झारखण्ड : महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण में हेमन्त सरकार के 11 निर्णायक कदम

झारखण्ड : महिला सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण में कई ठोस कदम उठाये गए हैं. शिक्षा, खेल, कृषि, व्यवसाय, नियुक्ति जैसे क्षेत्रों में हेमन्त सरकार नई सोच के साथ आगे बढ़ी है. तो महिला सुरक्षा में प्रशासनिक-न्यायिक व्यवस्थाओं का सुदृढ़ीकरण-आधुनिकीकरण हो रहे हैं.

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में, सरकार की नीतियों के अक्स में, झारखण्ड महिला सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण की सीढियां चढ़ रहा है. तथ्य  का ताजा उदाहरण फेमिना मिस इंडिया में झारखण्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली रिया तिर्की जैसी बेटियों के चहरे पर छलकता आत्मविश्वास  हो सकता है. ज्ञात हो,  रिया तिर्की ने मुख्यमंत्री से मिलने इच्छा जताए जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उनसे मुलाक़ात कर, सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री ने मुलाक़ात के दौर एक बार फिर दोहराया कि झारखण्ड के युवा होनहार, हुनरमंद व कर्मठ हैं.  

ज्ञात हो, महिला सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण के मद्देनजर हेमन्त सरकार में राज्य में विभिन्न कल्याणकारी योजनायें धरातल पर उतारे गए हैं. शिक्षा, खेल, कृषि, व्यवसाय, स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में जहाँ झारखंडी महिलाओं को आगे लाया जा रहा है. तो वहीं महिला सुरक्षा की दिशा में प्रशासनिक-न्यायिक व्यवस्थाओं का सुदृढ़ीकरण-आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है. महिला हेल्प डेस्क गठन जैसे निर्णय पर जोर दिया जा रहा है.

1090719 किशोरियों एवं युवतियों को 12839 तेजस्विनी क्लबों में सूत्रण 

  • राज्य के कुल 224 बाल विकास परियोजनाओं में सभी 38 हजार 432 आंनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया गया है. 
  • जेएसएलपीएस के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 24 जिलों में चावल, गुड़, दाल, मूंगफली-भूना, आलू के रूप में पूरक पोषाहार दिया गया है. 
  • मुख्यमंत्री सुकन्या योजना, डायन प्रथा उन्मूलन, सामूहिक विवाह कार्यक्रम व अन्तिम संस्कार के लिये अनुदान की दिशा में काम किया गया है. 
  • 17 जिलों में तेजस्विनी परियोजना के तहत 10 लाख 90 हजार 719 किशोरियों एवं युवतियों को 12839 तेजस्विनी क्लबों में सूत्रण किया गया है. सभी क्लबों को बैंक खाता खोलकर 11 हजार 795 क्लबों की स्थापना राशि एवं वार्षिक सीड ग्रांट की प्रथम किश्त प्रदान की जा चुकी है. 
  • किशोरियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिय 10300 लाख के विरूद्ध 6025 लाख रूपये व्यय किये गये हैं. 

महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए राज्य में महिला हेल्पलाईन 

राज्य में महिला सुरक्षा के मद्देनज़र सरकार विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है. जिसमें हिंसा से प्रभावित महिलाओं को तत्काल और 24 घंटे में आपातकालीन सेवा प्रदान करने हेतु यूवर्सलाईजेशन ऑफ वीमेन हेल्पलाईन योजनान्तर्गत शॉर्ट कोड 181 का प्रयोग महिला हेल्पलाईन के लिये किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. 

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना 

योजनान्तर्गत किया गया है. संबंधित 12 जिलों के प्रत्येक पंचायतों में कुल 2566 पंचायतों में से कुल 2373 पंचायत मुख्यालय पर गुड्डी-गुड्डा बोर्ड की स्थापना हुई है. 21 जिलों के लिये वन स्टॉप भवन की स्वीकृति महिला, बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रदान की गयी है. बता दें कि निर्भया फंड अन्तर्गत वन स्टॉप सेंटर कार्यान्वित किये जायेंगे. 

सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए रिक्त पदों पर भर्ती 

महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग में कुल 75 पद रिक्त हैं जिसके लिये जेपीएससी और जेएसएससी को अधियाचना भेजी जा चुकी है. बाल संरक्षण योजनान्तर्गत नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं.

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना वनोपज 

इस परियोजना को कुल 18 जिलों के 54 प्रखंडों में किया जा रहा है. इसमें मुख्य रूप सये लाह, रेशम, ईमली एवं औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देकर उचित बाजार व्यवस्था से जोड़ना है. वन विभाग की ओर से विकसित लाह उत्पादन फार्म को पहली बार सखी मंडल की दीदियों को उत्पादन का दायित्व सौंपा गया है. इनमें कुल वृक्षों की संख्या 92 हजार है. 

सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए पलाश ब्रांड की शुरूआत

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राज्य की ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये आजीविका संवर्द्धन हुनर अभियान के तहत पलाश ब्रांड की शुरूआत की गयी है. जिससे ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित वस्तुओं की ब्रांडिंग कर उसके लिये ग्लोबल मार्केट उपलब्ध कराने की कवायद हो रही है.

मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 

मनरेगा के तहत सृजित किए गए मानव दिवस में 41.5 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रही है. इसमें सबसे ज्यादा कोडरमा में 47.8 प्रतिशत और सबसे कम देवघर में 34.7 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रही है.

फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान 

इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को हंड़िया बेचने से रोकना है. अब तक 16 हजार 549 महिलाओं को चिन्हित किया गया है तथा इन महिलाओं को 10 हजार रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है. इस योजना में 342 नवजीवन दीदियां कार्यरत है तथा 7075 महिलाओं को आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है. 

उत्पीड़न के मामलों के निष्पादन हेतु 22 फास्ट ट्रैक कोट का गठन 

राज्य सरकार ने महिलाओं तथा अवयस्कों के विरूद्ध होने वाले यौन उत्पीड़न एवं अन्य अपराधों पर त्वरित निर्णय हेतु 22 फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का निर्णय लिया गया है. 

पशुधन विकास योजना 

झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पास उपलब्ध मुर्गी और सूकर पालन उनके लिये एटीएम की तरह है. इसके अलावा किसानों को आय का एक सशक्त स्रोत उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री पशुधनविकास योजना की शुरूआत हुई है.

यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा व सशक्तिकरण

  • मुख्यमन्त्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत (पुरूष अथवा महिला), उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक को लाभ दिया जा रहा है.
  • मुख्यमन्त्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना – इसके तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला, जिनके पति की मृत्यु हो गई हो पेंशन दिया जा रहा है. 
  • 18 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु की परित्यक्त महिला, 45 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की एकल महिला को भी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. इन दोनों ही वर्गों की पहचान मुखिया एवं पंचायत सचिव/वार्ड पार्षद एवं राजस्व उपनिरीक्षक, विधायक/सांसद व राजपत्रित पदाधिकारी प्रमाणित कर सकते हैं.
  • स्वामी विवेकानंद नि:शक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना – इसके तहत दिव्यांगता संबंधी प्रमाणपत्र की छायाप्रति तथा आयुप्रमाण पर 18 वर्ष से कम उम्र होने पर जन्म प्रमाणपत्र या स्कूल अथवा कॉलेज के प्रधानाचार्य के हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र पर भी लाभ मिलेगा.
  • एचआईवी/एड्स पीडित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन योजना- इसके तहत आयु सीमा नहीं रखी गई है. आवेदक के लिए ART/ARD प्राप्त करने संबंधी चिकित्सा प्रमाण पत्र के आदर पर सहयोग किया जाएगा.
  • उड़ान परियोजना के तहत 11 जिलों के 24 प्रखंडों के 23,779 पीवीटीजी परिवारों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. इसमें डाकिया योजना के तहत 68,370 परिवारों को घर पर राशन पहुंचाया जाता है.

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