बाबूलाल के द्वारा शिशुपाल का किरदार बदल राज्य को भ्रमित करने का प्रयास 

बाबूलाल जी के ट्वीट से मालूम पड़ता है कि या बाबूलाल जी शिशुपाल कथा से वाकिफ नहीं हैं या तो किरदार का नाम बदल कर राज्य की जनता को भ्रमित कर अपने आका को भगवान कृष्ण बताने का प्रयास कर रहे है.

“भगवान श्री कृष्ण ने अहंकारी शिशुपाल की सौ ग़लतियों को माफ़ किया था… विधि का यही विधान है…जब पाप का घड़ा पूरी तरह से भर जाता है तब ऊपर वाले का चक्र चलता है…”

यह ट्वीट झारखण्ड में दल बदल के लिए प्रसिद्ध पा चुके बाबूलाल मारांडी के द्वारा 2 नवंबर 2022 को किया गया है. बाबूलाल जी के द्वारा पेश किया गया उदाहरण निश्चित रूप से एक मनुवादी एजेंट की पराकाष्ठा को प्रदर्शित कर सकता है. उपरोक्त ट्वीट से मालूम पड़ता है कि या बाबूलाल जी शिशुपाल कथा से वाकिफ नहीं हैं या तो किरदार का नाम बदल कर राज्य की जनता को भ्रमित कर अपने आका को भगवान कृष्ण बताने का प्रयास कर रहे है.

बाबूलाल के द्वारा शिशुपाल का किरदार बदल राज्य को भ्रमित करने का प्रयास 

ज्ञात हो, महाभारत काव्य का शिसुपाल रूपी किरदार एक दुराचारी किरदार है. उसे महाभारत काव्य में उसके रिश्तेदार कृष्ण के द्वारा मारा गया था. लेकिन महाभारत काव्य के अनुसार वर्तमान में तो बीजेपी व बीजेपी के नेता शिशुपाल की भूमिका में स्पष्ट तौर पर दिखते हैं. बीजेपी नेता अपराधियों को सम्मानित करते हैं. महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते है. उसके मुख्यमंत्री तक अपशब्दों का भरपूर प्रयोग करते हैं. दलित-आदिवासी-पिछड़ों को अधिकार से वंचित करते हैं. 

मसलन, स्पष्ट है कि बाबूलाल जी के द्वारा महाभारत काव्य के शिशुपाल के किरदार को बदल कर झारखण्ड राज्य की जनता को भ्रमित करने और अपने आका को भगवान कृष्ण बताने का प्रयास हुआ है. और मनुवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास हुआ है. वर्तमान में शायद मनुवाद यह समझने की भूल कर रहा कि देश के मूलवासी इनके षड्यन्त्र को समझने में सक्षम नहीं हैं. अब यह विचारधारा और अधिक राज्य के दलित-आदिवासी व बहुसंख्यक जनता को भ्रमित नहीं कर सकते.

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