कोरोना काल से सफलता पूर्वक उबरने के बाद हेमन्त सरकार का शेष दूसरा साल विकास के नाम 

झारखण्ड राज्य पूर्व की भाजपा की रघुवर सरकार की कुनीतियों से ग्रसित रहा. वह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करते-करते हांफने लगी. नतीजतन राज्य की सत्ता में परिवर्तन हुआ और मौजूदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य की सत्ता संभाली. हेमन्त सत्ता का पहला वर्ष का कार्यकाल कोरोना संक्रमण जैसे महामारी से जूझता रहा. दूसरा साल का भी अधिकाँश हिस्सा संक्रमण से उबरने में ही बीता. लेकिन महामारी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए राज्य की जनता को संकट से उबारा. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने देश भर में अगुवाई कर प्रवासी श्रमिकों की राज्य में वापसी कराई. और प्रथम स्थान पर खड़ा हो देश को ऑक्सीजन मुहैया कराई.

दूसरा साल भी – सरकार के बेहतर प्रबंधन से एक तरफ संक्रमित मरीज तेजी से स्वस्थ हुए तो दूसरी तरफ लॉकडाउन की समय सीमा व्यवस्थित तरीक से लागू किये जाने के कारण राज्य की जनता के बीच रोजी-रोजगार व खाद्य सामग्री की जुगाड़ में कठिनाई नहीं हुई. राज्य की महिलाओं को जन कल्याण योजनाओं से जोड़ रोजगार मुहैया कराई गयी तो दूसरी और मनरेगा योजना का सदुपयोग कर राज्य के आम गरीब जनता व वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के हाथों को काम दिया गया. यही नहीं सरकार ने इसी काल में राज्य के विकास हेतु नीतियों व योजनाओं पर निरंतर चिंतन-मंथन भी करती रही. जो संक्रमण के मद्धम पड़ते ही धरातल पर दिखने लगी.

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झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 को धरातल पर उतारा गया

दूसरा साल – हेमन्त सत्ता की पहल की धुरी नए सिरे से उद्योग-धंधे को संवारने के प्रयास के तौर पर दिखा. जिसके अक्स में झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 को धरातल पर उतारा गया. जिसके तहत लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल करना. इंडस्ट्री प्रमोशन टीम का गठन. साइकिल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना. फूड प्रोसेसिंग, लघु व कुटीर उद्योग, कुम्हारों एवं शिल्पकारों के उत्पाद पर  आधुनिक दृष्टिकोण. सेवा देने की गारंटी के तहत कुछ सेवाओं को प्रमुखता से जोड़ना. रेशम उत्पादन, हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी, कपड़ा, आदि सहित मौजूदा ग्रामीण उद्योगों को फिर से जीवंत करने जैसे प्रयास प्रमुखता से दिखे. कई उद्योग कंपनियों द्वारा उद्योग लगाने की शुरुआत हुई. 

राज्य में खेल व खिलाड़ियों की दशा-दिशा सवारने के लिए हेमंत सरकार में खेलों का निरंतर आयोजन हुआ. खेल पदाधिकारी की नियुक्तियां हुई. नयी खेल नीति की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ चुकी है. राज्य के खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहित किया जाने लगा है. साथ ही खनन के साथ राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा दिने की कवायद हुई. और तमाम नीतियों को एक दूसरे के साथ मर्ज कर राज्य की आर्थिक स्थिति को नए सिरे से मजबूती प्रदान करेने की भी प्रयास हुए हैं. 

जेपीएससी के परीक्षा संचालन को लेकर किया गया नियमावली का गठन 

दूसरा साल – अलग राज्य गठन के बाद झारखण्ड की त्रासदी रही कि 21 सालों में केवल 6 जेपीएससी (JPSC) की ही परीक्षा ली गई. जो विवादों में घिरी रही. जाहिर है यह महज इत्तेफाक भी नहीं था. इसके ठीक विपरीत, सत्ता में आते ही मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन द्वारा युवाओं के रोजगार पर ध्यान दिया जाने लगा. कोरोना काल होने के बावजूद उन्होंने न सिर्फ 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित किया बल्कि प्राथमिकता के आधार पर इस दिशा में काम भी किए गए. 

  • पहली बार जेपीएससी के परीक्षा संचालन को लेकर नियमावली का गठन किया गया. 
  • जेपीएससी की चार सालों की लंबित परीक्षा पहली बार 19 सितम्बर 2021 को एक साथ ली गई. इनमें सातवीं जेपीएससी की परीक्षा (2017), आठवीं (2018) नौंवी (2019) और दसवीं (2020) की परीक्षा शामिल है.
  • मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन की सरकार में जेपीएससी की नियमावली बनाने में ध्यान रखा गया कि पूर्व की विसंगतियों को खत्म किया जाये जिससे विवाद होता रहा है. 
  • हेमन्त सरकार द्वारा परीक्षा फीस 600 रुपए में भरी कटौती करते हुए मात्र 100 रुपए ली गई. 

आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए सरना धर्म कोड लागू कराने की दिशा में ईमानदार प्रयास

झारखण्ड राज्य गठन के 21 वर्ष के लम्बे कालखण्ड में झाऱखंड की किसी सरकार द्वारा आदिवासी अस्मिता के लिए सरना धर्म कोड लागू कराने की दिशा में प्रयास नहीं किया गया. लेकिन, मौजूदा हेमन्त सत्ता पूरी तरह इस दिशा में समर्पित हो जनजातीय जनमानस के भविष्य व अस्तित्व के लिए काम करती दिखी है. हेमन्त सरकार राज्य के इतिहास में पहली ऐसी सरकार है, जिसमे निःस्वार्थ व समर्पित प्रयास किया गया है. यदि केंद्र की भाजपा सरकार हेमन्त सरकार के इस फैसले पर मुहर लगाती है, तो झारखण्ड सहित अन्य राज्यों में रह रहे आदिवासियों को उनकी संस्कृति-परंपरा के मद्देनजर अपनी अलग पहचान मिल पाएगी. 

सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढाते हुए सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत 

दूसरा साल – लोक कल्याणकारी फैसले के मद्देनजर लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेने की दिशा में हेमन्त सरकार बढ़ी. गरीबी रेखा की बाध्यता को समाप्त कर लाखों वंचित जरूरतमंदो को इस सुरक्षा कवच के दायरे लाया गया. अबतक नियमों की वजह से उन्हें लाभ देना मुश्किल होता था. सभी जरूरतमंदों को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत हुई. इस के अंतर्गत 60 वर्ष की उम्र के सभी योग्य वृद्धजन, 18 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की निराश्रित महिलाएं जिसमें विधवा एकल एवं परित्यक्ता तीनों को शामिल है. 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र के दिव्यांगजन एवं एचआईवी एड्स से पीड़ित सभी लोगों को सहायता उपलब्ध हुई.

द झारखंड (प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग) बिल 2021 को भी दूसरा साल में पारित किया गया 

मॉब लिंचिंग की घटना रोकने के दिशा में हेमन्त सरकार बढ़ी. मॉब लिंचिंग से मौत होने पर दोषी को मौत की सजा मिले. इसके लिए द झारखंड (प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग) बिल 2021 का पारित किया गया. राज्य सरकार झारखण्ड के लोगों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए यह बिल ले कर आयी. अब इसमें दोषियों के विरुद्ध तीन तरह की सजा का प्रावधान है. लिंचिंग की घटना में मौत होने पर दोषी को मृत्यु दंड तक की सजा का प्रावधान है, ताकि राज्य में हिंसक भीड़ द्वारा गैर कानूनी ढंग से तोड़-फोड़, मारपीट की घटना में किसी को क्षति पहुंचाने या हत्या जैसी कृत्य का कोई दुस्साहस न करे. 

दूसरा साल का कार्यकाल : 2021 को नियुक्ति वर्ष की घोषणा के मद्देनजर विभिन्न विभागों में कुल 1016 पदों के लिए नियुक्ति विज्ञापन जारी

वर्ष 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित किय गया. नियुक्ति वर्ष के तहत राज्य में पहली बार नियमावली बनाकर संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा लेना का काम हुआ है. जेपीएसएसी मुख्य परीक्षा लेने की भी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. हेमन्त सरकार ने झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएसएसी) के तहत बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. आयोग द्वारा विभिन्न विभागों के लिए कुल 1016 पदों के लिए नियुक्ति विज्ञापन जारी हुआ है. इसमें 956 पद ग्रेजुएट लेवल और 60 पद वैज्ञानिक सहायक के लिए है. वहीं, शिक्षा विभाग के अंतर्गत मॉडल स्कूलों में लिपिक और आदेशपाल नियुक्ति का आदेश भी जारी हुआ है. 

किसानों की कर्ज राशि माफ हुई, 50% के अनुदान पर बीज की सौगात दी गयी

कृषि ऋण माफी योजना के तहत सरकार द्वारा 2000 करोड़ का बजटीय प्रावधान 2020-21 में किया गया. हालांकि, कोरोना संक्रमण के पहले लहर के प्रभाव में योजना को ज़मीनी रूप देने में जरुर देर हुई. लेकिन संक्रमण कम होते ही, किसानों की कर्ज राशि माफ हुई. हेमन्त  सरकार में किसानों को कई तरह की योजनाओं का लाभ दिया गया है। 50 प्रतिशत के अनुदान पर किसानों को बीज की सौगात दी गयी. कृषि पशुधन योजना के तहत किसानों को बैल, बकरी, सुकर आदि भी वितरित किये गए. पिछले कुछ महीनों में प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी सरकार प्रयासरत रही. किसानों को तकनीकी युक्त खेती के लिए भी प्रेरित किया गया.

दूसरा साल : “आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार” जैसे ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से मुख्यमंत्री द्वारा “आपके अधिकार – आपकी सरकार आपके द्वार” जैसे ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री ने स्वयं पाँचों प्रमंडलों का दौरा कर जनता से कहा कि सरकार आयी है विकास की गठरी भी साथ लाई है. कई मामलों में देखा गया कि पदाधिकारी निसहायों के घर पहुँच कर उनकी समस्या दूर की. झारखण्ड विधानसभा की शीतकालीन सत्र – 2021 के समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्डियों को उनका अधिकार मिले और सरकार की योजना उन क्षेत्रों तक पहुंचे, जहां अब तक पहुँच नहीं पाते थे, सरकार-अधिकारी साइकिल-ट्रैक्टर से उनके पास पहुंच रहे हैं. 5200 से अधिक शिविर आयोजित किए गए, जिसमें अब तक 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत निष्पादन करने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है.

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