चाहे सत्ता में रहे या विपक्ष में, हर दौर में भाजपाइयों ने महिलाओं का अपमान ही किया

पूरे साल काम करते रहे हेमंत, राज्य की तरक्की पची नहीं तो गंदी राजनीति कर भाजपाइयों ने महिलाओं का अपमान कर फिर दिया ओछी मानसिकता का परिचय

पूरा मुख्यमंत्री सचिवालय जब कोरोना की जद में था, तो भी हेमंत शांत नहीं बैठे -सवा तीन करोड़ जनता को कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए काम को देते रहे प्राथमिकता

रांची। हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में आये एक साल पूरे होने को है। इस पूरे साल (2020) में झारखंडी सरकार को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था। चाहे वह झारखंड के साथ केंद्र का भेदभाव व्यवहार रहा हो या कोरोना महामारी का दंश, सभी ने राज्य को हर तरह से परेशान रखा। इसका हश्र यह हुआ कि राज्य की सवा तीन करोड़ से अधिक झारखंडी जनता पूरी तरह से परेशान दिखी। लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घबराए नहीं। 

मुख्यमंत्री बनने के बाद से पूरे एक साल तक वे शांत नहीं बैठे। मुख्यमंत्री सचिवालय जब पूरी तरह से कोरोना की जद में था, तब भी वे काम करते रहे। इससे हेमंत सोरेन की चारों और तारीफ हुई। हेमंत जैसे-जैसे तरक्की की मार्ग पर बढ़ते गये, वे भाजपाइयों के आंखों के कांटा भी बनते गये। स्थिति अपने विपरित जाते देख प्रदेश के सभी भाजपा नेता गंदी राजनीति पर उतर आये। राजनीति भी ऐसी महिलाओं का अपमान, जिससे उनकी गंदी मानसिकता सामने आ गयी। महिला के आड़ में मुख्यमंत्री पर कथित तौर पर जो आरोप इन भाजपाइयों ने लगाना शुरू किया, वह अपने आप में शर्मनाक थी। हालांकि अब इनके पोल खुलने लगी है। 

चाहे सत्ता में रहे या विपक्ष में, सभी दौर  में भाजपाइयों ने महिलाओं का किया अपमान

महिलाओं के अपमान करने में तो भाजपा नेता काफी आगे रहे है। चाहे वे सत्ता में रहे थे या विपक्ष में, सभी में उन्होंने महिलाओं को अपमान ही किया। अपमान भी इतना कि उन्हें बदनाम करने की कोई कसर इन्होंने नहीं छोड़ी। जब वे सत्ता में थे, तो आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठी चार्ज तो कराया ही, एक बेटी के लिए न्याय मांगने वाले एक पिता को अपमान कर उस बेटी को ही बदनाम कर दिया। अब जब वे विपक्ष में हैं, तो एक महिलाओं के आड़ में साजिश रचकर भाजपाइयों ने मुख्यमंत्री को ही बदनाम करना चाहा। हालांकि उस महिला जिसका नाम आयशा बताया जा रहा है, खुद सामने आकर कह रही है कि बीजेपी नेता उन्हें बदनाम कर रहे है। 

हेमंत पर भाजपाइयों ने लगाया था गलत आरोप, सच सामने आया तो कह रहे,”महिला को नहीं जानते” 

बात दें कि भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि उक्त आयशा खान नाम की महिला ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। इसपर राज्य की राजनीति काफी गरमा गयी थी। भाजपा नेताओं ने तो ईमानदारी छवि वाले मुख्यमंत्री से पद छोड़ने की मांग कर रहे थे। लेकिन जब उस महिला को पता चला कि भाजपा नेता गलत बयानबाजी कर रहे है, तो वह महिला खुद सामने आकर बयान दी कि बीजेपी के लोग उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उसे ब्लैकमेल, डराया और धमकाया जा रहा है। उसके बारे में बहुत गलत-गलत ट्विट किया जा रहा है। इससे उसे बहुत डर लग रहा है। महिला आयशा ने यहां तक कह दिया कि अगर उसे कुछ होता है, तो उसके जिम्मेदार भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे सहित जहूर आलम और सुनील तिवारी होंगे। बस फिर क्या था जैसे ही सच सामने आया, तो भाजपाइयों ने यह कहना शुरू कर दिया कि उस महिला को वे जानते तक नहीं है।

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