- श्रमिकों के रिजेक्टेड खाता में सुधार एवं योजनाओं का जिओ टैगिंग करने को दिए गए निर्देश
- मनरेगा में 50% महिलाओं की भागादारी के लिए दिए गए निर्देश
- मनरेगा में सिर्फ महिला मेट से ही लिया जाएगा कार्य
- दीदी बाड़ी, दीदी बगिया एवं जल समृद्धि समेत अन्य योजनाओं को भी गति देने का निर्देश
झारखंड मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने वर्चुअल बैठक में प्रखंडवार मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की. सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी से मनरेगा कार्य की पंचायातवार जानकारी ली. मनरेगा आयुक्त ने कोरोना काल में गाँवो में मनरेगा के तहत योजनाएं संचालित कर ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि गांव से पलायन न हो यह सुनिश्चित करें अन्यथा जवाबादेही तय कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही श्रमिकों को ससमय मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने के लिए BDO को निर्देश दिया गया.
मनरेगा में महिलाओं की 50% भागादारी के लिए उप विकास आयुक्तों को दिए गए निर्देश
बैठक में जल समद्धि योजना के तहत दीदी बाड़ी, दीदी बगिया, टीसीबी, समेत अन्य योजनाओं को गति देने के निर्देश दिये गए. दीदी बाड़ी योजना को अविलंब लाभुकों से जोड़ कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने पर जोर दिया गया. साथ ही सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को मनरेगा में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया.
रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, पीएफएमएस के द्वारा मनरेगा श्रमिकों के रिजेक्टेड खातों में अविलंब सुधार करने, शतप्रतिशत योजना का जिओ टेंगिंग करने एवं लक्ष्य के अनुरूप गांव में योजना संचालित कर मानव दिवस सृजन करने को लेकर निर्देश दिए गए. अपूर्ण योजनाएं को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करवाने पर भी जोर दिया गया.
रिक्त पदों पर जल्द करें नियुक्ति
आयुक्त ने मनरेगा के तहत राज्य भर में रिक्त पदों को अविलंब भरने का निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि युवाओं को रोजगार प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है. और इअसके तहत आने वाले तमाम योजनाओं को गति देने के भी निर्देश दिए गए.
लोगों के जीवन स्तर में सुधार प्रमुख लक्ष्य
आयुक्त ने कहा कि हेमंत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास करना हमारा मुख्य उद्देश्य है. जिला व प्रखण्ड स्तर पर सभी अधिकारियों को निरन्तर विकास के कार्यों के लिए प्रयासरत रहने की आवश्यकता है. ताकि इन योजनाओं का लाभ अंतिम पायदान पर खड़े लाभुक तक पहुंचाया जा सके.