नेता प्रतिपक्ष के सवालों पर सदन में बिफरता सत्ता पक्ष 

सदन में नेता प्रतिपक्ष के सवालों पर बिफरते हुए सत्ता पक्ष की व्यक्तिगत टिप्पणी

चूँकि झारखण्ड सरकार चुनावी मोड में है इसलिए आशा के अनुरूप विधानसभा का मॉनसून सत्र हो-हंगामे के भेंट चढ़ गया। एक तरफ विधान सभा सत्र चल रहे हैं तो दूसरी तरफ राज्य के तमाम संगठन बारिश के दौर में रोड पर उतरते हुए विधान सभा के समक्ष धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है। पारा शिक्षक संघ, चिकित्सा संघ, आंगनवाड़ी सेविका सहायिका, पंचायत स्वयंसेवक संघ, मजदूर संघ, वित-रहित शिक्षा संघ, टेट उतीर्ण विद्यार्थी से लेकर इ-मैनेजर, बेरोजगार युवा, किसान मोर्चा आदि तक रोड पर भीगते हुए प्रदर्शन करने को मजबूर है। सभी का कहना है कि सरकार उनके मुद्दों पर बात तक करने को तैयार नहीं है। 

इस सत्र का दिलचस्प बिंदु यह है कि मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उपरोक्त संगठनों की समस्याओं से संबंधित प्रश्न उठाया जाता तो सत्ता पक्ष हो हंगामा शुरू कर देता है। स्थिति यह है कि सत्ता पक्ष अनुशासनहीनता का प्रदर्शन करते हुए व्यक्तिगत टिप्पणियां करने से भी नहीं चुकता। कुल मिला सत्ता पक्ष पूरे मानसून सत्र को किसी प्रकार टाल देने के प्रयास में दिखा। कल और आज सत्र के चौथे-पांचवें दिन भी नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन द्वारा विभिन्न मुद्दों और मांगों पर सवाल उठाने पर हंगामा हुआ। ज्ञात हो कि झामुमो ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर अलग अंदाज में प्रदर्शन करते हुए सरकार के अलग-अलग विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये

नगर विकास मंत्री सीपी सिंह महोदय आज फिर एक बार फिर विपक्ष के आरोपों पर जवाब ना देते हुए बिफर पड़ेउन्होंने सदन के भीतर विपक्ष को सबूत के साथ उचित फोरम पर शिकायत करने की सलाह दे डाली। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के सवाल पूछने पर मंत्री सीपी सिंह इतने गुस्सा हुए कि उन्होंने हेमंत सोरेन को यहाँ तक कह दिया कि : ऐसे श्रवण कुमार हो कि पिता काे चुनाव हरवा दिया़, बेटे के नाम पर कलंक हो़ मंत्री ने कहा कि नगर विकास विभाग का मामला उठाते हो़ स्मार्ट रोड, स्मार्ट सिटी क्या है, नहीं जानते हो़ विभाग मेें घोटाला है

इस मामले में सदन के बाहर श्री सोरेन ने कहा कि नगर विकास विभाग 20 करोड़ में एक किलोमीटर सड़क बना रहा है़ नगर विकास मंत्री ने सदन में जो बातें कही, वह दुर्भाग्यपूर्ण है मैं नगर विकास मंत्री से उम्र में छोटा हूं,  लेकिन मेरी शारीरिक व जुबानी क्षमता उनसे अधिक है मैं भी अनर्गल बातें कर सकता हूं, हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी है, लेकिन हम राज्य की जनता की भलाई को देखते हुए सदन की मर्यादा का ख्याल रखते हैं

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