हेमंत राज में किसानों के लिए कर्ज माफी सहित 50% अनुदान पर बीज की सौगात, बीजेपी ने तो सड़क पर बैठने को किया है मजबूर

दीपक प्रकाश को पहले 200 दिनों से सड़कों पर हक की लड़ाई लड़ रहे किसानों के पक्ष में खड़ा हो अपने आकाओं का विरोध करना चाहिए, फिर खुद को किसान हितैषी कहे 

देश की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों को ठगने वाले बीजेपी के नेताओं का झारखंड में किसानों हितेषी बताना केवल भ्रम

रांची: छलकपट और गुमराह की राजनीति पर देसशवासियों को छल रहे बीजेपी नेता अब किसानों के हक की लड़ाई लड़ने का दावा कर रहे हैं। झारखंड प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इसी कड़ी में शुक्रवार को किसानों के हक की बात कर धरना प्रदर्शन किया। वे हेमंत सोरेन सरकार पर धान की खरीद का भुगतान और बीज की कालाबाजारी का आरोप लगा रहे है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का आरोप है कि हेमंत सरकार में लगातार किसानों की अनदेखी की जा रही है। पहले तो किसानों का धान ही नहीं खरीदा गया, अब जो धान क्रय की गयी है, उसका भुगतान भी नहीं हो पाया है। शायद ऐसा कर दीपक प्रकाश किसानों का गुमराह करने के लिए सुनियोजित षड़यंत्र रच रहे हैं। वास्तविकता तो यही है कि हेमंत सरकार में किसानों को कई तरह की योजनाओं का लाभ दिया गया है। किसानों के कर्ज माफी के लिए 2000 करोड़ का विशेष प्रावधान किया गया है। 50 प्रतिशत अनुदानों पर किसानों की बीज की सौगात दी जा रही है। यह भी दीपक प्रकाश सहित तमाम बीजेपी नेता भी जानते हैं और देश के आत्मा कहे जाने वाले किसान।

200 से अधिक दिनों से धरने पर बैठे किसानों की सुध तक नहीं ले रही घमंडी मोदी सरकार

लगता है कि बीजेपी नेता यह भूल गये है कि उनके ही नेताओं की गलती के कारण आज देश की आत्मा कहे जाने वाले हजारों किसानों दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 200 से अधिक दिनों से धऱने पर बैठे हैं। बात चाहे रघुवर सरकार की करें या मोदी सरकार की, सभी ने किसानों को ठगने का ही काम किया है। मोदी सरकार में तो किसानों के हित वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने की एक जोरदार कोशिश की गयी है। पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे। इन्हीं तीन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान और सरकार के बीच 11 बार बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी है। किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनो को रद्द करे और MSP पर गारंटी का कानून लेकर आए। लेकिन मोदी सरकार पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है।

हेमंत सरकार की “झारखंड राज्य कृषि ऋण माफी योजना” किसानों के लिए साबित हुआ है मील का पत्थर 

हेमंत सरकार में तो पहली बार झारखंड बनने के बाद किसानों के लिए कर्ज माफी की एक वृहत योजना शुरू की गयी है। इसका नाम है, झारखंड राज्य कृषि ऋण माफी योजना। योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋण बकाया खातों में 50,000 रुपये तक की बकाया राशि माफ की जा रही है। बजट 2021-22 में ही इस काम के लिए राज्य सरकार ने 2000 करोड़ का विशेष प्रावधान किया है। कोरोना संक्रमण जैसी महामारी में भी झारखंड के करीब 2.46 लाख किसानों के कर्ज माफी का काम शुरू हुआ है। कर्ज माफी से जुडे बजट का करीब 50 प्रतिशत यानी (2000 करोड़ का 980 करोड़ रुपये) खर्च किया जा चुका है। 

50 प्रतिशत अनुदानित राशि पर बीज वितरण, सीएम पशुधन योजना अन्य उपलब्धि

प्रदेश के सभी जिलों के प्रखंड मुख्यालय स्तर तक धान बीज वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा चुका है। इसके तहत सरकार के बेहतर प्रयास के कारण ही किसानों को समय पर उन्नत बीज 50 प्रतिशत अनुदानित राशि पर उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि पशुधन योजना के तहत किसानों को बैल, बकरी, सुकर आदि भी वितरित किये जाने की तैयारी है। पिछले कुछ महीनों में प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी सरकार प्रयासरत है। किसानों को तकनीकी युक्त खेती के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। आधुनिक यंत्रों द्वारा खेती करने के लिए किसानों को चयनित कर ट्रेनिंग दिलाया जा रहा है। सरकार द्वारा अनुदानित राशि पर खेती कार्य के लिए आधुनिक यंत्र कृषि विभाग के द्वारा उपलब्ध कराएं जा रहे है।

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