काले रंग से साहब को इतना खौफ कि जांच में उतरवाए स्त्रियों के दुपट्टे

भगवाधारियों में काले रंग का खौफ 

जैसे-जैसे झारखंड की रघुबर सरकार को लगने लगा है उनके विकास की दहाड़ घोटाले, जुमले, फिसड्डीपन आदि में तब्दील हुए सच्चाई को जनता समझ चुकी है -वैसे-वैसे जनता का खौफ उनके ऊपर साफ़-साफ़ देखा जाने लगा है। वे सिक्यूरिटी जांच के नाम पर आम लोगों के विरुद्ध निकृष्टतम स्तर के घृणि‍त कर्म भी करने से नहीं हिचक रहे हैं।

पिछले रविवार 3 जनवरी को मुख्यमंत्री रघुबर दास का सुकन्या योजना कार्यक्रम के आड़ में चुनावी दौरा गिरिडीह में हुआ। साहेब का भाषण गिरिडीह के झंडा मैदान होना था। अब भगवा साहेब को काले रंग से इतना डर हो गया है कि इस कार्यक्रम में भाग लेने दूर-दराज आये/बुलाये गए महिलाओं एवं बहू-बेटियों के दुपट्टे तक उतरवा लिए गये। यह सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओ का नारा मीडिया के समक्ष जोर-शोर से देती है लेकिन दूसरी तरफ वही सरकार सुरक्षा जांच के नाम पर सरेआम उनके दुपट्टे को उतरवाकर उनके आत्मसम्मान की धज्जियां उड़ा देती है।

हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा गिरिडीह इकाई ने सरकार के इस कृत्य पर कड़ी निंदा एवं आपत्ति जताई है। साथ ही महिलाओं की आत्मसम्मान से इस प्रकार के खिलवाड़ पर माफीनामें की मांग की है। और माफ़ी न मांगने की स्थिति में कहा कि, सम्पूर्ण राज्य में काले रंग की हरेक वस्तुओं पर प्रतिबन्ध लगाने का कानून लाये और काले रंग को पूर्णतया प्रतिबंधित करे। साथ ही यह भी कहा कि लोगों के खास कर महिलाओं के कपड़े उतरवाना उनके मूलभूत अधिकारों का हनन की श्रेणी में आता है।

बहरहाल, क्या सरकार को झारखंडी मर्यादा का बोध नही, कि झारखंड के सुदूर ग्रामों से लेकर गिरिडीह जैसे छोटे शहरों की महिलाओं के लिए उनका दुपट्टा सम्मान का प्रतीक होता है। ऐसे में पहली बात यह है कि हिन्दुस्तानी सभ्यताओं के रक्षक का अकेला दल होने का दंभ भरने वाली भाजपा अपने किस संस्कार का परिचय दिया है यह तो यहाँ की जनता के समझ से परे है। दूसरा आखिर काले रंग से इस सरकार को इतना भय क्यों?

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