झारखण्ड महिला सशक्तिकरण : दरिंदे फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से पा रहे सजा – बेटियों को मिल रहा है न्याय

दोषियों को स्पीडी ट्रायल से न्यायालय द्वारा सुनायी जा रही है सजा. झारखण्ड की बेटियां जीने लगी है लोकतंत्र को. झारखण्ड महिला सशक्तिकरण के मद्देनज़र दोषियों को 20-20 साल की सजा राहत देने वाली खबर…

राँची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड महिला सशक्तिकरण की पोड़ियाँ मजबूती से चढ़ रहा है. ज्ञात हो, महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर राज्य में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनायें धरातल पर सफलता पूर्वक उतारे जा रहे हैं. एक तरफ शिक्षा, खेल, कृषि, व्यवसाय, स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में महिलाओं आगे लाया जा रहा है तो दूसरी तरफ महिला सुरक्षा व्यवस्था की दिशा में झारखण्ड पुलिस व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण-आधुनिकीकरण व थानों में महिला हेल्प डेस्क गठित करने जैसे निर्णय पर प्रमुखता से जोर दिया गया है. साथ ही महिला दुष्कर्म जैसे मामलों में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से गुनेहगारों को सजा मिल रही है.

ज्ञात हो, यह परम्परा पूर्व की सरकारों में झारखण्ड में कभी नहीं दिखी. बल्कि बेटी को न्याय की जगह उसके पिता को स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा अपमानित होना पड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास तथ्य के स्पष्ट उदाहरण हो सकते हैं. महिला पीड़ितों के नाम पर पुलिस व्यवस्था सुदृढ़ीककरण पर करोड़ों खर्च तो हुए, लेकिन नतीजा ढहक के तीन पात ही रहा. मौजूदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में पहला मौका है जब झारखण्ड में न केवल पुलिस व्यवस्था सुदृढ़ीकारन के दिशा में कई ठोस निर्णय लिये गये हैं. गैंग रेप के दोषियों को स्पीडी ट्रायल में न्यायालय द्वारा सजा सुनायी जा रही है. निश्चित रूप से यह लोकतंत्र में राहत देने वाली खबर हो सकती है.

मई 2019 नाबालिग गैंग रेप का मामला

ज्ञात हो, मई 2019 नाबालिग गैंग रेप का मामला दर्ज हुआ था. नाबालिग एक मई 2019 को अपने दोस्त के साथ एक शादी से रामगढ़ से लौट रही थी. शालीमार मार्केट के पास रात 11:30 बजे उसकी स्कूटी की चाबी खो गयी थी. दोनों चाबी ढूंढ रहे थे. उसी समय तीनों अभियुक्त आये और पीडिता के पुरुष दोस्त को मारपीट कर भगा दिया. फिर नाबालिग के साथ उन सभी ने मौसीबाड़ी में दुष्कर्म किया और घटना की जानकारी पुलिस या किसी को देने पर जान से मारने की धमकी दी. 2 मई 2019 को नाबालिग ने धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. धुर्वा पुलिस ने तीनों दरिंदों को गिरफ्तार किया था.

रांची पोक्सो के विशेष न्यायाधीश ने सुनायी दोषियों को 20-20 साल की सजा 

रांची पोक्सो के विशेष न्यायाधीश आसिफ इकबाल की अदालत ने बुधवार को कांके की रहने वाली नाबालिग लड़की से धुर्वा में गैंग रेप के तीन दोषी शंकर महतो, सुनील आइंद व आनंद कुमार साव को 20-20 साल की सजा सुनायी है. वहीं 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर दोषियों को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. मामला एक मई 2019 का है. धुर्वा थाना में नाबालिग के बयान पर अज्ञात के खिलाफ दो मई 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. तीनों को धुर्वा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मामले में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मोहन रजक ने 10 गवाह पेश किये.

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