आरोपी पर दस लाख का जुर्माना – गलत कामों से कोई जन नेता नहीं बन सकता

चूँकि भाजपा में शामिल होते ही आरोपियों के पाप धुल गए हैं. ऐसे में यह कार्रवाई जरुर मायने रखती है कि झारखण्ड की मिट्टी में गलत काम करनेवाला आरोपी जन नेता नहीं बन सकता

रांची : झारखण्ड के मुख्यमन्त्री के काफिले पर हमला करने के आरोपी भैरव सिंह पर, रांची नगर निगम ने दस लाख रूपये का जुर्मांना लगाया जाना राज्य में एक सुखद खबर लेकर आया है. हेमंत सरकार में इसे एक अच्छी परम्परा की शुरुआत माना जा सकता है. जिसके अक्स में गलत कार्य करने वालों के लिए सबक है, राज्य में क़ानून से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. यह कार्रवाई झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 178 के उल्लंघन के तहत की गई है. आरोपी को कहा गया है कि वह 48 घंटे के भीतर जुर्माने की राशि जमा करे अन्यथा निगम अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा. 

नगर निगम का यह फैसला स्वागत योग्य है. दरअसल इस साल (2021) की जनवरी में रांची के किशोरगंज चौक के पास मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन के काफिले पर एक सुनियोजित तरीके से भीड़ ने हमला किया था. इस हमले में भैरव सिंह मुख्य आरोपी है. फिलहाल वह जमानत पर रिहा है. उसकी रिहाई को लेकर उसके समर्थकों ने रांची के कई चौक-चौराहों व सड़कों पर उसके विशाल पोस्टर-होर्डिंग लगाये थे. इन पोस्टरों में आरोपी को सरना झंडा भी थामे दिखाया गया था.

भैरव सिंह के पोस्टर लगे रहते तो शहर की शांति व्यवस्था खतरे में थी 

आदिवासी संगठनों के कड़ा विरोध के बाद प्रशासन ने उन पोस्टरों को अविलंब हटा दिया था. नगर निगम की ओर से कहा गया है कि उन पोस्टरों को बिना अनुमति के लगाया गया था. जिससे शहर की शांति भंग होने का खतरा था. इसमें कहीं से कोई दो राय है भी नहीं कि पोस्टर लगे रहते तो शहर की शांति व्यवस्था खतरे में पड़ सकती थी. क्योंकि वे पोस्टर भ्रामक प्रचार प्रसार के कंटेंट लिए हुए थे.

ऐसे में नगर निगम की ओर से भैरव सिंह के खिलाफ की गई इस कार्रवाई का निश्चित रूप से स्वागत होना चाहिए. चूँकि हालिया दिनों में देखा गया है कि भाजपा में शामिल होते ही आरोपियों के पाप धुल गए. ऐसे यह कार्रवाई जरुर यह मायने रखती है कि झारखण्ड के मिट्टी में कोई गलत काम करनेवाला जन नेता या हीरो नहीं बन सकता. ऐसे में यह कार्रवाई समाज के समक्ष गुनाह के अर्थ स्पष्ट उदाहरण पेश करेगा. और राज्य के युवा मुखधारा से जुड़ते हुए क्राईम से तौबा करेंगे.

आरोपी को प्रोत्साहन करने वाली फेहरिस्त में निगम के भाजपा मेयर आशा लकड़ा भी रही है शामिल 

लेकिन, यहीं से गंभीर सवाल उठते हैं कि एक तरफ नगर निगम ने कार्रवाई तो की, लेकिन आरोपी को प्रोत्साहन करने वाली फेहरिस्त में निगम की भाजपा मेयर आशा लकड़ा भी थी. ज्ञात हो भैरव सिंह ने जेल से निकलते ही प्रदेश भाजपा के नेताओं से मुलाकात की थी. और उन्होंने उसे शाबाशी भी दिए थे. ऐसे में भविष्य ही बतायेगा की निगम कितनी ईमानदारी से कार्रवाई करेगा.

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