झारखण्ड : सीएम हेमन्त का मंच से कहना कि राज्य की बहनों का राज्य के प्रति जुझारूपन उन्हें राज्यहित में कार्य करने की शक्ति और प्रेरणा देता है, महिला आत्मसम्मान के लिए ऐतिहासिक वक्तव्य.
रांची : सीएम हेमन्त सोरेन का कहना कि राज्य की महिलाओं का राज्य के प्रति जुझारूपन और समर्पण उन्हें राज्यहित में कार्य करने की शक्ति और प्रेरणा देता है. जब ऐसे वाक्य एक सीएम कहता है तो यह महज एक वाक्य भर नहीं रह जाता. यह महिला सशक्तिकरण के विचार, अधिकारों के प्रति जागरूकता, समाजिक-आर्थिक भूमिका, समग्र विकास जैसे क्रांतिकारी बदलाव से जा जुड़ता है. यदि पुरुषवादी नजरिये से इतर देखा जाए तो आधी आबादी का जुझारूपन न केवल एक सीएम के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है.
सीएम हेमन्त सोरेन के कथन का राजनितिक-समाजिक दृष्टिकोण
समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से यह वाक्य किसी समाज में आधा आबादी का सक्रिय रूप से समाज के सकारात्मक विकास में आधी भागीदारी को दर्शाता है. तो वहीं राजनीतिक दृष्टिकोण के अनुसार, यह वाक्य महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देता है. मसलन, यह वाक्य स्पष्ट रूप से देश-राज्य में आधी आबादी की योगदान को महत्ता देता है. यह स्पाष्ट दिखाता है कि महिलाएं सिर्फ घर तक सीमित रहने योग्य नहीं, बल्कि वे राज्य-देश के विकास में अहम भूमिका निभाने के काबिल हैं.
18 वर्ष से ही राज्य के महिलाओं को “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” का लाभ. आने वाले दिनों में प्रत्येक परिवार को मिलेगा 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि. सर्वजन पेंशन योजना का सफल क्रियान्वयन. झारखण्ड के संकटकाल में हमेशा ही राज्य की बहनों का सक्रीय और निर्णायक भूमिका. बच्चियों का भविष्य संवार रही हेमन्त सरकार. अगले 5 वर्षों में राज्य के 20 लाख आवास विहीन परिवारों का होगा अपना आशियाना जिसे शब्द… निश्चित रूप से किसी सीएम और सरकार का आधी आबादी उत्थान में ईमानदार प्रयास माना जा सकता है.