Cm हेमन्त का परीक्षा में विश्वसनीयता बढ़ाने की कवायद सराहनीय 

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन के दूरदर्शी सोच ने परीक्षा पेपर लीक जैसे सामन्ती हथियार पर जोरदार हमला बोला है. राज्य सरकार ऐसे मामलों में 10 वर्ष की सजा वाले प्रावधान के क़ानून लाने की दिशा बढ़ चली है.

रांची : भारत एक जाति प्रधान दश है जहां मनुस्मृति आधारित विचारधारा प्रभावी है. और यह विचार फासी सत्ता या सामन्ती सत्ता के एजेंडे को मजबूती देता है. परीक्षा पेपर लीक जैसी घटना भी इसी कड़ी का हिस्सा भर है. जिसे एक हथियार के रूप में प्रयोग कर सामन्तवाद गरीबों व आरक्षित जातियों को संविधान में निहित नौकरी पाने के अधिकार से रोकता है. और सामन्ती गिरोह या मनुस्मृति विचारधारा सरकारी संस्थानों में सवर्णों की पैंठ सुनिश्चित करता है. 

सीएम हेमन्त का परीक्षा में विश्वसनीयता बढ़ाने की कवायद सराहनीय 

चूँकि भारत के संस्थानों में मनुस्मृति आधारित विचारधारा की अधिकता है ऐसे में यह काला खेल देश भर में निरंतर जारी रहता है. लेकिन, झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा सामंतवाद के इस संगठित काले व असंवैधानिक सोच पर सीधा हमला बोला गया है. सीएम ने स्पष्ट कहा है कि उनकी सरकार में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करनेवालों को 10 वर्ष की सजा मिलेगी. सरकार जल्द यह कानून बनाने जा रही है. बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रया सत्य की पुष्टि भी करती है.

सीएम का यह दूरदर्शी कदम राज्य के सभी वर्गों योग्य अभियार्थियों सामान अवसर देगा

ज्ञात हो, झारखण्ड के इतिहास में पहली बार सीएम हेमन्त के शासन में शिक्षा विकास व नियुक्तियों को प्राथमिकता मिली है. ऐसे में सीएम का यह प्रयोग न केवल परीक्षा की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा, गरीब, अरक्षित जातियों समेत सभी वर्ग को समान व निष्पक्ष अवसर मुहैया कराएगा. सीएम हेमन्त का 10 वर्ष सजा का यह प्रावधान न केवल एक सकारात्मक, दूरदर्शी कदम भी है. जो राज्य के परीक्षा परिणाम में योग्य अभियार्थियों के भविष्य को सुनिश्चित करेगा.

मसलन, सीएम हेमन्त सोरेन के इस ठोस कदम से राज्य में लोग परीक्षा पेपर लीक करने के बजाय परीक्षा तैयारी पर ध्यान देंगे. जिससे शिक्षा व संस्थान के कार्य प्रणाली में सुधार होगा और अभियार्थियों में निष्पक्षता और इंटेग्रिटी जैसे गुणों का विकास होगा. जो उन्हें प्रतिस्पर्धा में ईमानदार रहने को प्रोत्साहित करेगा. जिससे झारखंडियों के अधिकारों की रक्षा होगी और राज्य में एक स्वस्थ समाज की रचना होगी. यही तो राज्य के अमर महापुरुषों का भी सपना रहा है.

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