रघुबर दास का दंभ – CM था और हमेशा रहूँगा !

झारखंड की रघुबर दास की सरकार पहले से ही अपनी तानाशाही कार्यप्रणाली के कारण जनता के सवालिया कठघरे में खड़ी हो चुकी है, उसके बाद भी इनका अभिमानी रवैया जनता के समझ से परे है। इनका दंभ अब इनके वक्त्व्यों में साफ़-साफ़ दिखने लगा है। जनता के समक्ष दिए भाषणों, मीडिया में दिए बयानों में इनका अपने आपको सर्वेसर्वा बताने का गुमान साफ़ नज़र आता है।

हाल ही में जमशेदपुर में आयोजित अग्रसेन जयंती में मुख्यमंत्री रघुबर दास ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “मैं पहले भी CM था, आज भी हूँ, और हमेशा रहूँगा।” हालांकि ऐसा बयान CM रघुबर दास पहली बार नहीं दे रहे, इससे पहले हूल क्रान्ति के वर्षगाँठ पर भी इन्होंने बिल्कुल यही बयान दिया था। लेकिन इस बार अपने इस बेतुके कथन की पुनरावृत्ति की वजह से वह बुरे फंस गये। आलोचना को देखते हुए तुरंत मुख्यमंत्री महोदय ने अपने बयान में सफाई देते हुए कहा कि ‘CM’ से उनका संदर्भ कॉमन मैन से था। महोदय, कॉमन मैन वह होता है जिसे आम और गरीब जनता की समस्याओं और पीड़ाओं की समझ और फ़िक्र हो। बहरहाल, आपसे इस बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं!

हालांकि, इस पूरे प्रकरण में एक बात साफ़ झलकती है कि कहीं न कहीं रघुबर सरकार सत्ता के नशे में चूर हो चुकी है, इनकी कथनी और करनी दोनों पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है। वरना किसी राज्य के मुख्यमंत्री का खुलेआम जनता के समक्ष ऐसा बेतुका और घमंड भरा बयान बिलकुल शोभा नहीं देता है। वो अलग बात है कि रघुबर दास इसकी पुष्टि कर चुके हैं, परन्तु जनता अब इनके तौर-तरीकों से अच्छी तरह वाकिफ़ हो चुकी है कि या तो भाजपा सरकार आलोचनाओं को दबाने का प्रयास करती है या फिर अपनी ही बातों या वादों से बड़ी बेशर्मी से यू-टर्न ले लेती है।

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