मुख्यमंत्री ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली स्थित प्रतिमा को नमन कर “आपके अधिकार – आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम का किया शुभारंभ…
- 111 करोड़ रुपये की 27 योजनाओं का उद्घाटन.
- 31 योजनाओं का शिलान्यास एवं लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया.
- बेहतर कार्य करने वालों को सौंपा गया प्रशस्ति पत्र व नव नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र.
- सांकेतिक तौर पर यूनिवर्सल पेंशन योजना से लाभान्वित होने के लिए 5 लाभुकों ने मुख्यमंत्री को सौंपा आवेदन पत्र.
- बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा को मुख्यमंत्री ने भूमि बंदोबस्ती का पट्टा सौंपा
सरकार आपके द्वार आई है। हमें मिलकर सरकार की विकास योजनाओं को आगे बढ़ाना है। जनजाति समाज जागरूक बने। जरूरतमंदों को सहयोग नहीं करने वाले पदाधिकारी होंगे दंडित।
हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखण्ड
सरकार भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली नमन करने आई है, विकास की गठरी साथ लाई है
खूंटी, उलिहातु : धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु में उनके प्रतिमा को नमन कर मुख्यमंत्री द्वारा “आपके अधिकार – आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के शुभारंभ कार्यक्रम किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा – आज आपकी सरकार भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली को नमन करने आई है साथ में विकास की गठरी साथ लाई है. आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार तक पहुंचाने आयी है. आदिवासी समाज शैक्षणिक सामाजिक और आर्थिक रूप से हमेशा पीछे रहा है. लेकिन, आपके बीच का ही शख्स आज राज्य में विकास को गति देने में जुटा है.
यही वजह है कि उसके प्राथमिकताओं में राज्य की जल, जंगल और जमीन का संरक्षण रहता है. वह राशन कार्ड से वंचित 15 लाख जरूरतमंदों को हरा राशन कार्ड प्रदान कर रहा है. आदिवासी समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु विदेश भेज रहा है. उसकी सरकार में खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी जा रही है. अतः आपको सरकार के विकास कार्यों को मिलकर आगे बढ़ाना है. सरकार ने झारखण्ड के सभी वृद्धजनों को पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है. प्रक्रिया सरल बनाते हुए एपीएल और बीपीएल कार्ड की बाध्यता समाप्त की गई है. ताकि सरकारी योजना गांव-गांव तक पहुंचे. पदाधिकारी योजनाओं के लाभ देने में लापरवाही बरतेंगे तो उन्हें दंडित किया जाएगा.
जागरूकता से आने वाली पीढ़ी का संवरेगा भविष्य
मुख्यमंत्री– राज्य गठन से पूर्व बिरसा आबा की जयंती सिर्फ उनके गांव के अतिरिक्त कुछेक स्थानों में मनाई जाती थी. देश के लोग जब आजादी का सपना नहीं देखते थे उस समय यहां आजादी का बिगुल फूंका गया था. क्या कारण रहा देर से देश के पटल पर यहां के शहीदों का नाम पहुंचने में? क्यों पूर्व में बिरसा आबा की जयंती नहीं मनाई गई? हमने अलग राज्य भीख में नहीं मिली है, हमारे महापुरुष शहीद हुए, उन्होंने संघढ़ किया, बलिदान दिया तब जाकर हमें झारखण्ड मिला है. इसलिए जनजातीय समाज को जागरूक होने की जरूरत है. आपकी जागरूकता ही आने वाली पीढ़ी की भविष्य को संवार सकती है.
हेमन्त सरकार राज्यवासियों से ही खरीदेगी अंडे
मुख्यमंत्री – सरकार ने 6 दिनों तक स्कूली बच्चों को अंडा देने का निर्णय लिया है. लेकिन, विडंबना है कि अंडा अन्य राज्यों से मंगाना पड़ता है. राज्य के लोग मुर्गी पालन कर अण्डा का उत्पादन करें, सरकार उससे वह अंडे खरीदेगी. साथ ही, अन्य खाद्य सामग्री भी उत्पादित करें. पलाश ब्रांड के जरिए ग्रामीण महिलाओं द्वारा उत्पादित सामग्री को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है. इस कार्य को गति दी जा रही है. आज जरुरतमंद लोगों के बीच बकरी, मुर्गी एवं अन्य पशु पालन के लिए दी जा रही है.
ज्ञात हो, यहां सदियों से पशुपालन की परंपरा रही है. सरकार बस उसे मजबूती देने का कार्य कर रही है. हमें झारखण्ड की आने वाली पीढ़ी को मजबूत करना है, क्योंकि यहां बच्चों में कुपोषण की दर अधिक है. अगर घर में ही मांस, अंडा और दूध का उत्पादन होगा तो हमारी पीढ़ी स्वभाविक रुप से मजबूत होगी. इसलिए सरकार ऐसे योजनाओं पर जोर दे रही है. पूर्व के समय को याद करें तो आदिवासियों के पास पशुधन का भंडार हुआ करता था, लेकिन वह अब विलुप्त हो रहा है.