झारखण्ड : सभी विभागों की घोटाला सूची – बिजली/उद्योग, पेयजल एवं स्वछता, राजस्व एवं भूमि सुधार, शिक्षा, कृषि, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा व कल्याण, स्वास्थ्य कोई विभाग अछूता नहीं.
रांची : देश के प्रधान सेवक के द्वारा देश की जनता से 2014 में कहा था कि ना खाउंगा ना खाने दूंगा. लेकिन, प्रधान सेवक पहेल चहेते कॉर्पोरेट के पैसों के आसरे देश की सत्ता पर काबिज हुए, फिर अडानी-अम्बानी जैसे चहेते कॉर्पोरेट के आसरे देश का पैसा कॉर्पोरेट को सौप, बीजेपी व आरएसएस को कॉर्पोरेट में तब्दील करने का सच देश के सामने है.
एक तरफ जनता महंगाई से त्राहिमाम है तो दूसरी तरफ बैंको में रखे देश के गरीब जनता का पैसा कॉर्पोरेट को लुटाये जाने का भी सच सामने है. कैग व हिन्डनबर्ग की रिपोर्ट स्पष्ट सच लिये हुए है. यही नहीं कमोवेश यही स्थिति राज्यों में उनकी डबल इंजन सरकार की भी रही है. उदाहरण के तौर पर बीजेपी-आजसू के अक्स में झारखण्ड के जैसे गरीब राज्य की परिस्थिति को समझा जा सकता है.
पूर्व की बीजेपी-आजसू सरकार में विभागवार घोटाला
बिजली/उद्योग विभाग –(रघुबर दास) BJP
- स्किल झारखण्ड घोटाला (फ़र्ज़ी प्लेसमेंट ) – करोड़ों में
- अडानी बिजली घोटाला – 7400 करोड़
- भूमि आवंटन (एसईजेड) – सैकड़ों एकड़ में
पेयजल एवं स्वछता विभाग -(सी पी चौधरी) AJSU
- शौचालय निर्माण घोटाला – करोड़ों में
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग -(अमर बाउरी)-BJP
- लैंड रिकार्ड डिजीटाईजेशन (झार भूमि) –करोड़ों में
- मोमेंटम झारखंड के अंतर्गत भूमि आवंटन –सैकड़ों एकड़ में
शिक्षा विभाग -(नीरा यादव) BJP
- टैब घोटाला – 56 करोड़
- स्कूल बैग/स्टेशनेरी वितरण घोटाला – करोड़ों में
- मिड-डे मील घोटाला – 100 करोड़
कृषि विभाग -(रणधीर सिंह) BJP
- OFAJ घोटाला – करोड़ों में
- J K Trust घोटाला (कृतिम गर्भाधान) – करोड़ों में
- गाय वितरण घोटाला – करोड़ों में
- कोआपरेटिव बैंक घोटाला – 20 करोड़
- तालाब खुदाई घोटाला – 200 करोड़
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग v कल्याण विभाग (लूईस मरांडी) BJP
- पोषाहार घोटाला – 43 करोड़
- टैब घोटाला – करोड़ों में
- छात्रवृत्ति घोटाला – करोड़ों में
- कल्याण शाखा घोटाला – 10 करोड़
स्वास्थ्य विभाग -(राम चंद्र चंद्रवंशी) BJP
- रिम्स-पीएमसीएच निविदा घोटाला – 45 करोड़
- 108 एम्बुलेंस ख़रीद घोटाला – करोड़ों में
बीजेपी पार्टी
- विधायक खरीद-फरोख्त घोटाला – 11 करोड़
- बीजेपी कार्यालय घोटाला – करोड़ों में
- टाफी टी-शर्ट घोटाला – करोड़ों में