BJP-AJSU मिलकर भी नहीं डिगा सकी हेमन्त पर से जनता का विश्वास

झारखण्ड उपचुनाव : BJP के 3 पूर्व CM, NDA के 5 सांसद 5 विधायक और आजसू मिलकर भी नहीं तोड़ पाए हेमन्त सोरेन पर जनता का भरोसा. हेमन्त सरकार ने 5उपचुनाव जीत बनाया रिकॉर्ड.

डुमरी उपचुनाव की जीत ने 2024 में होने वाले 81 विधानसभा चुनाव व आगामी आम चुनाव का सटीक रिजल्ट का आइना दिखा गया. बीजेपी ने 21 अगस्त से शुरू की थी उपचुनाव प्रचार. बाबूलाल मरांडी व सुदेश महतो समेत तमाम एनडीए नेताओं ने लगाए हेमन्त सरकार पर अनर्गल आरोप.

रांची : कहते हैं कि महान जननेता का चुनाव उसका व्यक्तित्व व जनता स्वयम लडती है. झामुमो व इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी बेबी देवी की जीत इसका स्पष्ट तस्वीर लिये सामने आया है. जो झारखण्ड के लोगों के स्मृति में लम्बे समय तक ताज़ा रहेगा. जिसके अक्स में आजसू का प्रत्याशी सहयोगी भाजपा के केन्द्रीय शक्तियों व उसके आईटी सेल की विशाल पहुँच के बावजूद डुमरी उपचुनाव जगरनाथ महतो के खतियानी लोकतान्त्रिक शख्सियत तले 15000 से अधिक मतों से हार गया.

BJP-AJSU मिलकर भी नहीं डिगा सकी हेमन्त पर से जनता का विश्वास

महागठबंधन यानी झामुमो, कांग्रेस और राजद, यानी इण्डिया गठबंधन ने हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में जीत दर्ज की. और एनडीए के तमाम हथकंडे सीएम हेमन्त सोरेन के विकास कार्यों के समक्ष दम तोड़ दिया. और एक बार फिर झारखण्ड की जनता ने हेमन्त सोरेन के पक्ष में अपना अडिग विश्वास प्रदर्शित किया. ज्ञात हो, एनडीए ने केवल एक विधानसभा जीतने भर के लिए अपने 3 पूर्व मुख्यमंत्री , 6 सांसद (लोकसभा-राज्यसभा) और 5 विधायक सहित हजारों कार्यकर्ताओं के साथ मैदान में थी.

उपचुनाव प्रचार में बाबूलाल समेत एनडीए नेताओं ने हेमन्त सरकार पर व्यक्तिगत आरोप लगाने तक से चुके. साथ ही इडी समन के आसरे भी बीजेपी ने सीएम हेमन्त के छवि को धूमिल करने का प्रयास किया. इसके बावजदू भी सभी मिलकर भी हेमन्त सोरेन के ऊपर अडिग झारखन्डी जनता के विश्वास को डिगा नहीं पाए. हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन ने छठा उपचुनाव जीतने रिकॉर्ड कायम किया. NDA प्रत्याशी यशोदा देवी को उपचुनाव में हार मिली. 

एनडीए नेता जो हेमन्त सोरेन पर जनता के विश्वास नहीं डिगा पाए 

बाबूलाल मरांडी तो स्वयं न्यायधीश बन हर मंच से सीएम को जेल भेजते दिखे. अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों ने की भी यही राह रही. सभी ने केन्द्रीय शक्तियों के प्रभाव में एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी के लिए आक्रामक अभियान चलाया. रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, आदित्य साहू, चंद्र प्रकाश चौधरी, दीपक प्रकाश, सुदेश महतो, बिरंची नारायण, लंबोदर महतो, भानू प्रताप शाही जैसे एनडीए के नेता शामिल थे. AIMIM के आसरे धुर्विकरण का भी प्रयास हुआ. फिर भी एनडीए प्रत्याशी को हार मिली.

डुमरी में यह हाल तो 2024 के आमचुनाव और विधानसभा में क्या होगा 

पूरी ताकत झोंकने के बाद भी डुमरी विधानसभा उपचुनाव भाजपा-आजसू गठबंधन हार गयी. अपनी भाजपा के तमाम दिग्गज 10 दिनों तक चुनावी प्रचार करते रहें, इसके बावजूद भी बेअसर साबित हो गए. यह केवल एक विधानसभा की स्थिति है. ऐसे में 2024 के आमचुनाव व विधानसभा चुनाव में बीजेपी-आजसू पूरे राज्य की जनता का शिक्षा-चिकित्सा व जनकल्याण की लकीरों के अक्स में हेमन्त सोरेन पर भरोसा कैसे उठा पायेगा. डुमरी जीत ने स्पष्ट मुद्दा रहित बीजेपी को संदेस दे दिया है 

छह उपचुनाव में पांच जीत कर हेमन्त सरकार ने बनाया रिकॉर्ड 

हेमन्त सरकार की डुमरी उपचुनाव जीत ने राज्य के इतिहास में एक अटूट रिकॉर्ड बना दिया है. यह इस सरकार की छठी उपचुनाव जीत है. पूर्व के पांच उपचुनावों में चार दुमका, बेरमो, मधुपुर और मांडर उपचुनाव में यूपीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. दुमका उपचुनाव में बसंत सोरेन, बेरमो से जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, मधुपुर से हफिजुल हसन और मांडर से शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल की थी. केवल रामगढ़ उपचुनाव में आजसू पार्टी की उम्मीदवार ने एनडीए का खाता खोला.

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