सोशल डिस्टेंसिंग : 133000 फंसे लोगों पहुँचा चुकी है राशन हेमंत सरकार

सोशल डिस्टेंसिंग को सफल बनाने के लिए बाहर फंसे 1लाख 33 हज़ार लोगों तक राशन पहुँचा चुकी है हेमंत सरकार   

सोशल डिस्टेंसिंग वह शब्द है जो आज कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर जगह सुनने को मिल रही है। इसी के कारण मज़दूरों को उनकी बस्तियों में रुकने को कहा जा रहा है, जो कि किसी हद तक बिलकुल दुरुस्त भी है और ऐसा करना भी चाहिए। ऐसा सभी को करना चाहिये, क्योंकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये यह आवश्यक है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा आनन फानन में लोकडाउन लिए जाने के फैसले के बीच असूविधा की स्थित में मज़दूरों की स्थिति दयनीय हो गयी है। यह परिस्थितियाँ अपने आप में बीमारी और भुखमरी के फैलने के लिये एक खतरनाक स्थिति पैदा करती जा रही है। 

यदि केंद्र सरकार वाकई संजीदा होती तो प्रशासन को इन मज़दूरों के लिये राशन सामग्री के साथ कैंप बनाकर रखने की पूरी व्यवस्था की होती। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता था। लेकिन यह सब करने के बजाय वह सभी मज़दूरों को केवल नसीहत दे रहे हैं कि कहीं मत जायें और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करें। लेकिन भूख और भविष्य में भी काम न रहने के कारण मज़दूर अपने गाँव की और के पलायन करने को मजबूर है। इस बीच यह भी दिलचस्प है कि सरकार उन्हें भरोसा भी दे रही है कि आगे उनके लिए उसके पास क्या नीति है।

सोशल डिस्टेंसिंग के मायने

इस विकट परिस्थिति के बीच यह राहत भरी खबर हो सकती है कि झारखण्ड की हेमंत सरकार बिना मदद के ही सही, लेकिन वह लगातार सुदूर राज्यों में फंसे अपने लोगों तक किसी प्रकार पहुँच बना राशन पहुंचा रही है। आंकड़ों की माने तो झारखण्ड साकार अबतक 1 लाख 33 हज़ार लोगों तक अपनी पहुँच बना चुकी है, जो कि अच्छी खबर हो सकती है। ज्ञात हो कि पूरे देश भर में 1053 स्थानों में से 833 पर फंसे झारखंडियों की मदद हो चुकी है। अभी भी ऐसे बहुत लोग फँसे हैं जिससे संपर्क साधने का प्रयास हो र रहा है आशा है कि समय रहते उनसे भी समपार साध लिए जायेंगे।

मसलन, अकेला चना भांड नहीं फोड़ता-अभी भी समय है यदि केंद्र व तमाम राज्य सरकारें संजीदगी से अपनी ज़िम्मेदारियां निभायें और फंसे मज़दूरों के लिये पुलिसिया लाठी के बजाय सुविधाएँ को सुनिश्चित करें तो घरों की ओर लौट रहे मज़दूरों का जत्था रोका जा सकता। जिसे न केवल सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब सार्थक होगा अपितु मज़दूर के जान माल की रक्षा के साथ साथ संक्रमण को भी रोका जा सकेगा।

Leave a Comment