झारखंड राज्य की राजधानी रांची में स्थित पुराने जेल परिसर का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार करते हुए इस परिसर को “भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय” के रूप में कुल 142.31 करोड़ रुपए राशि से विकसित किया गया है. जिसमें 117.31 करोड़ रुपए झारखंड सरकार की ओर से एवं 25 करोड़ रुपए जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रदान की गई है. इस परिसर का कुल क्षेत्रफल लगभग 30 एकड़ है, जिसके लगभग 25 एकड़ भाग में भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान का विकास एवं निर्माण किया गया है, वहीं शेष लगभग 5 एकड़ में अवस्थित भगवान बिरसा मुंडा जेल का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार कार्य करते हुए इसे संग्रहालय के रूप में विकसित किया गया है.
आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं का है संगम
भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय के अंतर्गत परिसर में विशेष आकर्षक साज-सज्जा, बागवानी, म्यूजिकल फाउंटेन, फूड कोर्ट, चिल्ड्रन पार्क, इंफिनिटी पुल, पार्किंग तथा अन्य सामुदायिक सुविधाओं का निर्माण किया गया है.
झारखंड के अन्य वीर शहीदों की जीवनी से पर्यटक हो सकेंगे रूबरू
भगवान बिरसा मुंडा उद्यान सह संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र यह संग्रहालय है, जो जहां एक ओर भगवान बिरसा मुंडा एवं झारखंड के अन्य वीर शहीदों की जीवनी एवं भारत देश की आजादी के लिए उनके द्वारा किए गए संघर्ष की कहानी से राज्य, देश एवं विदेश के लोगों को अवगत कराएगा, वहीं यह राज्य के पर्यटन उद्योग को नई दिशा देगा और पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होगा.
भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा
जेल परिसर के बाहर “भगवान बिरसा मुंडा” की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. इस पूरे परिसर में लेजर और लाइट शो, चित्रपट एवं म्यूजिकल फाउंटेन, के माध्यम से जनजातीय क्रांति एवं झारखंड के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के जीवनी एवं संघर्षों को प्रदर्शित किया जाएगा.
जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की भी प्रतिमा है स्थापित
मुख्य भवन के आगे प्रांगण में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की 9 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित गई की गई है. जिनके नाम इस प्रकार हैं:- गंगा नारायण सिंह, पोटो हो, भागीरथी मांझी, वीर बुधु भगत, तेलंगा खड़िया, सिदो-कान्हू, नीलाम्बर-पीताम्बर, दिवा-किसुन, गया मुंडा एवं टाना भगत. प्रत्येक प्रतिमा के पीछे उनकी संघर्षपूर्ण जीवन को म्यूरल्स के द्वारा प्रस्तुत किया गया है.
झारखंड के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की भी मिलेगी जानकारी
म्यूजिकल फाउंटेन और वाटर स्क्रीन शो के द्वारा झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों यथा बाबा धाम मंदिर देवघर, चतरा का भद्रकाली इटखोरी मंदिर, रामगढ़ स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर, और गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में झारखंड की लोक आस्था, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के संदर्भ में जागरूकता का संचार पैदा करना है. जिससे कि लोग झारखंड की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहरों एवं कला को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए प्रेरित होंगे.