरक्षा मिलेगी, वह स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से रिपोर्ट कर सकेंगे. जिससे सरकार और अन्य शक्तिशाली संस्थाओं की जवाबदेही सुनिश्चित होगी. इस गोदी सिमुलेशन में भी समाज को तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होगी. वह देश व समाज हित में बेहतर निर्णय ले सकेंगे. चक्र के पूर्ण होने से लोकतंत्र के अस्तित्व को मजबूती मिलेगी. हालांकि भारत में, पत्रकार सुरक्षा कानून अभी एक मसौदा है. हेमन्त सरकार ने इसपर आगे बढ़ने का फैसला जल्द ले सकती है.

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