स्वास्थ्य सेवाओं के खस्ता हालत को लेकर भारत का अनुभव कोरोना महामारी के पहले ही दयनीय थी. जहाँ गरीबों के लिए इलाज किसी हादसे से कम नहीं थे और संस्थानों की मौत के मद्देनजर देश नयी बीमारी को लेकर कोई सुरक्षात्मक कदम उठाने के स्थिति में बिलकुल नहीं था. और मोदी सत्ता के चुनावी शंखनाद के बीच देश के लिए कोरोना सक्रमण से बच पाना असंभव था. इसी में दौर में गैर भाजपा शासित राज्यों में, घर बैठ भाजपा इकाइयों द्वारा सरकारों को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही थी. यह वही दौर था ऑक्सीजन कमी के मद्देनजर, भाजपा की केंद्रीय सत्ता को नागरिकों की जान की चिंता से अधिक अपनी छवि संवारने की पड़ी थी.
रवि प्रकाश के ट्विट में हेमंत सरकार के प्रति झलकी भावना

यह वहीं दौर था जब पत्रकार रवि प्रकाश के ट्विट में भावना झलकी कि राज्य का सौभाग्य है कि झारखंड में इस दौरान भाजपा का शासन नहीं था. वर्तमान मुख्यमंत्री ने अपनी क्षमता से बढ़कर काम किया. जिससे न केवल राज्य की स्थिति संभली. अन्य राज्यों को मदद मुहैया भी हुई. रवि प्रकाश ने अपने ट्विट में लिखा कि संक्रमण के दौरान झारखंड सरकार पल-पल साथ खड़ी रही. जिससे संक्रमण से लड़ने में उन्हें मानसिक ताकत मिली.