आखिर कौन है वह ‘लेडी डॉन’? जिसके ‘अशांति’ से खौफ़ खाती है रांची के राजनीतिक गलियारे !

आखिर कौन है वह ‘लेडी डॉन’ ?! रांची के राजनीतिक गलियारों में जाना पहचाना नाम! लोग दबे जुबान में बहुत कुछ कहते हैं लेकिन सार्वजानिक कहने से थर्राते हैं। कई आजसू नेता की माने तो पार्टी के बड़े नेतागण भी इनसे खौफ खाते हैं। अब आप सोंच रहे होंगे की आखिर कौन है ये विस्मियादिबोधक शख्सियत जो आज आजसू के लिए सर्वनाम बनी हुई है।

 

महोदया कहने को तो वर्ष 2012 से रांची जिले की JSLPS की जिला कार्यक्रम प्रबंधक का पद संभाल रही है परन्तु वास्तव में वे एक पार्टी विशेष की सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में ख्याति बटोर रही है। उपचुनाव के इस मौसम में तो मानो वे पिछली हार का बदला लेने में इतनी लीन हो गयी है कि वह  अपनी सरकारी भूमिका को भूल गई है। विगत महीनों में वह सिल्ली में युद्ध स्तर पर उपचुनाव की लगी हुई हैं। करे भी क्यों ना आखिर नेताजी से नजदीकी के बल पर ही तो अन्य जिले के प्रभार होने के साथ साथ 5 सालों से रांची में टिकी हुई हैं और तबादला होने के बावजूद यहां से जाने का नाम नहीं ले रही।

 

ये महोदया झारखण्ड में सखी मंडलों की भोली-भाली दीदियों को भीड़ जुटाने का साधन बना छोड़ी है। खाते तो हैं ये अधिकारी जनता के टैक्सों से मिले वेतन की पर गाते हैं गुन सुदेश की।

इनके किये कारनामों पर नजर डालते हैं तो प्रस्तुत है कहानी (नाम न बताने के शर्त पर) भाजपा नेता के जुबानी!

  1. आजसू समर्थित सखी मंडलों को ही परिसंपत्ति (सुवर, मुर्गी, बतख आदि) लूटाना ।
  2. आजसू पार्टी के कार्यकर्ता को ही ग्राम संगठनों का अध्यक्ष बनाना।
  3. सखी मंडलों का गठन भी आजसू समर्थित क्षेत्र में ही होना।
  4. अपनी इच्छानुसार प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी की नियुक्ति करवाना।
  5. महिलाओं की इच्छा एवं जरूरतों के विपरीत उन्हें आजसू के कार्यक्रमों में भीड़ का हिस्सा बनने पर मजबूर करना ।

खुद पांच सितारा होटल में मीटिंग करने वाली ये मोहतरमा को तनिक भी लाज नहीं आती, अपने लिए तो 1000 से 1250 की थाली का भोग लगाने वाली गांव की भोली-भाली दीदियों को मीटिंग में भोजन के नाम पर बमुश्किल 40 रुपय देती है। सरकार की तरफ से मुहैया ac गाड़ी को महिला हितों के जगह आजसू पार्टी के लिए घूमने वाली को ध्यान नहीं आता कि जिला का चक्कर लगाने के लिए दीदियों को यात्रा भत्ता स्वरूप 100-200 रूपये भी दे दें। यहाँ तक मैडम सखी मंडल की सप्ताहिक बैठकों में चाय पानी की व्यवस्था करवाना भी जरूरी नहीं समझती। प्रतिदिन वर्ल्ड बैंक से लिए कर्ज में से हजारों का वारे न्यारे  करने वाली अधिकारी आखिर झारखण्ड राज्य के नाम पर लिए गए कर्ज को किस अधिकार से एक पार्टी एवं अपनी मौज मस्ती में खर्च करती हैं? क्या जनता को बतायंगी? क्या मैडम जी के इन  कुकृत्यों का जिला प्रशासन एवं JSLPS के अधिकारियों को  पता है? ऐसी पक्षपाती,  पार्टी देख कर खास महिला को लाभ देने वाली, अधिकारी को JSLPS में रहते आखिर कैसे हो पायेगा गरीब दीदियों का उत्थान?

आजसु, भाजपा समेत सरकार के अधिकारी भी मानते हैं कि इनके ऊपर ऊँगली उठाने से ‘अशांति’ मचा दी जाएगी!

नोट: दिनांक 3/5/2018 को भी ये मैडम सिल्ली में आजसू पार्टी के लिए कार्यक्रम का आयोजन करती आयी नजर। अब भी इन्हें ‘लेडी डॉन’ की संज्ञा न दी जाय?

 

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